देहरादून: द्वाराहाट बीजेपी विधायक महेश नेगी से जुड़े ब्लैकमेलिंग व यौन शोषण मामले में नया मोड़ आ गया है. शनिवार को देहरादून के एसीजीएम पंचम कोर्ट ने महिला द्वारा लगाये गए यौन उत्पीड़न के आरोपों पर थाना नेहरू कॉलोनी पुलिस को विधायक और उनकी पत्नी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं.
गौर हो कि इससे पहले महिला ने एसीजेएम पंचम कोर्ट में 156 (3) CRPC के तहत विधायक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का प्रार्थना पत्र प्रेषित किया था. जिस पर बहस के बाद कोर्ट ने थाना नेहरू कॉलोनी को विधायक और उसके पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच के आदेश दिए हैं.
आरोपित महिला पक्ष के अधिवक्ता एसपी सिंह ने बताया कि कोर्ट ने यह भी माना है कि विधायक की ने पत्नी महिला को दुष्कर्म की शिकायत वापस लेने के लिए पहले पांच और फिर 25 लाख का प्रलोभन दिया गया. ऐसे में विधायक और उसकी पत्नी के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच की जाए.
विधायक पक्ष के वकील संजीव कौशिक ने बताया कि आरोपित महिला की ओर से पुलिस को दी गई तहरीर और कोर्ट में दाखिल किए गए प्रार्थना पत्र में काफी भिन्नता है. दोनों प्रार्थना पत्रों कई विषय अलग-अलग पाए गए हैं, ऐसे में यह साफ हैं कि आरोपी महिला ने कोर्ट को गुमराह करते हुए विधायक के ऊपर दबाव बनाने के चलते मुकदमा दर्ज करने के आदेश प्राप्त किए हैं.
संजीव कौशिक का यह भी कहना है कि इस मामले में अब महिला के खिलाफ देहरादून से लेकर हाई कोर्ट तक अपील दायर करेंगे, ताकि महिला का चेहरा बेनकाब हो सके. उन्होंने कहा कि महिला इससे पहले भी अन्य कई लोगों को ब्लैकमेल कर चुकी है. उसके द्वारा उत्तर प्रदेश शामली के जिस सरकारी अस्पताल में अपने बच्चे की डीएनए कराने की जांच की बात फर्जी पाई गई है.
पुलिस की जांच में शामिल है महिला का प्रार्थना पत्र
बता दें, इस मामले में पहले बीजेपी विधायक की पत्नी द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर आरोपित महिला सहित चार नामजद लोगों के खिलाफ ब्लैकमेलिंग का मुकदमा दर्ज है. हालांकि, महिला द्वारा भी एक तहरीर देने पर पुलिस दोनों पक्षों की ओर से आरोप-प्रत्यारोप वाले सभी शिकायत पत्रों के आधार पर सबूत जुटाकर जांच पड़ताल कर रही हैं. पुलिस ने दर्ज मुकदमे में आरोपित महिला वाली तहरीर की भी जांच में शामिल कर लिया है.