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ONGC के डीजीएम ने जहर खाकर काटी हाथ की नस, हालत गम्भीर

इस मामले में ओएनजीसी द्वारा शिकायत के आधार पर डीजीएम के बेटे से पूछताछ करने पर पता चला कि उनके पिताजी काफी दिनों से मानसिक तनाव में चल रहे थे, जिसके चलते उन्होंने ये कदम उठाया है.

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Published : Sep 10, 2020, 11:06 PM IST

देहरादून: देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक देहरादून स्थित ओएनजीसी के डायरेक्टर जनरल मैनेजर (डीजीएम) द्वारा संदिग्ध परिस्थितियों में जहर खाने और हाथ काट लेने की घटना सामने आई है. घटना की सूचना के बाद तत्काल ही डीजीएम खेमलाल आर्य को ओएनजीसी अस्पताल भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत बिगड़ती देख उन्हें सिनर्जी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. डॉक्टरों के मुताबिक, उनकी हालत चिंताजनक बनी हुई है. उनको वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है.

इस मामले में थाना कैंट प्रभारी इंस्पेक्टर विद्या भूषण नेगी ने जानकारी देते हुए बताया कि ओएनजीसी में इलेक्ट्रिक एंड टेलीकॉम यूनिट पर कार्यरत डीजीएम खेमलाल आर्य रोजाना की तरह गुरुवार (10 सितंबर) को भी ओएनजीसी अपने दफ्तर आए थे. ओएनजीसी से मिली सूचना के मुताबिक, दोपहर के समय उनके दफ्तर के कमरे में उनकी हालत ऐसी देखी गई. तत्काल ओएनजीसी में कार्यरत उनके बेटे को इसकी सूचना दी गई, जिसके बाद आनन-फानन में उन्हें ओएनजीसी अस्पताल एडमिट कराया गया. यहां डॉक्टरों ने उनकी हालत गंभीर देखते हुए उन्हें निजी अस्पताल में रेफर करने की सलाह दी.

पढ़ें- देहरादून: करंट लगने से दो युवकों की मौत, निर्माणाधीन मकान में कर रहे थे काम

इस मामले में ओएनजीसी द्वारा शिकायत के आधार पर डीजीएम के बेटे से पूछताछ करने पर पता चला कि उनके पिताजी काफी दिनों से मानसिक तनाव में चल रहे थे, जिसके चलते ऐसी आशंका जताई जा रही है कि उन्होंने ये कदम उठाया हो. हालांकि, पुलिस अभी सभी पहलुओं की भी जांच पड़ताल में जुटी है. वहीं, जानकारी के मुताबिक, डीजीएम की पत्नी का एक साल पहले देहांत हो चुका है. उनकी शादीशुदा बेटी बेंगलुरु में रहती है, जबकि, शादीशुदा बेटा ओएनजीसी में ही कार्यरत है.

देहरादून: देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक देहरादून स्थित ओएनजीसी के डायरेक्टर जनरल मैनेजर (डीजीएम) द्वारा संदिग्ध परिस्थितियों में जहर खाने और हाथ काट लेने की घटना सामने आई है. घटना की सूचना के बाद तत्काल ही डीजीएम खेमलाल आर्य को ओएनजीसी अस्पताल भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत बिगड़ती देख उन्हें सिनर्जी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. डॉक्टरों के मुताबिक, उनकी हालत चिंताजनक बनी हुई है. उनको वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है.

इस मामले में थाना कैंट प्रभारी इंस्पेक्टर विद्या भूषण नेगी ने जानकारी देते हुए बताया कि ओएनजीसी में इलेक्ट्रिक एंड टेलीकॉम यूनिट पर कार्यरत डीजीएम खेमलाल आर्य रोजाना की तरह गुरुवार (10 सितंबर) को भी ओएनजीसी अपने दफ्तर आए थे. ओएनजीसी से मिली सूचना के मुताबिक, दोपहर के समय उनके दफ्तर के कमरे में उनकी हालत ऐसी देखी गई. तत्काल ओएनजीसी में कार्यरत उनके बेटे को इसकी सूचना दी गई, जिसके बाद आनन-फानन में उन्हें ओएनजीसी अस्पताल एडमिट कराया गया. यहां डॉक्टरों ने उनकी हालत गंभीर देखते हुए उन्हें निजी अस्पताल में रेफर करने की सलाह दी.

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इस मामले में ओएनजीसी द्वारा शिकायत के आधार पर डीजीएम के बेटे से पूछताछ करने पर पता चला कि उनके पिताजी काफी दिनों से मानसिक तनाव में चल रहे थे, जिसके चलते ऐसी आशंका जताई जा रही है कि उन्होंने ये कदम उठाया हो. हालांकि, पुलिस अभी सभी पहलुओं की भी जांच पड़ताल में जुटी है. वहीं, जानकारी के मुताबिक, डीजीएम की पत्नी का एक साल पहले देहांत हो चुका है. उनकी शादीशुदा बेटी बेंगलुरु में रहती है, जबकि, शादीशुदा बेटा ओएनजीसी में ही कार्यरत है.

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