देहरादून: उत्तराखंड में तेजी से जड़ें मजबूत कर रहे नशा तस्करों के खिलाफ देहरादून की एनडीपीएस कोर्ट की सख्ती बरकरार है. शुक्रवार को देहरादून की एनडीपीएस कोर्ट के विशेष न्यायाधीश सुबीर कुमार की अदालत ने एक नशा तस्कर अरुण कुमार मलिक को दोषी करार देते हुए को डेढ़ साल की कठोर कारावास सुनाई. वहीं 5 हजार का अर्थदंड भी लगाया. जुर्माने की राशि अदा न करने पर अभियुक्त अरुण कुमार मलिक को एक माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. वहीं दूसरे मामले में एनडीपीएस कोर्ट में नई दिल्ली के अफीम तस्कर सरबजीत सिंह पुत्र सुरेंद्र पाल सिंह निवासी चंद्र नगर दिल्ली को दोषी करार देते हुए शनिवार सजा मुकर्रर की है.
पहले मामले में शासकीय अधिवक्ता मनोज शर्मा के मुताबिक मामला 9 सितंबर 2019 का है. जब देहरादून के थाना क्लेमेंट टाउन क्षेत्र में सब इंस्पेक्टर जिनेंद्र राणा द्वारा ट्रैफिक नियंत्रण चेकिंग के दौरान मुखबिर की सूचना पर अरुण कुमार मलिक को 2 किलो अवैध गांजे की तस्करी के चलते गिरफ्तार किया गया था. पुलिस द्वारा अभियुक्त के खिलाफ तमाम साक्ष्य सबूत के आधार पर चार्जशीट दाखिल की गई. 2 साल से चल रही कानूनी प्रक्रिया के तहत शनिवार अभियुक्त अरुण मलिक को तमाम साक्ष्यों सबूत के आधार पर दोषी करार देते हुए डेढ़ साल की सजा और 5,000 का जुर्माना लगाया.
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वहीं, दूसरे मामले में नशा तस्कर सरबजीत सिंह को 5 किलो अफीम तस्करी के आरोप में एनडीपीएस कोर्ट ने शुक्रवार को तमाम सबूतों और साक्ष्यों के आधार पर दोषी करार दिया है. कोर्ट इस मामले में शनिवार को अभियुक्त के खिलाफ सजा का निर्णय सुनाएगी. 10 जनवरी 2017 को रात लगभग 8:15 में थाना प्रेमनगर पुलिस ने अफीम तस्कर सरबजीत सिंह को 5 किलो अफीम के साथ नंदा चौकी के समीप घेराबंदी कर गिरफ्तार किया था. 3 साल से कानूनी प्रक्रिया संपूर्ण होने के बाद शुक्रवार को अफीम तस्कर सरबजीत को एनडीपीएस कोर्ट से दोषी करार दिया गया है.