देहरादून: उत्तराखंड सरकार और स्वास्थ्य विभाग कोरोना को काबू में करने की हर संभव कोशिश कर रहा है, लेकिन मौत के बढ़ते आंकड़ों ने सरकार की चिंता और बढ़ा दी है. सबसे ज्यादा खराब हालात राजधानी देहरादून में हैं.
उत्तराखंड में कोविड-19 के मामलों को काबू में लाने के लिए सरकार ने त्योहारी सीजन में खास तौर पर कोशिशें की थी. जिसका असर भी दिखा. राज्य में कोरोना का आंकड़ा एक हजार से नीचे पहुंच गया है. राज्य में रोज एक हजार से कम ही संक्रमित मरीज मिल रहे हैं. बावजूद इसके सरकार की चिंता कम होने के बजाय बढ़ गई है. क्योंकि, प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत का आंकड़ा बढ़ गया है.
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आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले एक महीने में राज्य में मौत के आंकड़े औसतन हर दिन सात से आठ बने हुए हैं. उत्तराखंड में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत देहरादून में हुई है. राजधानी में अब तक 793 कोरोना के मरीज अपनी जान गंवा चुके हैं. दूसरे नंबर पर नैनीताल जिला है, जहां पर 193 कोरोना के मरीजों की मौत हुई है. इसी तरह तीसरे नंबर पर हरिद्वार में 145 तो उधम सिंह नगर में 105 मरीज अब तक अपनी जान गंवा चुके हैं.
पहाड़ी जिलों की बात करें तो पौड़ी गढ़वाल में सबसे ज्यादा 55 कोरोना के मरीजों की मौत हुई है. उधर, उत्तराखंड में सबसे कम करोना संक्रमितों की मौत चंपावत में हुई है. यहां मरीजों की मौत का आंकड़ा आठ तक पहुंचा है.