देहरादून: कोरोना वायरस के कारण देशभर में लगे लॉकडाउन में सभी तरह की गतिविधियों पर कुछ समय के लिये पूरी तरह रोक लग गई थी, लेकिन इस वक्त में भी जालसाजों ने ठगी के कई नए रास्ते तलाश कर लिये हैं. इनदिनों ऑनलाइन शॉपिंग के नाम पर नकली वेबसाइट से ठगी करने के कई मामले सामने आ रहे हैं. दरअसल, आधुनिकता के इस दौर में कोई भी सामान खरीदना या बेचना बेहद आसान हो गया है. कोई भी व्यक्ति घर बैठे छोटी से बड़ी चीफ घर बैठे ऑर्डर कर सकता है. लोगों के इसी सहूलियत का फायदा उठाकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिये ठग फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को चूना लगा रहे हैं.
फर्जी वेबसाइटों का खेल
फिशिंग साइट को कैसे पहचानें
फ्रॉड होने पर क्या करें
आरबीआई की 2017-18 की गाइडलाइन के मुताबिक, धोखाधड़ी की सूचना दर्ज कराने के बाद ट्रांजेक्शन की पूरी जिम्मेदारी बैंक पर होती है. धोखाधड़ी होने पर अपने बैंक के संबंधित अधिकारी को तुरंत सूचित करें. इसके अलावा कस्टमर केयर सेंटर पर सूचना दर्ज कराएं और दर्ज सूचना का नंबर भविष्य के लिए सुरक्षित रखें, ताकि बैंक आपके पैसे आपको रिफंड कर सके. यदि तय प्रक्रिया के मुताबिक संबंधित बैंक को सूचित नहीं किया गया तो जिम्मेदारी उपभोक्ता की होती है. इस स्थिति में बैंक पर रिफंड करने की कानूनी बाध्यता लागू नहीं होती.
इसके अलावा अपने कार्ड की जानकारी खुद तक ही सीमित रखें. अपने बैंक डिटेल्स जैसे- पासवर्ड (Password), पिन (PIN), ओटीपी (OTP), सीवीवी (CVV), यूपीआई-पिन (UPI-PIN) आदि की जानकारी सिर्फ खुद को होनी चाहिए. ये जानकारियां बैंक कभी भी नहीं मांगता. इसके साथ ही हर बैंक खाते प्रत्येक अलग-अलग पासवर्ड का प्रयोग करें. समय-समय पर अपने पासवर्ड को बदलते रहें.
उत्तराखंड पुलिस हेल्पलाइन
अगर किसी भी व्यक्ति के पास इस तरह के फोन कॉल्स आते हैं तो उन्हें चाहिए कि वह ऐसे कॉल्स को इग्नोर करें. ऐसे तमाम बढ़ते मामलों को देखते हुए उत्तराखंड साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन ने किसी भी साइबर संबंधी शिकायत या सुझाव के लिए 0135-2655900 नंबर जारी किया है जिस पर अपना शिकायत या फिर सुझाव दे सकते हैं. इसके साथ ही ccps.deh@uttarakhandpolice.uk.gov.in पर ईमेल भी कर सकते हैं.