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उत्तराखंड में जल्द लागू होगा डिसेंट्रलाइज्ड कोविड केयर सिस्टम

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Published : May 17, 2021, 9:28 PM IST

Updated : May 17, 2021, 9:52 PM IST

स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी और उनके अन्य सहयोगी अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार प्रदेश में डिसेंट्रलाइज्ड कोविड केयर सिस्टम लागू करने जा रही है. इसके साथ ही कोरोना काल में प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था सुधरी है.

Covid Status Briefing
Covid Status Briefing

देहरादून: प्रदेश में कोविड महामारी की वर्तमान स्थिति को लेकर सचिवालय में स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी और उनके अन्य सहयोगी अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार प्रदेश में डिसेंट्रलाइज्ड कोविड केयर सिस्टम लागू करने जा रही है, जो शहरी के साथ ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में भी लागू होगी. इसके लिए विभिन्न चरणों में प्रक्रिया अपनाई जाएगी. इसके तहत हर ब्लॉक में एक कोविड केयर सेंटर स्थापित किया जाएगा. साथ ही ब्लॉक में कंट्रोल रूम भी होगा, जिसके लिए मैन पॉवर की व्यवस्था की जाएगी. साथ ही सरकार का प्रयास रहेगा कि ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल टेस्टिंग लैब भी हो, जो गांव-गांव जाकर लोगों को सैंपलिंग की व्यवस्था प्रदान करें.

प्रदेश में जल्द लागू होगा डिसेंट्रलाइज्ड कोविड केयर सिस्टम.
Covid Status Briefing
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार
Covid Status Briefing
प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को मिली रफ्तार.

बच्चों के लिए अलग से बेड की व्यवस्था

स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने बताया कि हल्द्वानी और ऋषिकेश में बन रहे 500 बेड के अस्पतालों में 25 ऑक्सीजन सपोर्ट व आईसीयू बेड बच्चों के लिए आरक्षित किए जाएंगे.

स्वास्थ्य उपकरणों की कालाबाजारी के तहत कार्रवाई

आईजी अमित सिन्हा ने बताया कि अबतक 178 टीमों ने 1,839 स्थानों पर दबिश दी है, जिनमें 27 एफआईआर हुई है और 38 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. साथ ही 204 बरामदगी भी की गई है. उन्होंने बताया कि मास्क न पहनने पर 1 लाख 19 हजार लोगों पर और कोविड के नियमों के उल्लंघन पर कुल 2 लाख 93 हजार लोगों पर कार्रवाई की गई है. इस दौरान 4 करोड़ 71 लाख का शमन शुल्क वसूला गया है.

पढ़ें- उत्तराखंड में कम हो रहा कोरोना की दूसरी लहर का असर, आंकड़े कर रहे तस्दीक

मानसिक स्वास्थ्य पर भी सरकार का फोकस

मानसिक स्वास्थ्य और पोस्ट कोविड मैनेजमेंट के स्टेट नोडल अफसर डीआईजी डॉ. नीलेश भरणे ने बताया कि कोविड के संक्रमण के कारण राजकीय चिकित्सालयों में कार्यरत मनोचिकित्सकों के द्वारा सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक ई-संजीवनी पोर्टल के माध्यम से उपचार एवं परामर्श की सुविधा प्रदान की जा रही है. साथ 104 हेल्पलाइन के माध्यम से प्रशिक्षित परामर्शदाताओं के द्वारा भी मानसिक स्वास्थ्य हेतु आम जनमानस को परामर्श प्रदान किया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए विशेषज्ञ मनोचिकित्सकों का एक वाट्सएप ग्रुप बनाया गया है. ग्रुप में विशेषज्ञों के द्वारा चिकित्सकों एवं परामर्श दाताओं को मानसिक स्वास्थ्य हेतु प्रशिक्षण प्रदान कर प्रश्नों का उत्तर प्रदान किया जा रहा है. मानसिक स्वास्थ्य के संबंध में हर शनिवार को ऑनलाइन के माध्यम से सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है. जिसका लिंक सोशल मीडिया में माध्यम प्रसारित किया जा रहा है. कोरोना संक्रमण के कारण होम आइसोलेशन में रह रहे रोगियों का दूरभाष पर परामर्शदाताओं द्वारा मानसिक स्वास्थ्य का आकलन कर आवश्यकतानुसार परामर्श प्रदान किया जायेगा.

प्रदेश में लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे है तो वही अब कोरोना महामारी बीमारी गावों में भी फैलती जा रही है, जिसके चलते गांव में अधिक मामले समाने न आएं. उसके लिए जिला प्रशासन ने गांव क्षेत्रों में कोरोना की रोकथाम और कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए अपनी पूरी तैयारी कर ली है.

पढ़ें- 'अपने सामने लोगों को मरते देखा'... कहते ही भावुक हुए मंत्री हरक सिंह रावत

जिलाधिकारी ने दिए आदेश

प्रदेश में लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे है तो वही अब कोरोना महामारी बीमारी गांवों में भी फैलती जा रही है. जिसके चलते गांव में अधिक मामले समाने न आएं, उसके लिए जिला प्रशासन ने गांव क्षेत्रों में कोरोना की रोकथाम और कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए अपनी पूरी तैयारी कर ली है.

  • एसडीएम, ग्राम प्रधानों से वार्ता कर गांवों की स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त करें.
  • जिन गांवों में खांसी, सर्दी, बुखार के लक्षण वाले व्यक्ति है उनमें सम्पलिंग की जाए.
  • पॉजिटिव होने पर तत्काल कन्टोनमेंट जोन बनाया जाए.
  • अपने-अपने क्षेत्रों में लेखपालों को ड्यूटी पर लगाएं.
  • लेखपालों गांव में दूरभाष पर जानकारी प्राप्त करेंगे.

गांवों को तीन श्रेणियों में बांटें

  • पहला जिन गांवों में सर्दी, खांसी, बुखार के लक्षण वाले व्यक्ति हों उनमें तत्काल एन्टीजन सैम्पलिंग की जाए.
  • द्वितीय श्रेणी में उन गावों को शामिल किया, जिनमें यदि कोई व्यक्ति बाहर से आया हो अथवा विवाह समारोह आयोजित किया गया हो.
  • तीसरी श्रेणी में ऐसे गांव रखे जाएं जहां पर अभी कोई समस्या नही है.
  • मुख्य विकास अधिकारी को ग्रामीण क्षेत्रों कोविड संक्रमण के लक्षण एवं उससे बचाव के उपाय एवं जागरूकता संबंधी होर्डिंग, पोस्टर आदि सामग्री चस्पा करने के निर्देश.

देहरादून: प्रदेश में कोविड महामारी की वर्तमान स्थिति को लेकर सचिवालय में स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी और उनके अन्य सहयोगी अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार प्रदेश में डिसेंट्रलाइज्ड कोविड केयर सिस्टम लागू करने जा रही है, जो शहरी के साथ ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में भी लागू होगी. इसके लिए विभिन्न चरणों में प्रक्रिया अपनाई जाएगी. इसके तहत हर ब्लॉक में एक कोविड केयर सेंटर स्थापित किया जाएगा. साथ ही ब्लॉक में कंट्रोल रूम भी होगा, जिसके लिए मैन पॉवर की व्यवस्था की जाएगी. साथ ही सरकार का प्रयास रहेगा कि ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल टेस्टिंग लैब भी हो, जो गांव-गांव जाकर लोगों को सैंपलिंग की व्यवस्था प्रदान करें.

प्रदेश में जल्द लागू होगा डिसेंट्रलाइज्ड कोविड केयर सिस्टम.
Covid Status Briefing
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार
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प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को मिली रफ्तार.

बच्चों के लिए अलग से बेड की व्यवस्था

स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने बताया कि हल्द्वानी और ऋषिकेश में बन रहे 500 बेड के अस्पतालों में 25 ऑक्सीजन सपोर्ट व आईसीयू बेड बच्चों के लिए आरक्षित किए जाएंगे.

स्वास्थ्य उपकरणों की कालाबाजारी के तहत कार्रवाई

आईजी अमित सिन्हा ने बताया कि अबतक 178 टीमों ने 1,839 स्थानों पर दबिश दी है, जिनमें 27 एफआईआर हुई है और 38 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. साथ ही 204 बरामदगी भी की गई है. उन्होंने बताया कि मास्क न पहनने पर 1 लाख 19 हजार लोगों पर और कोविड के नियमों के उल्लंघन पर कुल 2 लाख 93 हजार लोगों पर कार्रवाई की गई है. इस दौरान 4 करोड़ 71 लाख का शमन शुल्क वसूला गया है.

पढ़ें- उत्तराखंड में कम हो रहा कोरोना की दूसरी लहर का असर, आंकड़े कर रहे तस्दीक

मानसिक स्वास्थ्य पर भी सरकार का फोकस

मानसिक स्वास्थ्य और पोस्ट कोविड मैनेजमेंट के स्टेट नोडल अफसर डीआईजी डॉ. नीलेश भरणे ने बताया कि कोविड के संक्रमण के कारण राजकीय चिकित्सालयों में कार्यरत मनोचिकित्सकों के द्वारा सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक ई-संजीवनी पोर्टल के माध्यम से उपचार एवं परामर्श की सुविधा प्रदान की जा रही है. साथ 104 हेल्पलाइन के माध्यम से प्रशिक्षित परामर्शदाताओं के द्वारा भी मानसिक स्वास्थ्य हेतु आम जनमानस को परामर्श प्रदान किया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए विशेषज्ञ मनोचिकित्सकों का एक वाट्सएप ग्रुप बनाया गया है. ग्रुप में विशेषज्ञों के द्वारा चिकित्सकों एवं परामर्श दाताओं को मानसिक स्वास्थ्य हेतु प्रशिक्षण प्रदान कर प्रश्नों का उत्तर प्रदान किया जा रहा है. मानसिक स्वास्थ्य के संबंध में हर शनिवार को ऑनलाइन के माध्यम से सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है. जिसका लिंक सोशल मीडिया में माध्यम प्रसारित किया जा रहा है. कोरोना संक्रमण के कारण होम आइसोलेशन में रह रहे रोगियों का दूरभाष पर परामर्शदाताओं द्वारा मानसिक स्वास्थ्य का आकलन कर आवश्यकतानुसार परामर्श प्रदान किया जायेगा.

प्रदेश में लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे है तो वही अब कोरोना महामारी बीमारी गावों में भी फैलती जा रही है, जिसके चलते गांव में अधिक मामले समाने न आएं. उसके लिए जिला प्रशासन ने गांव क्षेत्रों में कोरोना की रोकथाम और कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए अपनी पूरी तैयारी कर ली है.

पढ़ें- 'अपने सामने लोगों को मरते देखा'... कहते ही भावुक हुए मंत्री हरक सिंह रावत

जिलाधिकारी ने दिए आदेश

प्रदेश में लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे है तो वही अब कोरोना महामारी बीमारी गांवों में भी फैलती जा रही है. जिसके चलते गांव में अधिक मामले समाने न आएं, उसके लिए जिला प्रशासन ने गांव क्षेत्रों में कोरोना की रोकथाम और कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए अपनी पूरी तैयारी कर ली है.

  • एसडीएम, ग्राम प्रधानों से वार्ता कर गांवों की स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त करें.
  • जिन गांवों में खांसी, सर्दी, बुखार के लक्षण वाले व्यक्ति है उनमें सम्पलिंग की जाए.
  • पॉजिटिव होने पर तत्काल कन्टोनमेंट जोन बनाया जाए.
  • अपने-अपने क्षेत्रों में लेखपालों को ड्यूटी पर लगाएं.
  • लेखपालों गांव में दूरभाष पर जानकारी प्राप्त करेंगे.

गांवों को तीन श्रेणियों में बांटें

  • पहला जिन गांवों में सर्दी, खांसी, बुखार के लक्षण वाले व्यक्ति हों उनमें तत्काल एन्टीजन सैम्पलिंग की जाए.
  • द्वितीय श्रेणी में उन गावों को शामिल किया, जिनमें यदि कोई व्यक्ति बाहर से आया हो अथवा विवाह समारोह आयोजित किया गया हो.
  • तीसरी श्रेणी में ऐसे गांव रखे जाएं जहां पर अभी कोई समस्या नही है.
  • मुख्य विकास अधिकारी को ग्रामीण क्षेत्रों कोविड संक्रमण के लक्षण एवं उससे बचाव के उपाय एवं जागरूकता संबंधी होर्डिंग, पोस्टर आदि सामग्री चस्पा करने के निर्देश.
Last Updated : May 17, 2021, 9:52 PM IST
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