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राष्ट्रीय स्तर का होगा भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र, CS ने अफसरों को दिए विशेष निर्देश - मुख्य सचिव एसएस संधू

उत्तराखंड के भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र को राष्ट्रीय स्तर का बनाने को लेकर कवायद जारी है. ताकि, भूस्खलन जैसी घटनाओं पर बेहतर और त्वरित कार्य किया जा सके. इसको लेकर मुख्य सचिव एसएस संधू ने अधिकारियों की बैठक ली. इस दौरान भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का अध्ययन करने की बात भी कही गई.

CS SS Sandhu
मुख्य सचिव एसएस संधू
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Published : Apr 21, 2023, 7:16 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड में आपदाओं की तमाम खतरों को देखते हुए एक राष्ट्रीय स्तरीय केंद्र तैयार करने पर जोर दिया जा रहा है. जिसके जरिए न केवल उत्तराखंड, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर घटनाओं के रोकथाम के लिए कार्य किए जाएंगे. भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र को राष्ट्रीय स्तर का बनाने के लिए मुख्य सचिव एसएस संधू ने संबंधित अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए हैं.

उत्तराखंड में भूस्खलन की तमाम घटनाओं को लेकर राज्य आपदा विभाग यूं तो अपने स्तर पर निगरानी रखता है, लेकिन अब भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र को और मजबूत करने की कोशिशें की जा रही है. ताकि, राज्य में भूस्खलन जैसी घटनाओं पर बेहतर तरीके से कार्य किया जा सके. मुख्य सचिव एसएस संधू की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कई दिशा निर्देश जारी किए गए हैं.

बैठक में भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र के महत्व को देखते हुए इसके स्तर को और बेहतर करने पर चिंतन किया गया. इस दौरान केंद्र को राज्य ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय और विश्व स्तरीय बनाने की बात भी की गई. इस दौरान मुख्य सचिव ने पहले चरण में उन तमाम क्षेत्रों के अध्ययन के लिए दिशा निर्देश दिए, जहां से अक्सर भूस्खलन की शिकायतें मिलती रही हैं.
ये भी पढ़ेंः नैनीताल के बलियानाला में लगातार हो रहा भूस्खलन, नीदरलैंड के वैज्ञानिक कर रहे अध्ययन

खास बात ये है कि ऐसे अध्ययन के लिए विश्वविद्यालयों या तमाम दूसरे शिक्षण संस्थानों को भी इसमें शोध के लिए जोड़ने के लिए कहा गया है. इतना ही नहीं स्थानीय इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों को भी इससे जोड़ते हुए उन्हें इससे संबंधित अनुभव प्राप्त करने का मौका देने की भी बात कही गई.

वहीं, बैठक में विभिन्न आपदा से जुड़े संस्थानों के आपसी समन्वय और राष्ट्रीय स्तर पर दूसरे संस्थानों के साथ भी तालमेल रखे जाने की बात दोहराई गई. उधर, भूस्खलन जोन के ट्रीटमेंट के लिए बायोइंजीनियरिंग सॉल्यूशन पर ध्यान देने के लिए भी कहा गया है. आज इसके लिए बकायदा एक सेल का गठन करने के भी निर्देश दिए गए.

देहरादूनः उत्तराखंड में आपदाओं की तमाम खतरों को देखते हुए एक राष्ट्रीय स्तरीय केंद्र तैयार करने पर जोर दिया जा रहा है. जिसके जरिए न केवल उत्तराखंड, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर घटनाओं के रोकथाम के लिए कार्य किए जाएंगे. भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र को राष्ट्रीय स्तर का बनाने के लिए मुख्य सचिव एसएस संधू ने संबंधित अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए हैं.

उत्तराखंड में भूस्खलन की तमाम घटनाओं को लेकर राज्य आपदा विभाग यूं तो अपने स्तर पर निगरानी रखता है, लेकिन अब भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र को और मजबूत करने की कोशिशें की जा रही है. ताकि, राज्य में भूस्खलन जैसी घटनाओं पर बेहतर तरीके से कार्य किया जा सके. मुख्य सचिव एसएस संधू की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कई दिशा निर्देश जारी किए गए हैं.

बैठक में भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र के महत्व को देखते हुए इसके स्तर को और बेहतर करने पर चिंतन किया गया. इस दौरान केंद्र को राज्य ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय और विश्व स्तरीय बनाने की बात भी की गई. इस दौरान मुख्य सचिव ने पहले चरण में उन तमाम क्षेत्रों के अध्ययन के लिए दिशा निर्देश दिए, जहां से अक्सर भूस्खलन की शिकायतें मिलती रही हैं.
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खास बात ये है कि ऐसे अध्ययन के लिए विश्वविद्यालयों या तमाम दूसरे शिक्षण संस्थानों को भी इसमें शोध के लिए जोड़ने के लिए कहा गया है. इतना ही नहीं स्थानीय इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों को भी इससे जोड़ते हुए उन्हें इससे संबंधित अनुभव प्राप्त करने का मौका देने की भी बात कही गई.

वहीं, बैठक में विभिन्न आपदा से जुड़े संस्थानों के आपसी समन्वय और राष्ट्रीय स्तर पर दूसरे संस्थानों के साथ भी तालमेल रखे जाने की बात दोहराई गई. उधर, भूस्खलन जोन के ट्रीटमेंट के लिए बायोइंजीनियरिंग सॉल्यूशन पर ध्यान देने के लिए भी कहा गया है. आज इसके लिए बकायदा एक सेल का गठन करने के भी निर्देश दिए गए.

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