देहरादून: राजधानी के मालदेवता इलाके में बुधवार देर रात सड़क पर आए मलबे की एक बहुत बड़ी वजह बादल फटने को माना जा रहा है. मगर मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के मुताबिक इसकी वजह बादल फटना नहीं है. ईटीवी भारत से बात करते हुए मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के प्रभारी निदेशक रोहित थपलियाल ने बताया कि बादल फटना उस स्थिति को माना जाता है. जब महज एक घंटे में किसी इलाके में 100 मिलीमीटर या इससे अधिक बारिश दर्ज की जाती है.
बात अगर बुधवार रात देहरादून के अलग-अलग इलाकों में हुई बारिश की करें तो यहां 3 घंटे के अंतराल में 45 मिलीमीटर के आसपास बारिश रिकॉर्ड की गई है. जिसे बादल फटना नहीं कहा जा सकता. मालदेवता इलाके में सड़क पर जो मलबा आया है उसकी वजह भारी बारिश है न कि बादल फटना.
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गौरतलब है कि मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के मुताबिक प्रदेश में प्री मॉनसून बरसात की शुरुआत हो चुकी है. 3 जून को केरल में दस्तक के बाद अब मॉनसून उत्तर पूर्वी भारत की ओर बढ़ चला है. जिसकी वजह से उत्तराखंड राज्य में भी प्री मानसून बारिश शुरू हो चुकी है. वहीं, उत्तराखंड राज्य में आगामी 24 जून के आसपास मॉनसून पूरी तरह पहुंच जाएगा.