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ऐतिहासिक झंडे जी मेले में देश के विभिन्न हिस्सों से दून पहुंच रहे श्रद्धालु, चढ़ाया जाएगा दर्शनी गिलाफ

करीब चार सौ साल पुराने ऐतिहासिक झंडे जी का मेला राजधानी देहरादून में शुरू होने जा रहा है. प्रेम, सद्भावना, भाईचारा, मानवता और आस्था का प्रतीक ऐतिहासिक झंडा मेला 25 मार्च से शुरू होगा. झंडे जी के मेले के लिए अभी से ही पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, उत्तर प्रदेश और अन्य स्थानों संगत दरबार साहिब पहुंचने शुरू हो गए हैं. इस बार मेले में करीब 100 साल पहले पूरी हुई मुराद पर झंडे जी को दर्शनी गिलाफ चढ़ाया जाएगा.

झंडे मेले की तैयारी
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Published : Mar 24, 2019, 12:51 AM IST

देहरादूनः राजधानी देहरादून में ऐतिहासिक झंडे मेले की तैयारी शुरू हो गई है. देश-विदेशों से संगतों का दरबार साहिब पहुंचने का सिलसिला जारी है. आगामी 25 मार्च को झंडे जी पर दर्शनी गिलाफ चढ़ाया जाएगा. दरबार साहिब प्रबंधन सुरक्षा व्यवस्था और शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने को लेकर तैयारियों में जुट गया है. वहीं, इस बार मेले में करीब 10 लाख से ज्यादा लोगों की पहुंचने की उम्मीद है.

जानकारी देते दरबार साहिब के प्रबंधक एपी उनियाल


करीब चार सौ साल पुराने ऐतिहासिक झंडे जी का मेला राजधानी देहरादून में शुरू होने जा रहा है. प्रेम, सद्भावना, भाईचारा, मानवता और आस्था का प्रतीक ऐतिहासिक झंडा मेला 25 मार्च से शुरू होगा. झंडे जी के मेले के लिए अभी से ही पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, उत्तर प्रदेश और अन्य स्थानों संगत दरबार साहिब पहुंचने शुरू हो गए हैं. ये झंडा मेला अनोखी परंपराओं को समेटे हुए है. इस मेले में आस्था का जनसैलाब उमड़ता है. झंडा जी के आरोहण के दौरान लाखों लोग इसके साक्षी बनते हैं. झंडा जी पर गिलाफ का आवरण चढ़ाया जाता है. वहीं, इस बार मेले में करीब 100 साल पहले पूरी हुई मुराद पर झंडे जी को दर्शनी गिलाफ चढ़ाया जाएगा.


दरबार साहिब के प्रबंधक एपी उनियाल ने जानकारी देते हुए बताया कि संगते दरबार साहिब पहुंच रहीं हैं. सुरक्षा के लिहाज से पूरी व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि श्री गुरु राम राय महाराज ने इस ऐतिहासिक मेले की शुरुआत की थी. झंडे मेले में दर्शनी गिलाफ 100 साल बाद चढ़ाया जाता है. इस बार हरजोत सिंह को दर्शनी गिलाफ चलाने का मौका मिला है. इस मेले में सात बड़े लंगर और 14 के करीब छोटे लंगर शुरू हो चुके हैं. जिसमें सात बड़े लंगर में करीब दो लाख से ढाई लाख श्रद्धालु प्रसाद खा सकते हैं. साथ ही बताया कि संगतों के ठहरने के लिए एसजीआरआर के सभी स्कूलों में व्यवस्था की गई है.

देहरादूनः राजधानी देहरादून में ऐतिहासिक झंडे मेले की तैयारी शुरू हो गई है. देश-विदेशों से संगतों का दरबार साहिब पहुंचने का सिलसिला जारी है. आगामी 25 मार्च को झंडे जी पर दर्शनी गिलाफ चढ़ाया जाएगा. दरबार साहिब प्रबंधन सुरक्षा व्यवस्था और शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने को लेकर तैयारियों में जुट गया है. वहीं, इस बार मेले में करीब 10 लाख से ज्यादा लोगों की पहुंचने की उम्मीद है.

जानकारी देते दरबार साहिब के प्रबंधक एपी उनियाल


करीब चार सौ साल पुराने ऐतिहासिक झंडे जी का मेला राजधानी देहरादून में शुरू होने जा रहा है. प्रेम, सद्भावना, भाईचारा, मानवता और आस्था का प्रतीक ऐतिहासिक झंडा मेला 25 मार्च से शुरू होगा. झंडे जी के मेले के लिए अभी से ही पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, उत्तर प्रदेश और अन्य स्थानों संगत दरबार साहिब पहुंचने शुरू हो गए हैं. ये झंडा मेला अनोखी परंपराओं को समेटे हुए है. इस मेले में आस्था का जनसैलाब उमड़ता है. झंडा जी के आरोहण के दौरान लाखों लोग इसके साक्षी बनते हैं. झंडा जी पर गिलाफ का आवरण चढ़ाया जाता है. वहीं, इस बार मेले में करीब 100 साल पहले पूरी हुई मुराद पर झंडे जी को दर्शनी गिलाफ चढ़ाया जाएगा.


दरबार साहिब के प्रबंधक एपी उनियाल ने जानकारी देते हुए बताया कि संगते दरबार साहिब पहुंच रहीं हैं. सुरक्षा के लिहाज से पूरी व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि श्री गुरु राम राय महाराज ने इस ऐतिहासिक मेले की शुरुआत की थी. झंडे मेले में दर्शनी गिलाफ 100 साल बाद चढ़ाया जाता है. इस बार हरजोत सिंह को दर्शनी गिलाफ चलाने का मौका मिला है. इस मेले में सात बड़े लंगर और 14 के करीब छोटे लंगर शुरू हो चुके हैं. जिसमें सात बड़े लंगर में करीब दो लाख से ढाई लाख श्रद्धालु प्रसाद खा सकते हैं. साथ ही बताया कि संगतों के ठहरने के लिए एसजीआरआर के सभी स्कूलों में व्यवस्था की गई है.

Intro:हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी अपने आप में चार सौ साल पुराना इतिहास समेटे झंडे जी का मेला देहरादून में शुरू होने जा रहा है। 25 मार्च को झंडे जी पर दर्शनी गिलाफ चलाया जाएगा। झंडे जी के मेले में अभी से ही पंजाब,हरियाणा,हिमाचल,उत्तर प्रदेश और कहीं जगह से संगति दरबार साहिब देहरादून पहुंचना शुरू हो गई है। इस बार अनुमान है कि लगभग 10 लाख से अधिक लोग इस मेले में दरबार साहिब पहुंचेंगे।


Body:देहरादून में झंडे मेले की तैयारी शुरू हो गई है और होली के बाद देश विदेशों की संगतओ का दरबार साहिब पहुंचने का क्रम ओर तेज हो गया है साथ ही तमाम प्रदेशों से संगते पहुंच रही है।प्रेम, सद्भावना,भाईचारा,मानवता और आस्था का प्रतीक ऐतिहासिक झंडा मेला 25 मार्च से शुरू हो जाएगा। हर साल होने वाला ऐतिहासिक झंडा मेला अनोखी परंपराओं को समेटे हुए हैं।झंडा मेले में आस्था का सैलाब उमड़ता है। झंडा जी के ऐतिहासिक आरोहण के समय जनसमूह जहां का तहां थम जाता है। जैसे-जैसे झंडा जी पर गिलाफ का आवरण चढ़ाने का क्रम आगे बढ़ता है वैसे वैसे संगतों का उत्साह भी चरम तक जाता है। सभी अपनी अपनी मुरादों को पूरा करने के लिए दरबार साहिब में मत्था टेकने का सिलसिला शुरू हो गया है। झंडे जी का यह मेला 25 मार्च को है जिसमें इस बार लगभग 100 साल पहले पूरी हुई मुराद पर झंडे जी को दर्शनी गिलाफ चढ़ेगी।


Conclusion:जानकारी देते हुए दरबार साहिब से प्रबंधक ए पी उनियाल ने बताया कि सभी संगते यहां आना शुरू हो गई है। और भारी संख्या में इस बार संगते पहुंच रही है साथ ही सुरक्षा के लिहाज से भी पूरी व्यवस्था की गई है यह मेला भारी संख्या में श्रद्धालुओं के होने के बावजूद भी हमेशा शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न होता आया है। और बताया कि श्री गुरु राम राय महाराज ने यह है ऐतिहासिक मेले की शुरुआत की थी। झंडे मेले में दर्शनी गिलाफ चढ़ाने का लगभग 100 साल बाद नंबर आता है।इस बार हरजोत सिंह जिला जालंधर से इनके द्वारा इस बार 100 साल के बाद दर्शनी गिलाफ चलाने का मौका मिला है। झंडे मेले में सभी की मन्नतें पूरी होती है।और दर्शनी गिलाफ सन 2117 का बुक हो चुका है। यह मेला नॉर्थ इंडिया का सबसे बड़ा मेला है इसमें पंजाब, हरियाणा,दिल्ली,उत्तर प्रदेश,हिमाचल प्रदेश,राजस्थान और विदेशों से संगते आ चुकी है। और इस मेले में सात बड़े लंगर और 14 के करीब छोटे लंगर शुरू हो चुके हैं जिसमें सात बड़े लंगर में लगभग दो लाख से ढाई लाख तक बड़े लंगर में श्रद्धालू प्रसाद खा सकते हैं।संगतों को रुकवाने के लिए देहरादून के एसजीआरआर के सभी स्कूलों में व्यवस्था की गई है।झंडे मेले के दिन लगभग 10 लाख के करीब लोगों की आने की उम्मीद है।

बाइट- ए पी उनियाल(दरबार साहिब प्रबंधक)


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