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BJP विधायक के भाई सचिन और उसकी पत्नी का ये है आपराधिक रिकॉर्ड, देहरादून के साथ दिल्ली में भी दर्ज हैं मामले - उत्तराखंड ताजा समाचार टुडे

उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान में टिहरी से बीजेपी विधायक किशोर उपाध्याय के भाई सचिन उपाध्याय और उनकी पत्नी नाजिया युसूफ का पुरानी आपराधिक इतिहास रहा है. दोनों के खिलाफ देहरादून में ही नहीं, बल्कि दिल्ली में जमीन धोखाधड़ी के कई मामले दर्ज हैं.

नाजिया युसूफ
नाजिया युसूफ
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Published : May 27, 2022, 8:26 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान में टिहरी से बीजेपी विधायक किशोर उपाध्याय के छोटे भाई सचिन उपाध्याय की पत्नी नाजिया युसूफ को गुरुवार को ही केरल को कोच्ची एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था, लेकिन गिरफ्तार के कुछ देर बाद ही नाजिया को कोर्ट से जमानत मिल गई थी. ऐसे में देहरादून से नाजिया को अपनी हिरासत में लेने पहुंची उत्तराखंड पुलिस को खाली हाथ ही वापस आना पड़ा है, लेकिन नाजिया का आपराधिक इतिहास काफी गंभीर है. राजधानी देहरादून के कई थानों में सचिन और नाजिया पर कई मामले दर्ज हैं.

सचिन उपाध्याय और नाजिया द्वारा देहरादून के राजपुर रोड स्थित विवादों में रहने वाले क्लब WIC वर्षों से संचालित है. ऐसे में इस क्लब के कुछ हिस्से का निर्माण अवैध बताकर एमडीडीए (मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण) पहले भी कई बार सीलिंग की कार्रवाई भी कर चुका है.
पढ़ें- किशोर उपाध्याय के भाई की पत्नी नाजिया को नैनीताल HC से मिली जमानत, कोच्चि पुलिस ने किया रिहा

2017 में हुआ था मुकदमा दर्ज: जानकारी के मुताबिक, किशोर उपाध्याय के भाई सचिन उपाध्याय की पत्नी नाजिया और सचिन के खिलाफ 2017 में एक मामला राजपुर क्षेत्र से सामने आया, जिसमें उन्होंने अपने पाटनर मुकेश जोशी की संपत्ति को न सिर्फ खुर्दबुर्द किया, बल्कि खुद को मालिक बताते हुए बैंक से 26 करोड़ रुपए का लोन भी लिया. इस मामले में शिकायतकर्ता द्वारा राजपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया. हालांकि, कुछ समय बाद पुलिस ने इस केस में अपनी फाइनल रिपोर्ट लगा दी. लेकिन कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद FR वापस लेते हुए 19 जनवरी 2020 को दोबारा से इस मामले में मुकदमा दर्ज किया गया.

वहीं, फर्जीवाड़े और बैंक लोन धोखाधड़ी मामले में सचिन उपाध्याय को 2020 में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, जो फिलहाल जमानत पर बाहर हैं. हालांकि, सचिन की पत्नी नाजिया इस मामले में पुलिस की पकड़ से फरार चलती रही थी. ऐसे में देहरादून एसीजेएम कोर्ट ने नाजिया के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई करते हुए उसे भगोड़ा घोषित कर दिया.
पढ़ें- कोच्चि एयरपोर्ट से हिरासत में ली गई किशोर उपाध्याय के भाई की पत्नी, नाजिया के खिलाफ था लुक आउट नोटिस

नाजिया पर 10 हजार रुपए का इनाम: लंबे समय से फरार चल रही नाजिया पहले पुलिस ने एक हजार रुपए का इनाम घोषित किया था. बाद में ये इनाम बढ़ाकर 10 हजार रुपए कर दिया गया. इतना ही अंडर ग्राउंड नाजिया की गिरफ्तारी न होने पर देहरादून पुलिस द्वारा लुकआउट नोटिस जारी किया गया था, जिसके वजह से एक दिन पहले कोच्चि एयरपोर्ट पर पुलिस ने नाजिया को गिरफ्तार किया. देहरादून से उत्तराखंड पुलिस भी नाजिया को लेने के लिए कोच्चि पहुंची थी, लेकिन हाई कोर्ट से नाजिया को जमानत मिल गई, जिसके चलते को कोच्चि से खाली हाथ लौटना पड़ा.

पटेल नगर में भी जमीन फर्जीवाड़े के तहत मुकदमा दर्ज: जानकारी के अनुसार, सचिन उपाध्याय के खिलाफ एक और मुकदमा पटेलनगर थाने में भी दर्ज किया गया है. गुरुग्राम निवासी प्रमोद बड़ौनी ने पुलिस को शिकायत देते हुए बताया कि वर्ष 2011 में शीशमबाड़ा स्थित इलाके में सचिन उपाध्याय ने एक प्लॉटिंग प्रोजेक्ट के तहत कर वहां प्लॉट बेचने का सौदा तय किया.

सचिन ने प्लॉट का कब्जा तो नहीं दिया, लेकिन सौदे के तहत प्लाट के एक करोड़ से अधिक रुपए जालसाज़ी में हड़प लिए. ऐसे में इस मामले की शिकायत के आधार पर जुलाई 2020 को पटेलनगर थाने में सचिन उपाध्याय के खिलाफ फ्रॉड में मुकदमा दर्ज किया गया.

सचिन के खिलाफ दिल्नी में भी मुकदमे दर्ज: सचिन के खिलाफ जमीन फर्जीवाडे़ के सिर्फ उत्तराखंड में ही नहीं, बल्कि दिल्ली में कई मुकदमे दर्ज हैं. जानकारी के मुताबिक, वर्ष 2014 में सचिन उपाध्याय और उनकी पत्नी के विरुद्ध दिल्ली के साकेत थाने में भी गुड़गांव पालम निवासी आरबी शर्मा की तहरीर दी थी. इसके बाद पुलिस ने दोनों के खिलाफ जमीन धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया था.

इतना ही नहीं सचिन उपाध्याय के पार्टनर मुकेश जोशी ने भी 2012 में नाजिया और सचिन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि दोनों जालसाजी कर कंपनी को अपने नाम कर लिया. मुकेश जोशी ने आरोप लगाया था कि दंपति ने उनके जाली हस्ताक्षकर कर कंपनी के सारे हिस्सेदारी अपने नाम कर संपत्ति को बेच दिया था.

मामला दर्ज होने के बाद सचिन उपाध्याय और नाजिया ने मुकेश जोशी के साथ समझौता करते हुए ढाई करोड़ देने को कहा था, लेकिन बाद में दोनों समझौते से मुकर गए थे और उन्होंने मुकेश जोशी को कोई पैसा नहीं दिया. वहीं, अब इसी मामले में सचिन उपाध्याय और नाजिया का मुकेश जोशी के साथ समझौता हुआ है. नाजिया कई मामले में फरार चल रही थी, जिसको लेकर पुलिस ने उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया था.

देहरादून: उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान में टिहरी से बीजेपी विधायक किशोर उपाध्याय के छोटे भाई सचिन उपाध्याय की पत्नी नाजिया युसूफ को गुरुवार को ही केरल को कोच्ची एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था, लेकिन गिरफ्तार के कुछ देर बाद ही नाजिया को कोर्ट से जमानत मिल गई थी. ऐसे में देहरादून से नाजिया को अपनी हिरासत में लेने पहुंची उत्तराखंड पुलिस को खाली हाथ ही वापस आना पड़ा है, लेकिन नाजिया का आपराधिक इतिहास काफी गंभीर है. राजधानी देहरादून के कई थानों में सचिन और नाजिया पर कई मामले दर्ज हैं.

सचिन उपाध्याय और नाजिया द्वारा देहरादून के राजपुर रोड स्थित विवादों में रहने वाले क्लब WIC वर्षों से संचालित है. ऐसे में इस क्लब के कुछ हिस्से का निर्माण अवैध बताकर एमडीडीए (मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण) पहले भी कई बार सीलिंग की कार्रवाई भी कर चुका है.
पढ़ें- किशोर उपाध्याय के भाई की पत्नी नाजिया को नैनीताल HC से मिली जमानत, कोच्चि पुलिस ने किया रिहा

2017 में हुआ था मुकदमा दर्ज: जानकारी के मुताबिक, किशोर उपाध्याय के भाई सचिन उपाध्याय की पत्नी नाजिया और सचिन के खिलाफ 2017 में एक मामला राजपुर क्षेत्र से सामने आया, जिसमें उन्होंने अपने पाटनर मुकेश जोशी की संपत्ति को न सिर्फ खुर्दबुर्द किया, बल्कि खुद को मालिक बताते हुए बैंक से 26 करोड़ रुपए का लोन भी लिया. इस मामले में शिकायतकर्ता द्वारा राजपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया. हालांकि, कुछ समय बाद पुलिस ने इस केस में अपनी फाइनल रिपोर्ट लगा दी. लेकिन कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद FR वापस लेते हुए 19 जनवरी 2020 को दोबारा से इस मामले में मुकदमा दर्ज किया गया.

वहीं, फर्जीवाड़े और बैंक लोन धोखाधड़ी मामले में सचिन उपाध्याय को 2020 में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, जो फिलहाल जमानत पर बाहर हैं. हालांकि, सचिन की पत्नी नाजिया इस मामले में पुलिस की पकड़ से फरार चलती रही थी. ऐसे में देहरादून एसीजेएम कोर्ट ने नाजिया के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई करते हुए उसे भगोड़ा घोषित कर दिया.
पढ़ें- कोच्चि एयरपोर्ट से हिरासत में ली गई किशोर उपाध्याय के भाई की पत्नी, नाजिया के खिलाफ था लुक आउट नोटिस

नाजिया पर 10 हजार रुपए का इनाम: लंबे समय से फरार चल रही नाजिया पहले पुलिस ने एक हजार रुपए का इनाम घोषित किया था. बाद में ये इनाम बढ़ाकर 10 हजार रुपए कर दिया गया. इतना ही अंडर ग्राउंड नाजिया की गिरफ्तारी न होने पर देहरादून पुलिस द्वारा लुकआउट नोटिस जारी किया गया था, जिसके वजह से एक दिन पहले कोच्चि एयरपोर्ट पर पुलिस ने नाजिया को गिरफ्तार किया. देहरादून से उत्तराखंड पुलिस भी नाजिया को लेने के लिए कोच्चि पहुंची थी, लेकिन हाई कोर्ट से नाजिया को जमानत मिल गई, जिसके चलते को कोच्चि से खाली हाथ लौटना पड़ा.

पटेल नगर में भी जमीन फर्जीवाड़े के तहत मुकदमा दर्ज: जानकारी के अनुसार, सचिन उपाध्याय के खिलाफ एक और मुकदमा पटेलनगर थाने में भी दर्ज किया गया है. गुरुग्राम निवासी प्रमोद बड़ौनी ने पुलिस को शिकायत देते हुए बताया कि वर्ष 2011 में शीशमबाड़ा स्थित इलाके में सचिन उपाध्याय ने एक प्लॉटिंग प्रोजेक्ट के तहत कर वहां प्लॉट बेचने का सौदा तय किया.

सचिन ने प्लॉट का कब्जा तो नहीं दिया, लेकिन सौदे के तहत प्लाट के एक करोड़ से अधिक रुपए जालसाज़ी में हड़प लिए. ऐसे में इस मामले की शिकायत के आधार पर जुलाई 2020 को पटेलनगर थाने में सचिन उपाध्याय के खिलाफ फ्रॉड में मुकदमा दर्ज किया गया.

सचिन के खिलाफ दिल्नी में भी मुकदमे दर्ज: सचिन के खिलाफ जमीन फर्जीवाडे़ के सिर्फ उत्तराखंड में ही नहीं, बल्कि दिल्ली में कई मुकदमे दर्ज हैं. जानकारी के मुताबिक, वर्ष 2014 में सचिन उपाध्याय और उनकी पत्नी के विरुद्ध दिल्ली के साकेत थाने में भी गुड़गांव पालम निवासी आरबी शर्मा की तहरीर दी थी. इसके बाद पुलिस ने दोनों के खिलाफ जमीन धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया था.

इतना ही नहीं सचिन उपाध्याय के पार्टनर मुकेश जोशी ने भी 2012 में नाजिया और सचिन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि दोनों जालसाजी कर कंपनी को अपने नाम कर लिया. मुकेश जोशी ने आरोप लगाया था कि दंपति ने उनके जाली हस्ताक्षकर कर कंपनी के सारे हिस्सेदारी अपने नाम कर संपत्ति को बेच दिया था.

मामला दर्ज होने के बाद सचिन उपाध्याय और नाजिया ने मुकेश जोशी के साथ समझौता करते हुए ढाई करोड़ देने को कहा था, लेकिन बाद में दोनों समझौते से मुकर गए थे और उन्होंने मुकेश जोशी को कोई पैसा नहीं दिया. वहीं, अब इसी मामले में सचिन उपाध्याय और नाजिया का मुकेश जोशी के साथ समझौता हुआ है. नाजिया कई मामले में फरार चल रही थी, जिसको लेकर पुलिस ने उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया था.

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