देहरादूनः पुलिस ने नकली दूध, मावा और पनीर बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है. देहरादून एसपी सिटी श्वेता चौबे ने भारी पुलिस बल के साथ थाना पटेलनगर क्षेत्र के शिमला बाईपास रोड भुड्डी गांव के पास नकली दूध पनीर, मावा फैक्ट्री में छापेमारी की. जहां भारी मात्रा में जहरीला दूध बनाने का कच्चा माल, यूरिया डिटर्जेंट केमिकल बरामद हुआ है.
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ईटीवी भारत की सूचना पर देहरादून पुलिस और खाद्य विभाग की टीम ने शिमला बाईपास स्थित भुड्डी गांव के पास एक ऐसी फैक्ट्री में छापा मारा जहां डिटर्जेंट पाउडर, नकली केमिकल और दूसरे सामानों से दूध, दही और पनीर बनाया जा रहा था. हैरानी की बात यह है कि यहां बनने वाला दूध, दही, पनीर ना केवल देहरादून के घरों में सप्लाई हो रहा था, बल्कि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में भी इसकी भारी तादाद में खपत होती थी. लेकिन जैसे ही खाद्य और पुलिस विभाग की टीम ने छापा मारा सभी हैरान रह गए. क्योंकि जिस स्थिती में यहां सभी सामान बनाया जा रहा था वहां पर रुकना भी मुश्किल भरा था.
देहरादून के थाना पटेल नगर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले भुड्डी गांव के सभी खेतों में नकली दूध फैक्ट्री का संचालन किया जा रहा था. मावा, पनीर और घी को ऐसे पदार्थों से बनाया जा रहा था जो सेहत के लिए बेहद ही खतरनाक और जानलेवा है. य़ह फैक्ट्री लगभग 1 साल से चल रही थी. इसका खुलासा तब हुआ जब ईटीवी भारत मौके पर पहुंचा और पुलिस को मामले की जानकारी दी.
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देहरादून एसपी सिटी श्वेता चौबे और खाद्य सुरक्षा अधिकारी मौके पर छापामारी करने पहुंचे तो फैक्ट्री संचालक फुरकान अली के होश उड़ गए. खाद्य सुरक्षा विभाग ने बदबूदार पनीर का सैंपल ले लिया है, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
ग्रामीणों का कहना है कि फैक्ट्री 1 साल से ज्यादा समय से चल रही है. हर दिन रात 10:00 बजे के बाद फैक्ट्री में ऐसे पदार्थ बनाए जाते हैं जिससे आसपास के इलाकों में बदबू फैल जाती है.
वहीं सूत्रों के मुताबिक सबसे हैरानी की बात यह सामने आई है कि शिमला बाईपास के भुड्डी गांव समीप खेतों में नकली फैक्ट्री का संचालन करने वाले फुरकान अली का पॉश कॉलोनी रेसकोर्स में डेयरी का बड़ा कारोबार भी है. इस डेयरी से विधायक हॉस्टल व पुलिस लाइन सहित महत्वपूर्ण संस्थानों में सप्लाई की जाती है. ऐसे में इस बात का संदेह जताया जा रहा है कि नकली दूध, पनीर, घी कितने ऐसे परिवारों के आगे परोसा जाता होगा जिनकी जिंदगी इस खाद्य पदार्थ से खतरे में पड़ सकती है.
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इस मामले में आरोपी फुरकान अली का कहना है कि वह ऐसा काम पिछले 2 महीने से कर रहा था. उसकी फैक्ट्री में पकड़ा गया पनीर पहले से ही खराब था, जिसे उसने संभाल कर रखा हुआ था. हालांकि फुरकान की यह बात कितनी सच है यह तो खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा लिए गए सैंपल का रिपोर्ट आने के बाद ही तय होगा.