देहरादूनः राजधानी देहरादून के आदर्श नगर में अपनी गर्भवती बहन व उसकी 5 साल की बच्ची और माता पिता सहित पांच लोगों को बेरहमी से मौत के घाट उतारने वाले को देहरादून ADJ 5th कोर्ट ने दोषी करार दिया है. मंगलवार को सजा का ऐलान किया जाएगा.
साल 2014 के इस जघन्य मामले में देहरादून पंचम अपर सत्र न्यायाधीश आशुतोष मिश्रा की अदालत द्वारा कानूनी प्रक्रिया और सुबूतों के आधार पर अभियुक्त हरमीत सिंह को आईपीसी की 302, 307 व 316 जैसी जघन्य धाराओं में दोषी करार दिया गया है. ऐसे में अब इस मामले पर मंगलवार को सजा के ऐलान से पहले सुनवाई होगी.
7 साल के चश्मदीद बच्चे की गवाही रही अहमः अपर सत्र न्यायाधीश पंचम अदालत के शासकीय अधिवक्ता राजीव गुप्ता के मुताबिक वर्ष 2014 में दिवाली की रात हुए इस जघन्य अपराध मामले में आरोपी हरमीत सिंह के खिलाफ कोर्ट में सबसे अहम गवाही उस आई विटनेस 7 साल के घायल बच्चे कंवलजीत की रही जिसने अपनी आंखों के सामने अपनी बहन और अन्य लोगों की हत्या होते देखी थी.
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7 साल के बच्चे ने देखे थे कत्लः अधिवक्ता गुप्ता के मुताबिक इस वारदात के समय 7 साल का नाबालिक बच्चा कंवल भी अपने सौतेले मामा के चाकू के वार से गंभीर रूप से घायल हुआ था. वह किसी तरह बच कर घटना के समय बेड के नीचे छुप गया था और उसने अपनी आंखों से अपनी 5 साल की बहन सुखमणि सहित अन्य लोगों को चाकू से काटते हुए मामा को देखा था. ऐसे में कंवल की चश्मदीद गवाही कोर्ट में आरोपी हरमीत सिंह को दोषी करार देने में सबसे अहम रही.
चाकू को धार न लगाने वाले दुकानदार की गवाही रही महत्वपूर्णः साल 2014 में दीपावली की रात अपनी सौतेली गर्भवती बहन के अलावा मां-पिता और 5 साल की भांजी को मौत के घाट उतारने वाली इस घटना से पहले आरोपी हरमीत सिंह ने उस चाकू को स्पेशल तौर से बाजार में जाकर धार लगवायी थी, जिससे उसने इस पूरे परिवार को बारी-बारी कर काटा था.
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ऐसे में शासकीय अधिवक्ता राजीव गुप्ता के मुताबिक इस मुकदमे में चाकू पर न धार लगाने वाले दुकानदार की भी गवाही कोर्ट में महत्वपूर्ण रही. गवाही देने वाले दुकानदार ने बताया कि अभियुक्त हरमीत सिंह उसके पास जिस चाकू में धार लगाने के लिए आया था उसको उसने धार लगाने से इसलिए मना कर दिया था, क्योंकि वह चाकू हत्या जैसे अपराध में हथियार के रूप में काम आता है. ऐसे में दुकानदार ने चाकू पर साफ तौर पर धार लगाने से मना कर दिया था.
शासकीय अधिवक्ता राजीव गुप्ता के मुताबिक उसी दुकानदार ने कोर्ट में आरोपी हरमीत सिंह की पहचान कर उसके खिलाफ गवाही दी.
कोर्ट में चश्मदीद बच्चे सहित 21 लोगों की गवाहीः अपर सत्र न्यायाधीश पंचम अदालत के शासकीय अधिवक्ता राजू गुप्ता के मुताबिक साल 2014 से कानूनी प्रक्रिया से चल रहे इस केस में चश्मदीद 7 साल के बच्चे कंवलजीत, घटना में प्रयुक्त चाकू पर धार न लगाने वाले दुकानदार सहित 21 लोगों की कोर्ट में अभियुक्त हरमीत सिंह के खिलाफ गवाही हुई. इस जघन्य वारदात के बाद से आरोपी हरमीत सिंह जेल में सजा काट रहा है.
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दीपावली की रात हुआ था खूनी मौत का तांडवः बता दें कि 23 अक्टूबर 2014 में दीपावली की रात देहरादून के आदर्श नगर में स्थित आवास में हत्या आरोपी हरमीत सिंह द्वारा अपने पिता जय सिंह, माता कुलवंत कौर और सौतेली बहन गर्भवती हरजीत कौर उर्फ हनी और अपनी 5 साल की सुखमणि भांजी को चाकू से गोदकर निर्मम हत्या प्रॉपर्टी विवाद को लेकर गई थी.
इस वारदात में भांजा कंवलजीत चाकू से घायल होने के बावजूद बेड के नीचे छिप जाने की वजह से बच गया था. वहीं, घटना के समय आरोपी की सौतेली बहन हरजीत सिंह उर्फ हनी के पेट में पल रहे 8 महीने के गर्भ की भी हत्या की गई थी.