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'आसमान' से होगा डेंगू के लार्वा पर अटैक, नगर निगम कर रहा ये काम

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Published : Jun 12, 2021, 9:48 PM IST

देहरादून नगर निगम रिस्पना और बिंदाल नदी से सटे बस्तियों में ड्रोन के जरिए डेंगू के लार्वा नष्ट करने के लिए छिड़काव करेगा. इसका ट्रायल सफल हो गया है.

drone dengue larvae
ड्रोन से डेंगू

देहरादूनः कोरोना संक्रमण के बीच अब डेंगू की बीमारी का डर भी सताने लगा है. क्योंकि, सूबे में मॉनसून दस्तक देने जा रहा है. ऐसे में बरसात के दौरान डेंगू फैलने का डर ज्यादा रहा है. इसके मद्देनजर नगर निगम प्रशासन हर मोर्चे पर काम शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में नगर निगम अब रिस्पना और बिंदाल नदी के किनारे की बस्तियों में डेंगू से निपटने के लिए ड्रोन का सहारा लेगा.

नगर निगम ने शनिवार को ड्रोन के जरिए बिंदाल नदी से सटी बस्तियों पर डेंगू के लार्वा नष्ट करने के लिए छिड़काव किया. जिसका ट्रायल पूरी से सफल रहा. अब रिस्पना और बिंदाल किनारे की बस्तियों में ड्रोन के जरिए डेंगू का लार्वा नष्ट करने के लिए छिड़काव का अभियान बड़े स्तर पर चलाया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः डेंगू से लड़ने की तैयारियां पूरी, ड्रोन से होगी निगरानी

दरअसल, बीते लंबे समय से निगम की ओर से वार्डों में डेंगू से निपटने के लिए फॉगिंग करने के साथ ही लार्वा नष्ट करने के लिए स्प्रे का छिड़काव किया जा रहा. क्योंकि, रिस्पना और बिंदाल के किनारे की बस्तियों में डेंगू का लार्वा पैदा होने की आशंका ज्यादा रहती है. नगर निगम ने तय किया है कि रिस्पना और बिंदास नदी के किनारे की बस्तियों में ड्रोन के जरिए लार्वा नष्ट करने को छिड़काव किया जाएगा.

नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने बताया कि बरसात को देखते हुए नगर निगम ने डेंगू से निपटने के लिए पूरी ताकत लगाई हुई है. वार्डों में फॉगिंग लगातार की जा रही है. स्प्रे का छिड़काव करने का काम भी किया जा रहा है. रिस्पना और बिंदाल के किनारे कई बस्तियां हैं. इन बस्तियों में लार्वा पैदा होने की संभावना ज्यादा रहती है. इसलिए इन बस्तियों में भी ड्रोन से छिड़काव किया जाएगा.

डेंगू फैलने से ऐसे रोकें

  • बरसात के दौरान घरों में पानी जमा न होने दें.
  • कूलर से समय-समय पर पानी निकालते रहें.
  • गमलों में पानी इकट्ठा न होने दें.
  • टायर में पानी जमा न होने दें.
  • साफ-सफाई का विशेष ध्यान दें.
  • पूरे बाजू वाले कपड़े पहनें.
  • सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें.

डेंगू के लक्षण

बता दें कि डेंगू और मलेरिया दोनों ही मादा मच्छर के काटने से होते हैं. डेंगू एक तरह का वायरस है जो एडीस नाम के मादा मच्छर के काटने से शरीर में फैलता है. यदि किसी व्यक्ति को डेंगू हो जाए तो उसे तेज बुखार आने के साथ ही उल्टी, शरीर में दर्द और अकड़न की शिकायत होती है. इसके साथ ही डेंगू के शिकार व्यक्ति के खून में मौजूद प्लेटलेट्स भी तेजी से कम होने लगते हैं.

ये भी पढ़ेंः स्वास्थ्य महकमे को कोरोना के बीच सताई डेंगू की चिंता, अभी से कसी कमर

मलेरिया के लक्षण

वहीं, बात मलेरिया की करें तो मलेरिया मादा एनाफिलिस मच्छर के काटने से होता है. इस मच्छर में प्लाज्मोडियम नाम का परजीवी पाया जाता है. जिसके कारण व्यक्ति को तेज बुखार आने के साथ ही कंपकंपी का अहसास होने लगता है. इसके साथ ही व्यक्ति को तेज सिर दर्द का भी एहसास होता है.

मलेरिया एक व्यक्ति को साल में कभी भी हो सकता है, लेकिन डेंगू का मच्छर सबसे ज्यादा सक्रिय जून महीने से लेकर अक्टूबर महीने तक रहता है. ऐसे में इन 5 महीनों में लोगों को डेंगू से बचाव के लिए विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है. डॉक्टर और विशेषज्ञ डेंगू से बचाव के लिए यह सलाह देते हैं कि अपने घर और आसपास के इलाकों में कहीं भी साफ पानी इकट्ठा न होने दें, क्योंकि डेंगू का मच्छर साफ पानी में ही पनपता है.

देहरादूनः कोरोना संक्रमण के बीच अब डेंगू की बीमारी का डर भी सताने लगा है. क्योंकि, सूबे में मॉनसून दस्तक देने जा रहा है. ऐसे में बरसात के दौरान डेंगू फैलने का डर ज्यादा रहा है. इसके मद्देनजर नगर निगम प्रशासन हर मोर्चे पर काम शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में नगर निगम अब रिस्पना और बिंदाल नदी के किनारे की बस्तियों में डेंगू से निपटने के लिए ड्रोन का सहारा लेगा.

नगर निगम ने शनिवार को ड्रोन के जरिए बिंदाल नदी से सटी बस्तियों पर डेंगू के लार्वा नष्ट करने के लिए छिड़काव किया. जिसका ट्रायल पूरी से सफल रहा. अब रिस्पना और बिंदाल किनारे की बस्तियों में ड्रोन के जरिए डेंगू का लार्वा नष्ट करने के लिए छिड़काव का अभियान बड़े स्तर पर चलाया जाएगा.

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दरअसल, बीते लंबे समय से निगम की ओर से वार्डों में डेंगू से निपटने के लिए फॉगिंग करने के साथ ही लार्वा नष्ट करने के लिए स्प्रे का छिड़काव किया जा रहा. क्योंकि, रिस्पना और बिंदाल के किनारे की बस्तियों में डेंगू का लार्वा पैदा होने की आशंका ज्यादा रहती है. नगर निगम ने तय किया है कि रिस्पना और बिंदास नदी के किनारे की बस्तियों में ड्रोन के जरिए लार्वा नष्ट करने को छिड़काव किया जाएगा.

नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने बताया कि बरसात को देखते हुए नगर निगम ने डेंगू से निपटने के लिए पूरी ताकत लगाई हुई है. वार्डों में फॉगिंग लगातार की जा रही है. स्प्रे का छिड़काव करने का काम भी किया जा रहा है. रिस्पना और बिंदाल के किनारे कई बस्तियां हैं. इन बस्तियों में लार्वा पैदा होने की संभावना ज्यादा रहती है. इसलिए इन बस्तियों में भी ड्रोन से छिड़काव किया जाएगा.

डेंगू फैलने से ऐसे रोकें

  • बरसात के दौरान घरों में पानी जमा न होने दें.
  • कूलर से समय-समय पर पानी निकालते रहें.
  • गमलों में पानी इकट्ठा न होने दें.
  • टायर में पानी जमा न होने दें.
  • साफ-सफाई का विशेष ध्यान दें.
  • पूरे बाजू वाले कपड़े पहनें.
  • सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें.

डेंगू के लक्षण

बता दें कि डेंगू और मलेरिया दोनों ही मादा मच्छर के काटने से होते हैं. डेंगू एक तरह का वायरस है जो एडीस नाम के मादा मच्छर के काटने से शरीर में फैलता है. यदि किसी व्यक्ति को डेंगू हो जाए तो उसे तेज बुखार आने के साथ ही उल्टी, शरीर में दर्द और अकड़न की शिकायत होती है. इसके साथ ही डेंगू के शिकार व्यक्ति के खून में मौजूद प्लेटलेट्स भी तेजी से कम होने लगते हैं.

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मलेरिया के लक्षण

वहीं, बात मलेरिया की करें तो मलेरिया मादा एनाफिलिस मच्छर के काटने से होता है. इस मच्छर में प्लाज्मोडियम नाम का परजीवी पाया जाता है. जिसके कारण व्यक्ति को तेज बुखार आने के साथ ही कंपकंपी का अहसास होने लगता है. इसके साथ ही व्यक्ति को तेज सिर दर्द का भी एहसास होता है.

मलेरिया एक व्यक्ति को साल में कभी भी हो सकता है, लेकिन डेंगू का मच्छर सबसे ज्यादा सक्रिय जून महीने से लेकर अक्टूबर महीने तक रहता है. ऐसे में इन 5 महीनों में लोगों को डेंगू से बचाव के लिए विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है. डॉक्टर और विशेषज्ञ डेंगू से बचाव के लिए यह सलाह देते हैं कि अपने घर और आसपास के इलाकों में कहीं भी साफ पानी इकट्ठा न होने दें, क्योंकि डेंगू का मच्छर साफ पानी में ही पनपता है.

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