देहरादून: 26 साल से फरार इनामी अपराधी को गिरफ्तार करने में दून पुलिस को सफलता हाथ लगी है. देहरादून पुलिस टीम ने हरियाणा के पलवल स्थित एक चैरिटेबल अस्पताल से आरोपी को गिरफ्तार किया, जहां वह डॉक्टर की प्रैक्टिस कर रहा था. गिरफ्तारी के बाद उसे शनिवार को कोर्ट में पेश किया गया. जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है.
दून पुलिस के अनुसार वर्ष 1994 में पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी का फर्जी निजी सचिव बनकर आरोपी डॉक्टर सुधीर उर्फ शांति स्वरूप ने एक पिस्टल जारी करने की संस्तुति देने का फर्जीवाड़ा किया था. आरोपी मूल रूप से बिहार के सीतामढ़ी जिले का रहने वाला है और वहीं से उसने पढ़ाई कर एमबीबीएस डॉक्टर की डिग्री ली थी.
मामले की गंभीरता को देखते तत्कालीन उत्तर प्रदेश लखनऊ की सीआईडी टीम ने मामले की पूरी जांच की थी. ऐसे में मामला उजागर होने के बाद से अभियुक्त फरार चल रहा था. वही, वर्ष 2006 में उत्तराखंड पुलिस द्वारा फरार अपराधी पर इनाम घोषित किया गया. वर्तमान समय मे वांटेड अपराधियों की धरपकड़ अभियान के तहत 26 साल से फरार चल रहे इस अभियुक्त को देहरादून पुलिस टीम ने हरियाणा के पलवल स्थित एक चैरिटेबल अस्पताल गिरफ्तार किया है.
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वहीं, 26 साल बाद गिरफ्तार हुए आरोपी डॉक्टर सुधीर ने वर्ष 1994 में अपने द्वारा किए गए अपराध को कबूला लिया है. आरोपी ने बताया कि फरार होने के दौरान 1996 में एक एक्सीडेंट में घायल होने के बाद वह 2 साल कोमा में रहा और उसके बाद वह उत्तर प्रदेश मथुरा में गुपचुप तरीके से रहने लगा. वर्तमान समय में वह हरियाणा पलवल की एक चैरिटेबल अस्पताल में डॉक्टर की प्रैक्टिस कर रहा था.
मामले में देहरादून एसपी सिटी श्वेता चौबे ने बताया कि 1994 में पूर्व मुख्यमंत्री का फर्जी निजी सचिव बनकर एक पिस्टल जारी करने की संस्तुति अपराध में अभियुक्त के खिलाफ 420 ,419,467,468,471 जैसे अन्य संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज था. तत्कालीन उत्तर प्रदेश लखनऊ की सीआईडी टीम ने पहले इस मामले की जांच पूरी कर दी थी, लेकिन तभी से आरोपी ठिकाने बदल-बदल कर फरार चल रहा था. वर्तमान समय में वांटेड इनामी अपराधियों की धरपकड़ अभियान के तहत 26 साल से फरार चल रहे इस अभियुक्त को हरियाणा पलवल स्थित एक अस्पताल डॉक्टर के रूप में काम करते गिरफ्तार किया गया.