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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देश को समर्पित किए 24 पुल, उत्तराखंड में LAC से लगे तीन नए ब्रिज भी शामिल

राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड में एलओसी और एलएसी से सटे 27 इंफ्रा प्रोजेक्ट्स का वर्चुअल उद्घाटन किया है. इनमें उत्तराखंड के तीन ब्रिज भी शामिल हैं, जो एलएसी पर भारतीय सेना की बुनियादी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किये गये हैं.

Defence Minister Rajnath Singh
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
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Published : Dec 28, 2021, 4:32 PM IST

Updated : Dec 28, 2021, 5:11 PM IST

देहरादून: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने मंगलवार को सीमा सड़क संगठन (Border Roads Organization) के 27 इंफ्रा प्रोजेक्ट्स का वर्चुअल उद्घाटन किया है. उन्होंने एलएसी और एलओसी तक जाने वाली सड़कों पर बने 24 पुल और 3 सड़कों को देश को समर्पित किया. इस दौरान रक्षा मंत्री ने कहा कि सुरक्षा, सड़कों, सुरंगों सहित कई क्षेत्रों के विकास में बीआरओ का बहुत बड़ा योगदान रहा है. इनमें जम्मू कश्मीर में 9, लद्दाख में 5, हिमाचल प्रदेश में 5, उत्तराखंड में 3, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में 1-1 पुल हैं.

उत्तराखंड को तीन नए पुलों की सौगात: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड के तवाघाट-घतिया बगड़ को जोड़ने वाला घस्कू पुल, जौलजीबी मुनस्यारी को जोड़ने वाले गौरी गाढ पुल, सेमली ग्वालदम को जोड़ने वाला बदामगढ़ पुल का लोकार्पण किया है. इस दौरान सीएम धामी ने कहा कि बीआरओ द्वारा निर्मित सड़कें और पुल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के विजन को पूरा करते हैं. उत्तराखंड और यहां के सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को इसका लाभ मिलेगा.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देश को समर्पित किए 24 पुल.

बीआरओ ने सड़कों और पुलों का जाल इसलिए बिछाया है, ताकि एलएसी और एलओसी तक भारतीय सेना की मूवमेंट को आसान बनाया जा सके. इस साल अब तक बीआरओ ने 102 इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को पूरा करने का काम किया है.

Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami
कार्यक्रम में सीएम धामी भी हुए शामिल.

इस दौरान रक्षा मंत्री ने कहा कि आज सीमा सड़क संगठन द्वारा बनाए गए, सड़कों और पुलों के 27 प्रोजेक्ट का एक साथ लोकार्पण हुआ है. इस अत्यंत महत्वपूर्ण अवसर पर, आप सभी के बीच उपस्थित होकर मुझे बड़ी खुशी हो रही है. मैं बीआरओ, संबंधित स्थानीय लोगों सहित, समस्त देशवासियों को बधाई देता हूं और इन प्रोजेक्ट को हमारे देश को समर्पित करता हूं. मानव सभ्यता का इतिहास उठाकर हम देखें, तो पाएंगे कि वही समुदाय, समाज या राष्ट्र दुनिया को मार्ग दिखा पाने में समर्थ हुए हैं, जिन्होंने स्वयं अपने मार्गों का मजबूती से विकास किया है.

ये भी पढ़ें: बॉर्डर इलाकों की सूरत ऐसे बदल रहे BRO के जवान, चला रहे अनोखी 'क्लास'

बीआरओ की तारीफ: राजनाथ सिंह ने कहा कि आज के युग में दूरी किलोमीटर में नहीं, घंटों में नापी जाती है. बीआरओ के सड़कों, सुरगों और पुलों ने आज स्थानों के बीच की दूरी और समय बहुत कम कर दिया है. सीमावर्ती क्षेत्रों से जुड़े लोग दिल के पास तो हैं ही, दिल्ली के पास भी हैं. सीमाई इलाकों के विकास की कुछ खास जरूरतें हैं, जिन पर हमने ध्यान दिया और उन पर जमीनी स्तर पर काम भी किया गया. हमने देखा, कि इन इलाकों में कैपिटल इन्फ्यूजन की जरूरत है, जो बिना कनेक्टिविटी के संभव नहीं हो सकता है.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कें ना केवल सामरिक जरूरतों के लिए होती हैं, बल्कि राष्ट्र के विकास में, दूरदराज के क्षेत्रों की भी बराबर भागीदारी सुनिश्चित करती हैं. इस तरह ये पुल, सड़कें और सुरंगें, हमारी सुरक्षा और संपूर्ण राष्ट्र को सशक्त करने में अपनी अहम भूमिका निभाती हैं. सीमाई इलाकों में घुसपैठ की, झड़प की, अवैध व्यापार और तस्करी आदि की समस्याएं प्रायः बनी रहती हैं. इन सबको देखते हुए, सरकार द्वारा कुछ समय पहले सीआईबीएमएस (Comprehensive Integrated Border Management System) की भी शुरुआत की गई है.

देहरादून: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने मंगलवार को सीमा सड़क संगठन (Border Roads Organization) के 27 इंफ्रा प्रोजेक्ट्स का वर्चुअल उद्घाटन किया है. उन्होंने एलएसी और एलओसी तक जाने वाली सड़कों पर बने 24 पुल और 3 सड़कों को देश को समर्पित किया. इस दौरान रक्षा मंत्री ने कहा कि सुरक्षा, सड़कों, सुरंगों सहित कई क्षेत्रों के विकास में बीआरओ का बहुत बड़ा योगदान रहा है. इनमें जम्मू कश्मीर में 9, लद्दाख में 5, हिमाचल प्रदेश में 5, उत्तराखंड में 3, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में 1-1 पुल हैं.

उत्तराखंड को तीन नए पुलों की सौगात: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड के तवाघाट-घतिया बगड़ को जोड़ने वाला घस्कू पुल, जौलजीबी मुनस्यारी को जोड़ने वाले गौरी गाढ पुल, सेमली ग्वालदम को जोड़ने वाला बदामगढ़ पुल का लोकार्पण किया है. इस दौरान सीएम धामी ने कहा कि बीआरओ द्वारा निर्मित सड़कें और पुल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के विजन को पूरा करते हैं. उत्तराखंड और यहां के सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को इसका लाभ मिलेगा.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देश को समर्पित किए 24 पुल.

बीआरओ ने सड़कों और पुलों का जाल इसलिए बिछाया है, ताकि एलएसी और एलओसी तक भारतीय सेना की मूवमेंट को आसान बनाया जा सके. इस साल अब तक बीआरओ ने 102 इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को पूरा करने का काम किया है.

Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami
कार्यक्रम में सीएम धामी भी हुए शामिल.

इस दौरान रक्षा मंत्री ने कहा कि आज सीमा सड़क संगठन द्वारा बनाए गए, सड़कों और पुलों के 27 प्रोजेक्ट का एक साथ लोकार्पण हुआ है. इस अत्यंत महत्वपूर्ण अवसर पर, आप सभी के बीच उपस्थित होकर मुझे बड़ी खुशी हो रही है. मैं बीआरओ, संबंधित स्थानीय लोगों सहित, समस्त देशवासियों को बधाई देता हूं और इन प्रोजेक्ट को हमारे देश को समर्पित करता हूं. मानव सभ्यता का इतिहास उठाकर हम देखें, तो पाएंगे कि वही समुदाय, समाज या राष्ट्र दुनिया को मार्ग दिखा पाने में समर्थ हुए हैं, जिन्होंने स्वयं अपने मार्गों का मजबूती से विकास किया है.

ये भी पढ़ें: बॉर्डर इलाकों की सूरत ऐसे बदल रहे BRO के जवान, चला रहे अनोखी 'क्लास'

बीआरओ की तारीफ: राजनाथ सिंह ने कहा कि आज के युग में दूरी किलोमीटर में नहीं, घंटों में नापी जाती है. बीआरओ के सड़कों, सुरगों और पुलों ने आज स्थानों के बीच की दूरी और समय बहुत कम कर दिया है. सीमावर्ती क्षेत्रों से जुड़े लोग दिल के पास तो हैं ही, दिल्ली के पास भी हैं. सीमाई इलाकों के विकास की कुछ खास जरूरतें हैं, जिन पर हमने ध्यान दिया और उन पर जमीनी स्तर पर काम भी किया गया. हमने देखा, कि इन इलाकों में कैपिटल इन्फ्यूजन की जरूरत है, जो बिना कनेक्टिविटी के संभव नहीं हो सकता है.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कें ना केवल सामरिक जरूरतों के लिए होती हैं, बल्कि राष्ट्र के विकास में, दूरदराज के क्षेत्रों की भी बराबर भागीदारी सुनिश्चित करती हैं. इस तरह ये पुल, सड़कें और सुरंगें, हमारी सुरक्षा और संपूर्ण राष्ट्र को सशक्त करने में अपनी अहम भूमिका निभाती हैं. सीमाई इलाकों में घुसपैठ की, झड़प की, अवैध व्यापार और तस्करी आदि की समस्याएं प्रायः बनी रहती हैं. इन सबको देखते हुए, सरकार द्वारा कुछ समय पहले सीआईबीएमएस (Comprehensive Integrated Border Management System) की भी शुरुआत की गई है.

Last Updated : Dec 28, 2021, 5:11 PM IST
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