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ट्रांसफर के बाद भी जमे अधिकारियों की खैर नहीं, CS ने दिए कार्रवाई के निर्देश - ट्रांसफर के बाद ड्यूटी ज्वाइन नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई

उत्तराखंड में बीते 4 सितंबर को 61 आईएएस और पीसीएस अधिकारियों के तबादले किए गए थे, लेकिन इनमें से कई अधिकारी पुरानी जगह पर ही कुंडली मारकर बैठे हैं. ट्रांसफर के बाद भी नई पोस्टिंग पर ज्वॉइनिंग नहीं कर रहे हैं. अब ऐसे अधिकारियों के खिलाफ शासन स्तर से कार्रवाई की जाएगी.

cs ss sandhu
मुख्य सचिव एसएस संधू
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Published : Sep 15, 2021, 10:02 PM IST

Updated : Sep 15, 2021, 10:38 PM IST

देहरादूनः हाल ही में उत्तराखंड शासन की ओर से बड़ी संख्या में आईएएस और पीसीएस अधिकारियों के तबादले किए गए हैं, लेकिन इसके बावजूद भी अधिकारी अपनी पुरानी पोस्टिंग पर ही जमे हुए हैं. जिन्हें लेकर मुख्य सचिव एसएस संधू ने कड़े निर्देश जारी किए हैं. साथ ही फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने वाले पर डॉक्टरों पर भी कार्रवाई करने को कहा है.

गौर हो कि बीते 4 सितंबर को ब्यूरोक्रेसी में बड़ा बदलाव किया गया था. जिसमें आईएएस और पीसीएस अधिकारियों को मिलाकर कुल 61 अधिकारियों के तबादले किए थे. लंबे समय से एक ही जगह पर जमे अधिकारियों को शासन ने इधर से उधर किया था, लेकिन इसके बावजूद भी कई अधिकारी मेडिकल का बहाना बनाकर या फिर अन्य कारणों की वजह से अपनी नई पोस्टिंग पर ज्वॉइनिंग नहीं कर रहे हैं. जिन्हें लेकर शासन ने सख्त रूख अपनाया है.

ये भी पढ़ेंः CM धामी ने विकास कार्यों के लिए दी बजट की मंजूरी, इन विधानसभा क्षेत्रों में होंगे काम

मुख्य सचिव एसएस संधू के कार्यालय से एक पत्र जारी किया गया है. जिसमें ऐसे सभी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं, जो ट्रांसफर के बावजूद भी नई पोस्टिंग पर ज्वॉइनिंग नहीं ले रहे हैं. पत्र में स्पष्ट लिखा गया है कि 4 सितंबर को हुए ट्रांसफर का अनुपालन जो भी अधिकारी नहीं कर रहे हैं, उसके खिलाफ अनुशासनहीनता और आचरण नियमावली के उल्लंघन करने पर तत्काल विभागीय कार्रवाई शुरू की जाए.

फर्जी मेडिकल बनाने वाले पर भी कार्रवाईः मुख्य सचिव कार्यालय से जारी हुए इस आदेश में यह भी लिखा गया है कि जो अधिकारी स्वास्थ्य कारणों की वजह से या फिर उनकी ओर से मेडिकल लीव (अवकाश) लिया गया है. उनसे चिकित्सा प्रमाण पत्र यानी मेडिकल चिकित्सा बोर्ड से परीक्षण और सत्यापन के बाद ही मंजूरी दें. अगर किसी डॉक्टर की ओर से फर्जी चिकित्सा प्रमाण पत्र निर्गत किया गया हो तो उसके खिलाफ स्वास्थ्य विभाग को कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं.

देहरादूनः हाल ही में उत्तराखंड शासन की ओर से बड़ी संख्या में आईएएस और पीसीएस अधिकारियों के तबादले किए गए हैं, लेकिन इसके बावजूद भी अधिकारी अपनी पुरानी पोस्टिंग पर ही जमे हुए हैं. जिन्हें लेकर मुख्य सचिव एसएस संधू ने कड़े निर्देश जारी किए हैं. साथ ही फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने वाले पर डॉक्टरों पर भी कार्रवाई करने को कहा है.

गौर हो कि बीते 4 सितंबर को ब्यूरोक्रेसी में बड़ा बदलाव किया गया था. जिसमें आईएएस और पीसीएस अधिकारियों को मिलाकर कुल 61 अधिकारियों के तबादले किए थे. लंबे समय से एक ही जगह पर जमे अधिकारियों को शासन ने इधर से उधर किया था, लेकिन इसके बावजूद भी कई अधिकारी मेडिकल का बहाना बनाकर या फिर अन्य कारणों की वजह से अपनी नई पोस्टिंग पर ज्वॉइनिंग नहीं कर रहे हैं. जिन्हें लेकर शासन ने सख्त रूख अपनाया है.

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मुख्य सचिव एसएस संधू के कार्यालय से एक पत्र जारी किया गया है. जिसमें ऐसे सभी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं, जो ट्रांसफर के बावजूद भी नई पोस्टिंग पर ज्वॉइनिंग नहीं ले रहे हैं. पत्र में स्पष्ट लिखा गया है कि 4 सितंबर को हुए ट्रांसफर का अनुपालन जो भी अधिकारी नहीं कर रहे हैं, उसके खिलाफ अनुशासनहीनता और आचरण नियमावली के उल्लंघन करने पर तत्काल विभागीय कार्रवाई शुरू की जाए.

फर्जी मेडिकल बनाने वाले पर भी कार्रवाईः मुख्य सचिव कार्यालय से जारी हुए इस आदेश में यह भी लिखा गया है कि जो अधिकारी स्वास्थ्य कारणों की वजह से या फिर उनकी ओर से मेडिकल लीव (अवकाश) लिया गया है. उनसे चिकित्सा प्रमाण पत्र यानी मेडिकल चिकित्सा बोर्ड से परीक्षण और सत्यापन के बाद ही मंजूरी दें. अगर किसी डॉक्टर की ओर से फर्जी चिकित्सा प्रमाण पत्र निर्गत किया गया हो तो उसके खिलाफ स्वास्थ्य विभाग को कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं.

Last Updated : Sep 15, 2021, 10:38 PM IST
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