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देहरादून: बाल श्रम और भिक्षावृत्ति को लेकर डीएम सख्त, जिला टास्क फोर्स को दिए निर्देश

देहरादून समेत जनपद के अन्य हिस्सों में बच्चों को भीख मांगते हुए देखना या फिर किसी भी तरह की मजदूरी करते हुए देखना अब आम बात हो चली है. जनपद में बाल श्रम और बाल भिक्षावृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए जिलाधिकारी की ओर से जिला टास्क फोर्स समिति को सख्त दिशा-निर्देश दिये गए हैं.

बाल श्रम
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Published : Nov 6, 2020, 7:52 PM IST

Updated : Nov 6, 2020, 10:53 PM IST

देहरादून: राजधानी समेत जनपद के अन्य हिस्सों में बच्चों को भीख मांगते हुए देखना या फिर किसी भी तरह की मजदूरी करते हुए देखना अब आम बात हो चली है. ऐसे में जनपद में बाल श्रम और बाल भिक्षावृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए जिलाधिकारी की ओर से जिला टास्क फोर्स समिति को सख्त दिशा-निर्देश दिये गए हैं.

जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में हुई जिला टास्क फोर्स समिति की बैठक में जिलाधिकारी ने श्रम विभाग, पुलिस विभाग और समिति के सदस्यों को सख्त दिशा निर्देश दिये हैं. जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया कि यदि जनपद में कहीं भी कोई बच्चा भिक्षावृत्ति या मजदूरी करते पाया जाता है तो तत्काल प्रभाव से आपसी समन्वय से बच्चे को रेस्क्यू किया जाए. साथ ही अभिभावक द्वारा बच्चे से भिक्षावृत्ति या बाल मजदूरी क्यों कराई जा रही है, इसका पता लगाया जाए.

वहीं, दूसरी तरफ जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव की तरफ से यह भी साफ किया गया कि यदि बच्चे के माता-पिता मजबूरी में अपने बच्चे से बाल मजदूरी या फिर भिक्षावृत्ति करा रहे हैं, तो इस स्थिति में बच्चे के माता-पिता की कांउसिलिंग कर उन्हें मुख्य विकास अधिकारी और सेवायोजन विभाग के सहयोग से प्रशिक्षण दिया जाए. जिससे कि वह स्वरोजगार से जुड़कर अपना और अपने बच्चों का भरण पोषण कर सकें.

पढ़ें: जम्मू-कश्मीर : पम्पोर मुठभेड़ में दो आतंकी ढेर, एक ने किया सरेंडर

गौरतलब है कि जिलाधिकारी की तरफ से सख्त लहजे में उन लोगों पर भी नजर रखने को कहा गया है जो लोग बच्चों से भिक्षावृत्ति कराते हैं या फिर बाल मजदूरी करा रहे हैं. यदि कोई भी व्यक्ति ऐसे किसी भी अपराध में लिप्त पाया जाएगा तो उसके खिलाफ तुरंत कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

देहरादून: राजधानी समेत जनपद के अन्य हिस्सों में बच्चों को भीख मांगते हुए देखना या फिर किसी भी तरह की मजदूरी करते हुए देखना अब आम बात हो चली है. ऐसे में जनपद में बाल श्रम और बाल भिक्षावृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए जिलाधिकारी की ओर से जिला टास्क फोर्स समिति को सख्त दिशा-निर्देश दिये गए हैं.

जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में हुई जिला टास्क फोर्स समिति की बैठक में जिलाधिकारी ने श्रम विभाग, पुलिस विभाग और समिति के सदस्यों को सख्त दिशा निर्देश दिये हैं. जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया कि यदि जनपद में कहीं भी कोई बच्चा भिक्षावृत्ति या मजदूरी करते पाया जाता है तो तत्काल प्रभाव से आपसी समन्वय से बच्चे को रेस्क्यू किया जाए. साथ ही अभिभावक द्वारा बच्चे से भिक्षावृत्ति या बाल मजदूरी क्यों कराई जा रही है, इसका पता लगाया जाए.

वहीं, दूसरी तरफ जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव की तरफ से यह भी साफ किया गया कि यदि बच्चे के माता-पिता मजबूरी में अपने बच्चे से बाल मजदूरी या फिर भिक्षावृत्ति करा रहे हैं, तो इस स्थिति में बच्चे के माता-पिता की कांउसिलिंग कर उन्हें मुख्य विकास अधिकारी और सेवायोजन विभाग के सहयोग से प्रशिक्षण दिया जाए. जिससे कि वह स्वरोजगार से जुड़कर अपना और अपने बच्चों का भरण पोषण कर सकें.

पढ़ें: जम्मू-कश्मीर : पम्पोर मुठभेड़ में दो आतंकी ढेर, एक ने किया सरेंडर

गौरतलब है कि जिलाधिकारी की तरफ से सख्त लहजे में उन लोगों पर भी नजर रखने को कहा गया है जो लोग बच्चों से भिक्षावृत्ति कराते हैं या फिर बाल मजदूरी करा रहे हैं. यदि कोई भी व्यक्ति ऐसे किसी भी अपराध में लिप्त पाया जाएगा तो उसके खिलाफ तुरंत कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

Last Updated : Nov 6, 2020, 10:53 PM IST
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