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उत्तराखंड में कोरोना कर्फ्यू के दौरान बढ़ा साइबर क्राइम, ठग ऐसे बना रहे शिकार

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Published : Jun 5, 2021, 8:43 AM IST

उत्तराखंड में कोरोनाकाल में साइबर क्राइम में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है. वहीं पुलिस ठगी से बचने के लिए लोगों को जागरूक कर रही है.

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साइबर क्राइम

देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना का कहर अभी भी जारी है. कोरोना रोकथाम के लिए कर्फ्यू लगाया गया है. शासन-प्रशासन की ओर से प्रदेशवासियों को अपने-अपने घरों में रहने की अपील की जा रही है. घरों में रहकर लोग सोशल नेटवर्किंग (social networking) का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं. जिससे कोरोनाकाल में साइबर क्राइम के मामलों में बढ़ोत्तरी हुई है. साइबर ठग नए-नए पैंतरे अपनाकर लोगों को शिकार बनाने में लगे हुए हैं. वहीं साइबर क्राइम पुलिस की ओर से लगातार लोगों को साइबर क्राइम धोखाधड़ी से बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा है.

कोरोनाकाल में ठगों द्वारा ऑनलाइन बैंकिंग में ठगी, कोरोना की दवाइयों, इंजेक्शन सहित मोबाइल केवाईसी अपडेट और कई तरह के सामान बेचने के नाम पर लाखों की ठगी की गई है. इसकी सबसे बड़ी वजह कोरोना कर्फ्यू में घर बैठे लोगों को सोशल साइस का ज्यादा इस्तेमाल करना है. ऐसे में उत्तराखंड साइबर क्राइम पुलिस की ओर से लगातार लोगों को साइबर क्राइम धोखाधड़ी से बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा है.

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साइबर ठगी से ऐसे बचें

पिछले 5 महीनों में 1,400 अधिक साईबर क्राइम की शिकायतें

जनवरी 2021 से 31 मई 2021 तक प्रदेश भर में 1,400 से अधिक साइबर क्राइम की शिकायतें पुलिस को प्राप्त हुई. जबकि इन शिकायतों में जांच उपरांत 235 मामलों में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई प्रचलित हैं. हालांकि कई मामलों में 30 से 40 फीसदी रिकवरी भी हुई हैं. ऐसे में पिछले 5 महीनों में तकरीबन 16 करोड़ से अधिक की रकम साइबर क्रिमिनल लॉ द्वारा अलग-अलग हथकंडे अपनाकर धोखाधड़ी कर लोगों से ठगी गई हैं.

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इन बातें का रखें ध्यान.

फेसबुक सहित अन्य सोशल मीडिया के अपराध

साइबर अपराध में दर्ज मुकदमों के अलावा आए दिन अनगिनत संख्या में अतिरिक्त शिकायते जिसमें फर्जी फेसबुक आईडी (fake facebook Id) बनाकर ठगी करने के अलावा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर गलत पोस्ट और महिलाओं से अश्लीलता वाले अपराध भी थमने का नाम नहीं ले रहे हैं.

cyber crime
हेल्पलाइन नंबर पर करें संपर्क.

पढ़ें: कोरोना कर्फ्यू को लेकर संशय बरकार, 6 जून तक के आंकड़ों के आधार पर होगा फैसला

साइबर ठगी से ऐसे बचें

इंटरनेट सर्च इंजन से बचें

भूल से भी इंटरनेट के सर्च इंजन में कस्टमर केयर नंबर ढूंढने की गलती न करें. कई बार अपराधी कस्टमर केयर से मिलता-जुलता नाम बनाकर उनकी जगह खुद का नंबर डाल देते हैं.

फोन पर निजी जानकारी देने से बचें

साइबर क्राइम की दुनिया में लंबे समय से फोन पर किसी की बैंकिंग या अन्य तरह की निजी जानकारी लेकर ठगी करने का कारनामा वर्षों से प्रचलित है. कई बार साइबर हैकर्स दोस्त-रिश्तेदार बनकर आपातस्थिति में बैंक की निजी जानकारी प्राप्त करने की कोशिश करते हैं. ऐसे में किसी भी सूरत में फोन पर किसी से बैंक या अन्य तरह की निजी जानकारी साझा न करें.

फेसबुक और इंस्टाग्राम पर ठगी का खेल

शातिर ठगों ने ठगी का अनोखा तरीका ढूंढ निकाला है. शातिर ठग फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट हैक कर रिश्तेदारों और परिचितों को संदेश भेजकर पैसों की मांग कर रहे हैं. अधिकतर लोग इन मामलों में तुरंत पैसे डाल देते हैं और बाद में ठगी का एहसास होते ही माथा पीटने लगते हैं. ऐसे में फोन पर बात कर पहले हकीकात जानें, फिर फैसला लें.

लॉक फीचर अपनाएं

साइबर ठग अब फेसबुक व इंस्टाग्राम पर लोगों की जानकारियां और प्रोफाइल फोटो चुराकर फर्जी आईडी तैयार कर रहे हैं. ऐसे में आप सोशल मीडिया में लॉक फीचर का इस्तेमाल करिए. अपने सोशल मीडिया अकाउंट में निजी जानकारी और पर्सनल फोटोग्राफ को हमेशा कम से कम साझा करें.

वेबसाइट पर साइबर ठगों की नजर

हैकर्स इस बात की भी जानकारी जुटा रहे हैं कि महिलाएं, बच्चे, बूढ़े और नौजवान कौन सी वेबसाइट बार-बार इस्तेमाल कर रहे हैं. हैकर्स इस वेबसाइटों से निजी जानकारी जुटाकर यूजर्स के साथ तरह-तरह की धोखेबाजी और ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं. ऐसे में अनजान वेबसाइट के इस्तेमाल से भी बचें.

बारकोड के जरिए साइबर ठगी

उत्तराखंड साइबर पुलिस के मुताबिक इन दिनों क्यूआर कोड को लेकर भी बड़ी ठगी का खेल साइबर क्राइम अपराधियों द्वारा हो रहा है. अपराधी मोबाइल, वॉट्सएप और ईमेल पर क्यूआर कोड भेज ठगी कर रहे हैं. कई बार ठग पैसा देने के नाम पर क्यूआर कोड भेजते हैं, ऐसे में लोग झांसे में आकर अपनी पूंजी खो देते हैं. इसलिए हमेशा क्यूआर कोड इस्तेमाल के समय बेहद सावधानी बरतें.

फिशिंग लिंक के जरिए साइबर ठगी

वर्तमान समय में फिशिंग लिंक के नाम पर भी खूब ठगी का खेल हो रहा है. ई-मेल के जरिए अनजान व्यक्ति किसी तरह का प्रलोभन देकर एक लिंक भेजता है, जिसको क्लिक करने के बाद यूजर्स की सारी बैंक और निजी जानकारी हैकर्स के हाथ लग जाती है और वह एक बड़ी ठगी का शिकार बन जाता है.

उत्तराखंड पुलिस ने जारी किया हेल्पलाइन

ऐसे तमाम बढ़ते मामलों को देखते हुए उत्तराखंड साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन ने किसी भी साइबर संबंधी शिकायत या सुझाव के लिए 0135-2655900 नंबर जारी किया है. जिस पर आप अपनी शिकायत या फिर सुझाव दे सकते हैं. इसके साथ ही ccps.deh@uttarakhandpolice.uk.gov.in पर ईमेल भी कर सकते हैं. इतना ही नहीं, फेसबुक में माध्यम से भी https://www.facebook.com/cyberthanauttarakhand/ संपर्क कर सकते हैं.

देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना का कहर अभी भी जारी है. कोरोना रोकथाम के लिए कर्फ्यू लगाया गया है. शासन-प्रशासन की ओर से प्रदेशवासियों को अपने-अपने घरों में रहने की अपील की जा रही है. घरों में रहकर लोग सोशल नेटवर्किंग (social networking) का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं. जिससे कोरोनाकाल में साइबर क्राइम के मामलों में बढ़ोत्तरी हुई है. साइबर ठग नए-नए पैंतरे अपनाकर लोगों को शिकार बनाने में लगे हुए हैं. वहीं साइबर क्राइम पुलिस की ओर से लगातार लोगों को साइबर क्राइम धोखाधड़ी से बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा है.

कोरोनाकाल में ठगों द्वारा ऑनलाइन बैंकिंग में ठगी, कोरोना की दवाइयों, इंजेक्शन सहित मोबाइल केवाईसी अपडेट और कई तरह के सामान बेचने के नाम पर लाखों की ठगी की गई है. इसकी सबसे बड़ी वजह कोरोना कर्फ्यू में घर बैठे लोगों को सोशल साइस का ज्यादा इस्तेमाल करना है. ऐसे में उत्तराखंड साइबर क्राइम पुलिस की ओर से लगातार लोगों को साइबर क्राइम धोखाधड़ी से बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा है.

cyber crime
साइबर ठगी से ऐसे बचें

पिछले 5 महीनों में 1,400 अधिक साईबर क्राइम की शिकायतें

जनवरी 2021 से 31 मई 2021 तक प्रदेश भर में 1,400 से अधिक साइबर क्राइम की शिकायतें पुलिस को प्राप्त हुई. जबकि इन शिकायतों में जांच उपरांत 235 मामलों में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई प्रचलित हैं. हालांकि कई मामलों में 30 से 40 फीसदी रिकवरी भी हुई हैं. ऐसे में पिछले 5 महीनों में तकरीबन 16 करोड़ से अधिक की रकम साइबर क्रिमिनल लॉ द्वारा अलग-अलग हथकंडे अपनाकर धोखाधड़ी कर लोगों से ठगी गई हैं.

cyber crime
इन बातें का रखें ध्यान.

फेसबुक सहित अन्य सोशल मीडिया के अपराध

साइबर अपराध में दर्ज मुकदमों के अलावा आए दिन अनगिनत संख्या में अतिरिक्त शिकायते जिसमें फर्जी फेसबुक आईडी (fake facebook Id) बनाकर ठगी करने के अलावा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर गलत पोस्ट और महिलाओं से अश्लीलता वाले अपराध भी थमने का नाम नहीं ले रहे हैं.

cyber crime
हेल्पलाइन नंबर पर करें संपर्क.

पढ़ें: कोरोना कर्फ्यू को लेकर संशय बरकार, 6 जून तक के आंकड़ों के आधार पर होगा फैसला

साइबर ठगी से ऐसे बचें

इंटरनेट सर्च इंजन से बचें

भूल से भी इंटरनेट के सर्च इंजन में कस्टमर केयर नंबर ढूंढने की गलती न करें. कई बार अपराधी कस्टमर केयर से मिलता-जुलता नाम बनाकर उनकी जगह खुद का नंबर डाल देते हैं.

फोन पर निजी जानकारी देने से बचें

साइबर क्राइम की दुनिया में लंबे समय से फोन पर किसी की बैंकिंग या अन्य तरह की निजी जानकारी लेकर ठगी करने का कारनामा वर्षों से प्रचलित है. कई बार साइबर हैकर्स दोस्त-रिश्तेदार बनकर आपातस्थिति में बैंक की निजी जानकारी प्राप्त करने की कोशिश करते हैं. ऐसे में किसी भी सूरत में फोन पर किसी से बैंक या अन्य तरह की निजी जानकारी साझा न करें.

फेसबुक और इंस्टाग्राम पर ठगी का खेल

शातिर ठगों ने ठगी का अनोखा तरीका ढूंढ निकाला है. शातिर ठग फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट हैक कर रिश्तेदारों और परिचितों को संदेश भेजकर पैसों की मांग कर रहे हैं. अधिकतर लोग इन मामलों में तुरंत पैसे डाल देते हैं और बाद में ठगी का एहसास होते ही माथा पीटने लगते हैं. ऐसे में फोन पर बात कर पहले हकीकात जानें, फिर फैसला लें.

लॉक फीचर अपनाएं

साइबर ठग अब फेसबुक व इंस्टाग्राम पर लोगों की जानकारियां और प्रोफाइल फोटो चुराकर फर्जी आईडी तैयार कर रहे हैं. ऐसे में आप सोशल मीडिया में लॉक फीचर का इस्तेमाल करिए. अपने सोशल मीडिया अकाउंट में निजी जानकारी और पर्सनल फोटोग्राफ को हमेशा कम से कम साझा करें.

वेबसाइट पर साइबर ठगों की नजर

हैकर्स इस बात की भी जानकारी जुटा रहे हैं कि महिलाएं, बच्चे, बूढ़े और नौजवान कौन सी वेबसाइट बार-बार इस्तेमाल कर रहे हैं. हैकर्स इस वेबसाइटों से निजी जानकारी जुटाकर यूजर्स के साथ तरह-तरह की धोखेबाजी और ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं. ऐसे में अनजान वेबसाइट के इस्तेमाल से भी बचें.

बारकोड के जरिए साइबर ठगी

उत्तराखंड साइबर पुलिस के मुताबिक इन दिनों क्यूआर कोड को लेकर भी बड़ी ठगी का खेल साइबर क्राइम अपराधियों द्वारा हो रहा है. अपराधी मोबाइल, वॉट्सएप और ईमेल पर क्यूआर कोड भेज ठगी कर रहे हैं. कई बार ठग पैसा देने के नाम पर क्यूआर कोड भेजते हैं, ऐसे में लोग झांसे में आकर अपनी पूंजी खो देते हैं. इसलिए हमेशा क्यूआर कोड इस्तेमाल के समय बेहद सावधानी बरतें.

फिशिंग लिंक के जरिए साइबर ठगी

वर्तमान समय में फिशिंग लिंक के नाम पर भी खूब ठगी का खेल हो रहा है. ई-मेल के जरिए अनजान व्यक्ति किसी तरह का प्रलोभन देकर एक लिंक भेजता है, जिसको क्लिक करने के बाद यूजर्स की सारी बैंक और निजी जानकारी हैकर्स के हाथ लग जाती है और वह एक बड़ी ठगी का शिकार बन जाता है.

उत्तराखंड पुलिस ने जारी किया हेल्पलाइन

ऐसे तमाम बढ़ते मामलों को देखते हुए उत्तराखंड साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन ने किसी भी साइबर संबंधी शिकायत या सुझाव के लिए 0135-2655900 नंबर जारी किया है. जिस पर आप अपनी शिकायत या फिर सुझाव दे सकते हैं. इसके साथ ही ccps.deh@uttarakhandpolice.uk.gov.in पर ईमेल भी कर सकते हैं. इतना ही नहीं, फेसबुक में माध्यम से भी https://www.facebook.com/cyberthanauttarakhand/ संपर्क कर सकते हैं.

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