देहरादून: कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में अपनी अहम भूमिका निभा रहे सफाई कर्मचारियों को राज्य सरकार कोरोना वॉरियर्स तो घोषित कर चुकी है. लेकिन, कोरोना वायरस के खिलाफ फ्रंट फुट पर लड़ रहे इन सफाई कर्मचारियों के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं नहीं कर पायी. जी हां, सफाई कर्मचारियों के लिए मास्क, ग्लब्स और सैनिटाइजर तो उपलब्ध कराए गये. लेकिन उच्च गुणवत्ता वाले मास्क अभी तक इन कर्मचारियों को नसीब नहीं हो पाए हैं. इन्हीं आधी-अधूरी तैयारियों के साथ ही देहरादून नगर निगम में करीब 1,895 सफाई कर्मचारी काम करने को मजबूर हैं.
देशव्यापी लॉकडाउन और कोरोना वायरस से जनता को बचाने के लिए सफाई कर्मचारी दिन-रात मेहनत कर रहे हैं. जिसका जीता जागता उदाहरण यह है कि रोजाना सुबह से ही सफाई कर्मचारी देहरादून को साफ करने के साथ ही गली-मोहल्लों में जाकर सैनिटाइज करने का काम कर रहे हैं.
हालांकि राज्य सरकार समय-समय पर सफाई कर्मचारियों का उत्साह बढ़ाने के लिए फूल मालाओं से स्वागत करती दिखायी देती रही है. लेकिन लोगों को सुरक्षित रखने के लिए दिन-रात गली-मोहल्लों को सैनिटाइज कर रहे सफाई कर्मचारी कैसे सुरक्षित रहेंगे, ये एक बड़ा सवाल है?
करीब 1,895 सफाई कर्मचारी हैं कार्यरत
देहरादून नगर निगम में करीब 1,895 सफाई कर्मचारी कार्यरत हैं. जिसमें 700 स्थायी कर्मचारी, 120 नालागैंग, 75 रात्रि कर्मचारी, 800 स्वच्छता समिति और 200 आउटसोर्सिंग सफाई मजदूर शामिल हैं. जो दिन-रात सभी वार्डो की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में जुटे हुए हैं. यही नहीं कोरोना वायरस से लड़ाई लड़ने को लेकर देहरादून नगर निगम के सभी वार्डों में दो-दो वार्ड, एक सुपरवाइजर के नेतृत्व में सैनिटाइज करने का काम कर रहे हैं. इसके साथ ही पूरे नगर निगम के भीतर 50 बड़ी गाड़ियां भी लगाई गई है, जो मुख्य चौक चौराहा के साथ ही गलियों में सैनिटाइज करने का काम कर रही है.
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उपलब्ध नहीं हो पा रहे पर्याप्त मास्क
राष्ट्रीय सफाई मजदूर संघ के नगर अध्यक्ष सोनू खैरवाल ने बताया कि प्रशासन ने सफाई कर्मचारियों को तमाम सामग्री उपलब्ध कराई हैं. लेकिन उच्च गुणवत्ता वाले मास्क उपलब्ध नहीं कराए गए हैं. जो मास्क उन्हें उपलब्ध कराए गए हैं, वह मात्र 6 घंटे तक ही चलते है. लेकिन उन्हें कई दिनों तक उसी मास्क से काम चलाना पड़ रहा है. हालांकि मेयर और अधिकारी इस बात का दावा करते रहे है कि कर्मचारियों को सारी सुविधाएं उपलब्ध है. लेकिन अब पर्याप्त मास्क ना होने के चलते सफाई कर्मचारी कब तक ऐसे ही काम करते रहेंगे, ये सवाल अभी भी यक्ष बना हुआ है?