देहरादून: प्रदेश में साइबर ठगी के मामले (uttarakhand fraud case) थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. शातिर साइबर ठगों ने दून निवासी व्यक्ति को लोन दिलाने के नाम पर फर्जी लोन एप के जरिए अपना निशाना बनाया. पीड़ित की साइबर थाने में शिकायत देने के बाद अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर, साइबर पुलिस ने एक टीम का गठन किया है.
लुनिया मोहल्ला निवासी व्यक्ति ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई कि उनके पास एक एसएमएस आया, जिसमें इंस्टेंट लोन दिलाने का दावा किया गया था. एसएमएस में एक एप लिंक भी आया हुआ था. जिसे व्यक्ति ने अपने मोबाइल में एप को डाउनलोड कर लिया. कुछ देर बाद व्यक्ति के पास फोन आया और फोनकर्ता ने खुद को एप का एडमिनिस्ट्रेटिव अधिकारी बताया और व्यक्ति से कुछ डिटेल ली गई. फोनकर्ता ने कागजों के वेरिफिकेशन के नाम पर कई तरह के दस्तावेज मंगाए और उन में तमाम जानकारियां हासिल करने के बाद ठग ने विभिन्न नाम पर पैसे मांगे.
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उसके बाद फोनकर्ता ने एक लिंक के माध्यम से फार्म भरने को कहा. जैसे ही व्यक्ति ने इस फार्म को भरा तो व्यक्ति के बैंक खाते से 17 लाख रुपए किसी अन्य खाते में ट्रांसफर हो गए. डीएसपी अंकुश मिश्रा ने बताया कि पीड़ित की तहरीर के आधार पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है. इस मुकदमे की विवेचना के लिए चार लोगों की टीम बनाई गई है. टीम द्वारा बहुत सी जानकारियां व्यक्ति से लेकर मिलान किया जा रहा है.
31 दिसंबर को भी पकड़े गए थे ठग: बेरोजगार युवाओं को नौकरी के सपने दिखाकर ठगने का खेल खूब चल रहा है. एक गिरोह का हरिद्वार का लक्सर पुलिस ने 31 दिसंबर को भी खुलासा किया (fake recruitment center) था. लक्सर कोतवाली पुलिस ने फर्जी भर्ती सेंटर का भंडाफोड़ किया था. पुलिस ने इस मामले में फर्जी भर्ती सेंटर के मास्टरमाइंड समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया (Laksar police arrested two people) था.