देहरादून: राजपुर थाना पुलिस और एसओजी की संयुक्त टीम ने अंतरराज्यीय ऑनलाइन सट्टेबाज गिरोह का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने मालसी पार्क के पास से गिरोह के 8 सदस्यों को गिरफ्तार किया है. सभी आरोपी किराए के कमरे में रहकर गुवाहाटी में चल रहे भारत-श्रीलंका क्रिकेट मैच पर ऑनलाइन सट्टा खेलते और लगाते थे.
पुलिस के मुताबिक ये गिरोह रोजाना करीब 15 लाख रुपए यानी महीने में ऑनलाइन सट्टेबाजी से करीब डेढ़ करोड़ रुपए कमाते थे. वर्तमान में इस गैंग के कुल मिलाकर 17 बैंक अकाउंट की जानकारी मिली है, जिनको पुलिस फ्रीज करने की कार्रवाई कर रही है. जो आठ आरोपी पुलिस की गिरफ्तार में आए है, उनमें से 6 यूपी, एक छत्तीसगढ़ और एक उत्तराखंड के चमोली जिले का रहने वाला है. आरोपियों के पास से पुलिस को लैपटॉप, दो एलईडी टीवी, 21 फोन समेत अन्य सामान बरामद हुए हैं.
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इस गिरोह का पर्दाफाश करने वाली टीम को देहरादून एसएसपी ने 25 हजार रुपए देने की घोषणा की है. पुलिस के मुताबिक आरोपियों के नाम उस्मान चौधरी, सोहेल खान, शाकिब अली, तनसीर चौधरी, मौ दानिश, शाहिद, मौ इफ्तिखार और लक्ष्मण है.
दिल्ली में बैठता है मास्टरमाइंड: पुलिस पूछताछ में उस्मान ने बताया कि ऑनलाइन सट्टेबाजी की पूरा नेटवर्क दिल्ली से रोहित के नाम का व्यक्ति चलाता है. ऑनलाइन सट्टे के बारे में जानकारी देते हुए आरोपियों ने पुलिस को बताया कि टेलीग्राम ऐप चलाने वाले लोगों के मोबाइल में आरोपियों के सिस्टम से पॉपअप भेजा जाता है, जैसे ही ग्राहक पॉपअप पर क्लिक करता है तो उसे एक नंबर उपलब्ध होता है.
फिर ग्राहक नवंबर को वाट्सएप से लिंक करके उनसे संपर्क करता है, जहां से आरोपी उसका व्हाट्सएप डेटाबेस तैयार करते हैं. इस पूरे खेल के लिए गैंबलिंग साइटें हैं, जिसमें ग्राहक इच्छा अनुसार चयन करता है. तब हम ग्राहक को व्हाट्सएप के जरिये डिपॉजिट स्लिप उपलब्ध कराते हैं और बैंक की डिटेल दी जाती है, जिसमें पैसा आता-जाता रहता है.
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पेमेंट के बाद होती है ग्राहक की आईडी जनरेट: पेमेंट साइट के बाद आरोपी ग्राहक की आईडी जनरेट करते है और पासवर्ड ग्राहक को उपलब्ध कराते हैं और ग्राहक अपने गूगल क्रोम पर साइट खोलता है और सट्टा लगाना शुरू करता है. जीतने की स्थिति में वह जीता हुआ पैसा विड्रॉल करने के लिए व्हाट्सएप नम्बर पर संपर्क करता है और विड्रॉल फॉर्म भरता है और जीत की रकम उसके खाते में ट्रांसफर होती थी.
पकडे़ गये आरोपियों में दानिश ने बताया गया कि वो डिपॉजिट फोन पर सट्टा लगाने वाले ग्राहकों से यूपीआई के माध्यम से पैसा लेने का कार्य करता है. तनसीर ने बताया गया कि वह सट्टे मे जीतने वाले ग्राहकों के पैसे यूपीआई के माध्यम से उनके खाते में डालता है. एसएसपी दिलीप सिंह कुंवर ने बताया कि लैपटॉप चेक करने पर पाया गया कि आरोपियों ने पिछले एक महीने में करीब 15 लाख रुपए रोजाना ऑनलाइन सट्टे से कमाया है.