देहरादून : हर्रावाला में रोजगार के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाला शातिर आरोपी आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया. एक साल से फरार चल रहा ढाई हजार का इनामी मृणाल धूलिया को नेहरू कॉलोनी पुलिस ने दिल्ली- सोनीपत हाईवे से गिरफ्तार किया है.
नेहरू कॉलोनी थाना पुलिस ने कोर्ट से गैर जमानती वारंट और कुर्की वारंट प्राप्त किया था. थाना डोईवाला पर भी आयुर्वेदिक पंचकर्म कोर्स कर रहे छात्रों से कोर्स के नाम पर पैसे लेने एवं डिग्री न देने के संबंध में भी मुकदमा दर्ज हुआ था, जिसमें भी धूलिया और उसकी पत्नी योगिता धूलिया लगातार फरार चल रही थी. इस मामले में मृत्युंजय मिश्रा की पहले ही गिरफ्तारी हो चुकी है.
बता दें, साल 2019 तत्कालीन बेरोजगार आयुर्वेदिक फार्मसिस्ट संघ के प्रदेश अध्यक्ष आजाद डिमरी ने नेहरू कॉलोनी थाने में केस दर्ज कराया था, जिसमें आरोप था कि मृणाल धूलिया और उसके कई साथियों ने फार्मसिस्ट के पदों पर नियुक्ति दिलाने के नाम पर करीब 54 लाख रुपये लिए, लेकिन नियुक्ति नहीं दिलाई गई. उसके बाद में कुल 87 लाख के चेक दिए लेकिन सभी बाउंस हो गए थे.
शिकायतकर्ता की तहरीर के आधार पर थाना नेहरू कॉलोनी में मुकदमा पंजीकृत हुआ था, लेकिन मृणाल धूलिया परिवार सहित देहरादून से फरार हो गया था. उच्च न्यायालय द्वारा मृणाल धूलिया को पुलिस के सामने उपस्थित होने का आदेश दिया गया था, लेकिन न्यायालय के आदेश के अनुसार भी पुलिस के सामने उपस्थित नहीं हुआ. जिसके बाद पुलिस टीम द्वारा न्यायालय से गैर जमानती वारंट और कुर्की वारंट प्राप्त किया गया.
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4 जुलाई को पुलिस टीम को सूचना मिली कि मृणाल धूलिया दिल्ली में ग्रीन पार्क एरिया में किसी सोसाइटी में फ्लैट में किराए पर रह रहा है. इस जानकारी पर थाना नेहरू कॉलोनी से पुलिस की एक टीम नई दिल्ली के लिए रवाना की गई. टीम जब तक दिल्ली पहुंची तो मृणाल धूलिया दिल्ली से जम्मू के लिए रवाना हो चुका था. बीते सोमवार को पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि मृणाल धूलिया जम्मू में मीटिंग के बाद वापस दिल्ली आ रहा है, इस पर पुलिस ने दिल्ली-सोनीपत हाईवे से मृणाल धूलिया को गिरफ्तार कर लिया.
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सीओ नेहरू कॉलोनी पल्ल्वी त्यागी ने बताया की आरोपी मूल रूप से कोटद्वार का रहने वाला है. साल 2006 से 2011 तक मुंबई में कंसल्टेंसी की जॉब करता था. साल 2011 में देहरादून में आकर रहने लगा. इसी दौरान आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय हर्रावाला से पंचकर्म कोर्स का एमओयू हुआ था. उसी दौरान मृत्युंजय मिश्रा से मुलाकात हुई थी और कई लोगों से रोजगार के नाम पर ठगी की गई थी. साथ ही पंचकर्म कोर्स कराने के नाम पर कई लोगों को दाखिला दिलाया था. बाद में पैसे न होने पर वापस देने के लिए लोगों को चेक दिया, लेकिन चेक भी बाउंस हो गए. जिसके बाद धूलिया बुरी तरह फंसता देख देहरादून छोड़कर बेंगलुरु भाग गया. कुछ दिन बेंगलुरु रहने के बाद मुंबई और फिर मुंबई के बाद दिल्ली में रहने लगा था.