देहरादूनः आज के इस डिजिटल दौर में हमारे कई काम काफी आसान हो गए हैं. इंटरनेट और मोबाइल फोन आने से सूचना तंत्र काफी बढ़ गया है. इसकी मदद से कई स्टार्टअप और बिजनेस को बढ़ाने का शानदार मौका भी मिल रहा है. तकनीक ने जिस तेजी से हमारे कार्यों को आसान बनाया है, उसी के समानांतर इसके कई दुष्परिणाम भी सामने निकलकर आए हैं. साइबर अपराध इनमें से एक है.
साइबर ठग लोगों को अपना शिकार बनाने के लिए नए-नए तरीके खोजते रहते हैं और वर्तमान में साइबर ठगों द्वारा व्हाट्सएप या फिर टेलीग्राम के माध्यम से यूट्यूब वीडियोज को लाइक करने के नाम पर ठगी का नया तरीफा इजात किया है. हालांकि साइबर ठगों द्वारा शुरुआत में वीडियो को लाइक करने के नाम पर कुछ रुपए दिए जाते हैं और उसके बाद अधिक लालच देकर रुपए जमा करने के लिए कहा जाता है. इसके बाद साइबर ठग धोखाधड़ी कर लेते हैं. एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं.
लालच देकर बना रहे शिकारः अक्सर सोशल मीडिया पर हमें कई ऐसे लिंक आते हैं जिसमें 5 से 10 रुपये भेजने पर या फॉर्म भरने पर अधिक रुपए मिलने या कोई फायदा पहुंचाने का लालच दिया जाता है. इस फॉर्म के जरिए आप अपनी पर्सनल और बैंक डिटेल साइबर ठगों से साझा कर देते हैं. साइबर एक्सपर्ट अंकुश मिश्रा का कहना है कि अगर आप भी एपीके फाइल को डाउनलोड करके ऐप इंस्टॉल करते हैं तो ऐसा ना करें. साथ ही अगर आप कोई ऐप डाउनलोड करते हैं तो परमिशन में एसएमएस रीड को डिनाइड कर दें, क्योंकि जो भी मैसेज या कोड आपके फोन में आएगा उसे ठग कहीं भी बैठकर पढ़ सकता है और आप बड़ी ठगी का शिकार हो सकते हैं.
एसटीएफ एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि साइबर क्राइम के नए तरीके सामने आए हैं, जिसमें कि लोगों से व्हाट्सएप और टेलीग्राम से कुछ यूट्यूब वीडियोज को लाइक करने के नाम पर शुरुआत में कुछ रुपए दिए जाते है और उसके बाद क्रिप्टोकरेंसी में अधिक रुपए निवेश करने के नाम पर धोखाधड़ी की जा रही है. साइबर पुलिस की अपील है कि इस प्रकार के झांसे में ना आए. इस प्रकार की धोखाधड़ी से सतर्क रहने की आवश्यकता है.
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