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केंद्र सरकार की गाइडलाइन को ठेंगा दिखा रही निर्माण एजेंसियां, नगर आयुक्त ने जारी किया नोटिस

देहरादून में लोनिवि, स्मार्ट सिटी, एमडीडीए समेत कई निर्माण एजेंसियां केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पालन नहीं कर रही हैं. निर्माण एजेंसियां सड़कों या फिर सार्वजनिक जगहों पर निर्माण सामग्री और मलबा डाल रही हैं. खासकर सड़क किनारे निर्माण सामग्री रखने से जाम की स्थिति पैदा हो रही है. इसे लेकर देहरादून नगर निगम सख्त हो गया है.

Dehradun Municipal Corporation
केंद्र सरकार की गाइडलाइन
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Published : Sep 2, 2022, 4:41 PM IST

देहरादून: राजधानी देहरादून में निर्माण सामग्री व मलबा सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर डालने वाले सावधान हो जाएं. अब जो भी निर्माण एजेंसी सड़कों पर मलबा डालेगी, उसके खिलाफ देहरादून नगर निगम कार्रवाई करेगा. इसके लिए नगर आयुक्त ने लोनिवि, स्मार्ट सिटी, एमडीडीए समेत सभी निर्माण एजेंसियों को मलबे के भंडारण से संबंधित योजना बनाकर नगर निगम को मुहैया कराने को कहा है.

बता दें कि साल 2016 में केंद्र सरकार की ओर से गाइडलाइन जारी (Construction And Demolition Waste Management Rules 2016) की गई थी. जिसमें 6 महीने के भीतर संबंधित एजेंसी निर्माण सामग्री को निस्तारित करने की पूरी योजना (Construction And Demolition Waste) नगर निगम को उपलब्ध कराएंगी, लेकिन निर्माण एजेंसियों ने अब तक ऐसा नहीं किया है. जिसको लेकर देहरादून नगर निगम प्रशासन ने सभी निर्माण एजेंसियों को नोटिस जारी किया है.

गाइडलाइन को ठेंगा दिखा रही निर्माण एजेंसियां

इसके अलावा निजी भवन की कार्यदायी संस्थाओं के लिए भी बाइलॉज तैयार किया जा रहा है. जिसके बाद जो प्राइवेट कार्यदायी संस्था सड़कों पर मलबा और निर्माण सामग्री फैलाएंगी, उनके खिलाफ भी चालानी कार्रवाई की जाएगी. इसके बावजूद अधिकांश निर्माण एजेंसी या ठेकेदार निर्माण सामग्री, मलबा सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर फैला देते हैं, जो कई दिनों तक सड़कों पर पड़ी (Construction Material Lying on Road) रहती है. इससे यातायात प्रभावित होता है. साथ ही हादसों का डर बना रहता है.
ये भी पढ़ेंः पहाड़ के जर्जर हो चुके ब्रिटिशकालीन पुलों का होगा पुनर्निर्माण, लंबाई और चौड़ाई भी बढ़ेगी

देहरादून नगर आयुक्त मनुज गोयल (Dehradun Municipal Commissioner Manuj Goyal) ने बताया कि निर्माण सामग्री और मलबा सड़कों व सार्वजनिक स्थानों पर डाला जाता है, उसके संबंध में केंद्र सरकार की ओर से गाइडलाइन जारी की गई है. जिसमें सभी निर्माण जो किसी भी क्षेत्र में हो रहा हो, वो साल 2016 की गाइडलाइन के तहत 6 महीने के भीतर अपनी निर्माण सामग्री निस्तारित करने की पूरी योजना नगर निगम को उपलब्ध कराएं, लेकिन एजेंसियों ने आज तक उपलब्ध नहीं कराया है.

इस संबंध में सभी एजेंसियों को नोटिस जारी किए गया है. इसके अलावा कार्यदायी संस्थाओं और प्राइवेट व्यक्ति की ओर से भी सड़क पर निर्माण सामग्री व मलबा (पत्थर, रेत, बजरी, रोड़ी, गिट्टी, ईंट, मिट्टी, लोहा, सरिया) आदि फैलाया जाता है तो उसके संबंध में भी बायलॉज जारी किया जा रहा है. जिसकी कार्रवाई पूरी होने में करीब डेढ़ महीने लगेंगे. उसके बाद नगर निगम प्रशासन जुर्माने की कार्रवाई करेगा.

देहरादून: राजधानी देहरादून में निर्माण सामग्री व मलबा सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर डालने वाले सावधान हो जाएं. अब जो भी निर्माण एजेंसी सड़कों पर मलबा डालेगी, उसके खिलाफ देहरादून नगर निगम कार्रवाई करेगा. इसके लिए नगर आयुक्त ने लोनिवि, स्मार्ट सिटी, एमडीडीए समेत सभी निर्माण एजेंसियों को मलबे के भंडारण से संबंधित योजना बनाकर नगर निगम को मुहैया कराने को कहा है.

बता दें कि साल 2016 में केंद्र सरकार की ओर से गाइडलाइन जारी (Construction And Demolition Waste Management Rules 2016) की गई थी. जिसमें 6 महीने के भीतर संबंधित एजेंसी निर्माण सामग्री को निस्तारित करने की पूरी योजना (Construction And Demolition Waste) नगर निगम को उपलब्ध कराएंगी, लेकिन निर्माण एजेंसियों ने अब तक ऐसा नहीं किया है. जिसको लेकर देहरादून नगर निगम प्रशासन ने सभी निर्माण एजेंसियों को नोटिस जारी किया है.

गाइडलाइन को ठेंगा दिखा रही निर्माण एजेंसियां

इसके अलावा निजी भवन की कार्यदायी संस्थाओं के लिए भी बाइलॉज तैयार किया जा रहा है. जिसके बाद जो प्राइवेट कार्यदायी संस्था सड़कों पर मलबा और निर्माण सामग्री फैलाएंगी, उनके खिलाफ भी चालानी कार्रवाई की जाएगी. इसके बावजूद अधिकांश निर्माण एजेंसी या ठेकेदार निर्माण सामग्री, मलबा सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर फैला देते हैं, जो कई दिनों तक सड़कों पर पड़ी (Construction Material Lying on Road) रहती है. इससे यातायात प्रभावित होता है. साथ ही हादसों का डर बना रहता है.
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देहरादून नगर आयुक्त मनुज गोयल (Dehradun Municipal Commissioner Manuj Goyal) ने बताया कि निर्माण सामग्री और मलबा सड़कों व सार्वजनिक स्थानों पर डाला जाता है, उसके संबंध में केंद्र सरकार की ओर से गाइडलाइन जारी की गई है. जिसमें सभी निर्माण जो किसी भी क्षेत्र में हो रहा हो, वो साल 2016 की गाइडलाइन के तहत 6 महीने के भीतर अपनी निर्माण सामग्री निस्तारित करने की पूरी योजना नगर निगम को उपलब्ध कराएं, लेकिन एजेंसियों ने आज तक उपलब्ध नहीं कराया है.

इस संबंध में सभी एजेंसियों को नोटिस जारी किए गया है. इसके अलावा कार्यदायी संस्थाओं और प्राइवेट व्यक्ति की ओर से भी सड़क पर निर्माण सामग्री व मलबा (पत्थर, रेत, बजरी, रोड़ी, गिट्टी, ईंट, मिट्टी, लोहा, सरिया) आदि फैलाया जाता है तो उसके संबंध में भी बायलॉज जारी किया जा रहा है. जिसकी कार्रवाई पूरी होने में करीब डेढ़ महीने लगेंगे. उसके बाद नगर निगम प्रशासन जुर्माने की कार्रवाई करेगा.

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