देहरादून: हर धर्म में त्योहारों का अपना अलग ही महत्व होता है. हिंदू मान्यता के अनुसार अक्षय तृतीया एक ऐसा त्योहार है, जिस दिन मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना की जाती है. वहीं, इस दिन सोने-चांदी से बने आभूषणों की खरीदारी करने को भी बेहद ही शुभ माना गया है, लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच इस बार अक्षय तृतीया के मौके पर देहरादून के सर्राफा बाजार में पूरी तरह सन्नाटा पसरा नजर आ रहा है. पलटन बाजार स्थित सराफा बाजार का जब ईटीवी भारत की टीम ने रुख किया तो पाया कि यहां मौजूद सभी आभूषणों की दुकानों में ताले लटके हुए हैं.
सर्राफा व्यापारियों के लिए साल 2020 की अक्षय तृतीया भी इसी तरह सन्नाटे से भरी थी. कोरोना की पहली लहर के चलते जहां तब लॉकडाउन जारी था. तो वहीं, इस बार कोरोना भी की दूसरी लहर के चलते शहर में कोविड कर्फ्यू जारी है.
दून युवा सर्राफा मंडल के महासचिव गौरव रस्तोगी बताते हैं कि देहरादून में एक हजार ज्वेलरी शॉप हैं. लेकिन सभी ज्वेलरी शॉप कोविड कर्फ्यू के चलते बंद हैं. हालांकि, यह सराफा व्यापारियों के लिए लाखों के नुकसान का दौर है. लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच यह भी जरूरी है कि फिलहाल घरों में सुरक्षित रहा जाए.
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बता दें, अक्षय तृतीया के मौके पर हर साल ज्वेलरी शॉप्स में भारी भीड़ देखने को मिलती थी. स्थिति कुछ यह होती थी कि सुबह से लेकर देर रात तक लोग सोने-चांदी के आभूषणों की खरीदारी किया करते थे. लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते इस बार तस्वीर पूरी तरह से बदली हुई है. जहां तक भी नज़र दौड़ाए बाज़ारों में सिर्फ और सिर्फ सन्नाटा पसरा ही नज़र आ रहा है.