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मोटर व्हीकल एक्ट से लोगों में चालान का खौफ, प्रदूषण फिटनेस सर्टिफिकेट पाने के लिए मारामारी

उत्तराखंड में अभी मोटर व्हीकल एक्ट का नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ है. इसके बावजूद लोगों में चालान का खौफ है. प्रदूषण फिटनेस सर्टिफिकेट पाने के लिए सुबह से लोग लाइन में लगे हैं.

प्रदूषण फिटनेस सर्टिफिकेट पाने की जद्दोजहद में जनता
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Published : Sep 6, 2019, 9:33 PM IST

देहरादून: देश में मोटर व्हीकल एक्ट पर नए संशोधन के तहत बढ़ाए गए भारी जुर्माने की दहशत देहरादून में भी देखने को मिल रही है. वाहनों की फिटनेस के लिए सुबह से शाम तक लोग प्रदूषण जांच केंद्रों के बाहर लंबी-लंबी कतारों लगाकर खड़े हैं. चालान से बचने के लिए अब सभी लोग प्रदूषण फिटनेस सर्टिफिकेट पाने की जद्दोजहद में जुट गए हैं. कमोवेश यही हाल इंश्योरेंस कंपनियों का भी है. जहां सुबह से शाम तक गाड़ियों के इंश्योरेंस करवाने की होड़ मची हुई है.

उत्तराखंड में अभी नोटिफिकेशन जारी होना बाकी
उत्तराखंड में अभी केंद्र सरकार द्वारा लागू किये नए संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट का नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है. उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले एक सप्ताह के भीतर होने वाली कैबिनेट बैठक में राज्य सरकार इस एक्ट पर नोटिफिकेशन जारी कर देगी. साथ ही नए जुर्माने की राशि को 50% तक कम किए जाने की भी संभावना है. अगर ऐसा होता तो यह जनता के लिए बड़ी राहत होगी.

पढे़ं- स्टिंग प्रकरण पर बोले हरदा- CBI को पूरा सहयोग देने के लिए तैयार हूं, सत्य मेव जयते

प्रदूषण जांच केंद्र में अवैध वसूली की शिकायतें
देहरादून में गिने-चुने प्रदूषण जांच केंद्र संचालित होने की वजह से अवैध वसूली की भी शिकायतें सामने आ रही हैं. सरकारी मानक के अनुसार एक वाहन के प्रदूषण जांच के लिए 100 रुपये की कीमत तय की गई है, लेकिन लोगों की शिकायत है कि उनसे 200 रुपये तक वसूले जा रहे हैं. हालांकि प्रदूषण जांच केंद्र को चलाने वाले संचालक का कहना है कि शुरुआती दौर में कुछ शिकायतें आई थीं,लेकिन अब ऐसा कुछ नहीं है.

वहीं पुलिस महानिदेशक लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार का कहना है कि भारत में ट्रैफिक नियमों को तोड़ना आम बात हो गई है. ट्रैफिक नियम का पालन करवाना आज पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती का कार्य है. उन्होंने कहा कि देश में हर साल लाखों की तादात में रोड एक्सीडेंट के कारण लोगों की जान जा रही है. जिसे रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा मोटर व्हीकल एक्ट को संशोधित किया गया है.

डीजी अशोक कुमार के मुताबिक अभी नया संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट का नोटिफिकेशन उत्तराखंड में जारी नहीं हुआ है, लेकिन कोर्ट में जाने वाले चालान नए एक्ट के तहत ही देने होंगे. जबकि पुलिस द्वारा ऑन द स्पॉट यानी मौके पर होने वाले चालान कंपाउंडिंग (संयोजन शुल्क) अभी पुराने मोटर व्हीकल एक्ट के तहत ही लिए जा रहे हैं.

देहरादून: देश में मोटर व्हीकल एक्ट पर नए संशोधन के तहत बढ़ाए गए भारी जुर्माने की दहशत देहरादून में भी देखने को मिल रही है. वाहनों की फिटनेस के लिए सुबह से शाम तक लोग प्रदूषण जांच केंद्रों के बाहर लंबी-लंबी कतारों लगाकर खड़े हैं. चालान से बचने के लिए अब सभी लोग प्रदूषण फिटनेस सर्टिफिकेट पाने की जद्दोजहद में जुट गए हैं. कमोवेश यही हाल इंश्योरेंस कंपनियों का भी है. जहां सुबह से शाम तक गाड़ियों के इंश्योरेंस करवाने की होड़ मची हुई है.

उत्तराखंड में अभी नोटिफिकेशन जारी होना बाकी
उत्तराखंड में अभी केंद्र सरकार द्वारा लागू किये नए संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट का नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है. उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले एक सप्ताह के भीतर होने वाली कैबिनेट बैठक में राज्य सरकार इस एक्ट पर नोटिफिकेशन जारी कर देगी. साथ ही नए जुर्माने की राशि को 50% तक कम किए जाने की भी संभावना है. अगर ऐसा होता तो यह जनता के लिए बड़ी राहत होगी.

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प्रदूषण जांच केंद्र में अवैध वसूली की शिकायतें
देहरादून में गिने-चुने प्रदूषण जांच केंद्र संचालित होने की वजह से अवैध वसूली की भी शिकायतें सामने आ रही हैं. सरकारी मानक के अनुसार एक वाहन के प्रदूषण जांच के लिए 100 रुपये की कीमत तय की गई है, लेकिन लोगों की शिकायत है कि उनसे 200 रुपये तक वसूले जा रहे हैं. हालांकि प्रदूषण जांच केंद्र को चलाने वाले संचालक का कहना है कि शुरुआती दौर में कुछ शिकायतें आई थीं,लेकिन अब ऐसा कुछ नहीं है.

वहीं पुलिस महानिदेशक लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार का कहना है कि भारत में ट्रैफिक नियमों को तोड़ना आम बात हो गई है. ट्रैफिक नियम का पालन करवाना आज पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती का कार्य है. उन्होंने कहा कि देश में हर साल लाखों की तादात में रोड एक्सीडेंट के कारण लोगों की जान जा रही है. जिसे रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा मोटर व्हीकल एक्ट को संशोधित किया गया है.

डीजी अशोक कुमार के मुताबिक अभी नया संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट का नोटिफिकेशन उत्तराखंड में जारी नहीं हुआ है, लेकिन कोर्ट में जाने वाले चालान नए एक्ट के तहत ही देने होंगे. जबकि पुलिस द्वारा ऑन द स्पॉट यानी मौके पर होने वाले चालान कंपाउंडिंग (संयोजन शुल्क) अभी पुराने मोटर व्हीकल एक्ट के तहत ही लिए जा रहे हैं.

Intro:summary-नए संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट के ज़ुर्माने से दहशत में लोग, भारी भरकम चालान के डर से प्रदूषण जांच केंद्र में लंबी-लंबी कतारें, नए जुर्माने के ख़ौफ़ से वाहनों के फिटनेस को लेकर एकाएक जागरूक हुए लोग,पेपर्स और फिटनेस सर्टिफिकेट को लेकर घंटों इंतजार कर दुपहिया वाहन चालक।
नए ज़ुर्माने से उत्तराखंड वासियों को 50 प्रतिशत राहत मिलने की संभावना

जुर्माने के डर से प्रदूषण जांच केंद्रों में वाहनों की लगी लंबी कतारें

देश में मोटर व्हीकल एक्ट पर नए संशोधन के तहत बढ़ाए गए भारी जुर्माने का दहशत वाला असर उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भी देखने को मिल रहा है। वाहनों की फिटनेस व पेपर्स की कमी पर भारी भरकम चालान भुगतने के डर से लोग अब मोटर व्हीकल एक्ट के तहत अब अपनी गाड़ीयों के सभी पेपर्स व फिटनेस कराने के लिए सुबह से शाम तक अपने सब काम छोड़ लंबी-लंबी कतारों पर लगे हैं। हालात यह कि प्रदूषण जांच के लिए भारी संख्या में लोग घण्टों इंतज़ार कर प्रदूषण जांच केंद्र पहुँचकर वाहनों के प्रदूषण फिटनेस सर्टिफिकेट पाने की जद्दोजहद में जुटे हुए हैं। हजारों रुपये ज़ुर्माने का डर सबसे ज्यादा दुपहिया वाहन स्वामियों को सता रहा हैं।
इतना ही नहीं ऐसा ही हाल इंसोरेंस कम्पनियों का भी हैं जहाँ सुबह से शाम तक हर तरह की गाड़ियों के इंसोरेश कराने की होड़ मची हुई हैं।

नए संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट का उत्तराखंड में अभी नोटिफिकेशन जारी होना बाकी

उत्तराखंड में अभी केंद्र सरकार द्वारा लागू किये नए संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट का नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले एक सप्ताह के भीतर होने वाली कैबिनेट बैठक में चर्चा के बाद राज्य इस एक्ट पर नोटिफिकेशन जारी कर नए जुर्माने की राशि को 50% तक कम की जाने की संभावना है। अगर ऐसा होता तो यह जनता के लिए बड़ी राहत होगी।


Body:प्रदूषण जांच केंद्रों की संख्या कम होने के चलते लोग परेशान

संसोधित मोटर व्हीकल एक्ट के नए जुर्माने का ख़ौफ़ आम लोगों के जेहन में इस कदर चल रहा है कि सभी वाहन स्वामी जल्द से जल्द अपने वाहनों के पेपर्स और फ़िटनेस पूरा कराने की होड़ में लगे हुए हैं। बात अगर प्रदूषण जांच की करें तो इसके लिए देहरादून में मात्र 4 से 5 केंद्र फ़िलहाल संचालित है जबकि देहरादून में रजिस्टर्ड वाहनों की संख्या 10 लाख ज्यादा है। ऐसे में प्रदूषण जांच केंद्रों की संख्या शहर में काफी कम होने की वजह इन केंद्रों में वाहनों की कतारें सैकड़ों की तादात में सुबह 7 बजे से लेकर देर शाम तक लग रही हैं। एक प्रदूषण जांच केंद्र पूरे दिन भर में लगभग 200 ही दुपहिया वाहनों की प्रदूषण जांच कर पा रहा है. जबकि प्रतिदिन चौपहिया वाहनों की प्रदूषण जांच इससे काफी कम बताई हैं। वही इस मामले में लोगों का कहना है कि कानून लागू करने से पहले सरकार को कुछ दिन की मोहलत देनी चाहिए .. साथ ही जनता की सहूलियत के लिए प्रदूषण जांच केंद्रों की संख्या भी बढ़ाने की जरूरत हैं.. ताकि अधिक से अधिक लोग समय से अपने वाहनों के फिटनेस करा सकें।

बाईट-वाहन स्वामी
बाईट-वाहन स्वामी

प्रदूषण जांच केंद्र में अवैध वसूली की भी शिकायतें

उधर देहरादून में गिने-चुने प्रदूषण जांच केंद्र संचालित होने के वजह से अवैध वसूली की भी शिकायतें सामने आ रही है सरकारी मानक के अनुसार एक वाहन की प्रदूषण जांच ₹100 तय की गई है जब की शिकायतों के मुताबिक ₹200 तक लोगों से वसूले जा रहे हैं। हालांकि प्रदूषण जांच केंद्र को चलाने वाले संचालक का कहना है कि शुरुआती तौर पर कुछ शिकायतें आई थी लेकिन बाद अब दुपहिया और चौपाइयां वाहनों की प्रदूषण जांच की फीस ₹100 ली जा रही है। लेकिन सरवर व तकनीकी खराबी के चलते कुछ केंद्रों पर चौपाया वाहनों की जांच फिलहाल नहीं हो रही है लेकिन एक हफ्ते में तकनीकी समस्या दूर होने के बाद सभी तरह के वाहनों की जांच शुरू की जाएगी।

बाईट-संजीव शर्मा, प्रदूषण जांच केंद्र,संचालक

50 प्रतिशत वाहन प्रदूषण जांच में फेल

वही प्रदूषण जांच केंद्र में कार्य करने वाले ऑपरेटर की माने पेट्रोल वाहनों का प्रदूषण मात्रा 2.5 CO2 ( कार्बन डाइऑक्साइड) तक होनी चाहिए लेकिन जांच के दौरान 50% ऐसे वाहन प्रदूषण जांच में फेल हो रहे हैं, जिन वाहनों का लेवल 2.5 CO2 से अधिक 4 से 5 co2 तक जा रहा है उन वाहन स्वामियों को गाड़ी की सर्विस कराने की हिदायत दी गई है। वही
प्रदूषण जांच मानक में सही पाए जाने वाले वाहनों को 6 महीने का

बाइट -शालिनी ,प्रदूषण जांच ऑपरेटर


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Conclusion: संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट के नए ज़ुर्माने से उत्तराखंड वासियों को मिल सकती हैं 50 प्रतिशत तक की राहत

केंद्र सरकार द्वारा देशभर में लागू किए गए संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट के तहत भारी भरकम जुर्माना वसूलने की चर्चा से जहाँ लोग सहमे हुए हैं ऐसे में अंदेशा जताया जा रहा है कि उत्तराखंड राज्य में नए तय जुर्माने की राशि की 50 प्रतिशत तक कम कर जनता को राहत दी जा सकती है हालांकि अभी इस संबंध में पुलिस व संबंधित अधिकारियों की शासन स्तर पर वार्ता चल रही है, ऐसे आने वाले दिनों में कैबिनेट बैठक के बाद भी नए एक्ट नोटिफिकेशन और जुर्माने की राशि की सही तस्वीर साफ होगी।

सड़क हादसों को रोकने में कारगर होगा संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट: डीजी

केंद्र सरकार द्वारा संसोधित मोटर व्हीकल एक्ट में जुर्माना राशि से देशभर में मची खलबली के मामले पर उत्तराखंड में अपराध व कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी निभाने वाले महानिदेशक अशोक कुमार का मानना है की हमारे देश में विपरीत विकसित देशों में सबसे बड़ा फर्क सड़कों पर चलने वाले ट्रैफिक को लेकर है वहां ट्रैफिक के नियम-कायदे सख्त होने के बावजूद उनको लोग हर हाल में पूरा करते हैं... लेकिन हमारे देश में ट्रैफिक के नियम तोड़ना आम बात है इनका अनुपालन कराना पुलिस के लिए सबसे बड़ा चुनौती का कार्य है भारत देश में लोग ट्रैफिक नियम को मानने के बजाय तोड़ने में विश्वास रखते हैं.. ऐसे में प्रतिवर्ष लाखों की तादात में रोड एक्सीडेंट के तहत मरने वाले आंकड़ो पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा मोटर व्हीकल एक्ट को संशोधित किया गया। डीजी अशोक कुमार के मुताबिक अभी नया संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट का नोटिफिकेशन उत्तराखंड में जारी नहीं हुआ है लेकिन कोर्ट में जाने वाले चालान नए एक्ट के तहत ही भुगतने होंगे..जबकि पुलिस द्वारा ऑन द स्पॉट यानी मौके पर होने वाले चालान कंपाउंडिंग (संयोजन शुल्क) अभी पुराने मोटर व्हीकल एक्ट के तहत ही लिए जा रहे हैं।

बाइट- अशोक कुमार, महानिदेशक, अपराध का व्यवस्था उत्तराखंड

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