देहरादून: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से चलाई जा रही क्वालिटी एश्योरेंस और लक्ष्य कार्यक्रम के तहत साल 2022-23 में प्रदेश के 144 अस्पतालों को कायाकल्प सम्मान से सम्मानित किया गया है. जबकि साल 2021-22 में प्रदेश के 94 अस्पतालों को कायाकल्प सम्मान से सम्मानित किया गया था. दरअसल, देहरादून में बेहतर प्रदर्शन करने वाले अस्पतालों को कायाकल्प सम्मान से सम्मानित किए जाने को लेकर समारोह का आयोजन किया गया. समारोह में देहरादून जिला अस्पताल और उधम सिंह नगर जिला अस्पताल को श्रेष्ठ जिला अस्पताल का अवार्ड दिया गया. कायाकल्प सम्मान के लिए चयनित 144 अस्पतालों को कुल 2 करोड़ रुपए की धनराशि पुरस्कार के रूप में दी गई.
कायाकल्प सम्मान के लिए अस्पतालों का चयन 8 बिंदुओं पर किया गया. जिसके तहत अस्पतालों के रख रखाव, बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट, स्वच्छता, हाइजीन प्रमोशन, इन्फेक्शन कंट्रोल प्रैक्टिस और पेशेंट के फीडबैक के आधार पर किया गया. गुरुवार को आयोजित कायाकल्प सम्मान समारोह में 10 जिला चिकित्सालय, 12 उप जिला चिकित्सालय, 16 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 41 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 64 आयुष्मान आरोग्य मंदिर और एक शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को कार्यक्रम अवार्ड दिया गया. अस्पतालों को मिलने वाले नकद पुरस्कार की बात करें तो देहरादून और उधम सिंह नगर के जिला अस्पताल को 25-25 लाख रुपए की धनराशि, हरिद्वार के मेला अस्पताल को बेस्ट उप जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, शाहिया को बेस्ट पीएचसी की श्रेणी में 7.5, 7.5 लाख रुपए की धनराशि दी गई.
इसके अलावा इको फ्रेंडली अस्पताल के तहत गोपेश्वर जिला अस्पताल को 13 लाख रुपए की धनराशि दी गई. साथ ही इको फ्रेंडली अस्पताल की श्रेणी में नैनीताल के सीएससी बेतालघाट और गरमपानी को 6-6 लाख रुपए की धनराशि दी गई. हालांकि, अस्पतालों को मिलने वाली ये धनराशि उसी अस्पताल के व्यवस्थाओं को अधिक बेहतर करने के लिए खर्च किया जाएगा. स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश के 144 अस्पतालों को कायाकल्प अवार्ड से सम्मानित किया गया है. कायाकल्प अवार्ड के लिए अस्पतालों का चयन आठ पैरामीटर के आधार पर किया जाता है.
स्वास्थ्य के क्षेत्र में राज्य और केंद्र सरकार बेहतर प्रयास कर रही है. जिसके क्रम में अस्पतालों में वार्ड ब्वाय से लेकर डॉक्टरों तक के सभी पदों को भरा जा रहा है. इसके साथ ही सभी जिला अस्पतालों को टारगेट दिया है. साल 2024 के अंत तक एनएबीएच के मानकों के अनुरूप हो जाए. ताकि प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों को एनएबीएच (National Accreditation Board for Hospitals & Healthcare Providers) से मान्यता दिला सकें.