देहरादून: रजिस्ट्री फर्जीवाड़े मामले में नगर कोतवाली में दो मुकदमे दर्ज हुए हैं. एसआईटी की टीम द्वारा केपी से पूछताछ के बाद ही दो रजिस्ट्री फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. बता दें कि इससे पहले रजिस्ट्री फर्जीवाड़े मामले में सात मुकदमे दर्ज हैं और 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस जेल भी चुकी है. इस मामले में अब तक कुल 9 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं.
एआईजी स्टाम्प संदीप श्रीवास्तव ने शिकायत दर्ज कराई की एनएन सिंह और उसकी पत्नी रक्षा सिंह के नाम पर एक कमर्शियल गैराज था और दोनों इंग्लैंड में रहते थे. उन्होंने यह जमीन 1979 में खरीदी थी और तब से बैनामा रजिस्ट्रार कार्यालय में था.मामले की जांच की गई तो पता चला कि पंजीकृत अनुबंध प्रेमचंद निश्चल निवासी काली रोड के नाम कर दिया है और इसके बाद रामरतन शर्मा निवासी मुजफ्फरनगर को बेच दिया गया था.
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प्रशासन द्वारा इस मामले में जांच करने पर छेड़छाड़ सामने आई थी और लिखावट, स्याही सब अलग-अलग थी. दूसरा मामले में आरोपियों ने साल 1989 की रजिस्ट्री संख्या 10491 जिल्द संख्या 3546 में भी फर्जीवाड़ा किया है. यह 559 वर्ग गज जमीन प्यारेलाल के नाम से स्वर्ण सिंह निवासी बरेली के नाम दर्ज हुई है. इसमें भी लिखावट और स्याही अलग-अलग है. नगर कोतवाली प्रभारी राकेश गोसाई ने बताया है कि एआईजी स्टांप संदीप श्रीवास्तव की तैयारी के आधार पर रजिस्ट्री फर्जीवाड़े मामले में दो मुकदमे पंजीकृत किए गए हैं.साथ ही मामले में और आरोपियों को गिरफ्तार किया जा सकता है.
जानिए क्या है मामला: सब रजिस्ट्रार कार्यालय में डीएम सोनिका ने फर्जीवाडे़ को पकड़ा था, जिसके बाद लगातार कार्रवाई चल रही है. डीएम सोनिका की सक्रियता के कारण पहली बार यह मामला जांच के दायरे में आया. जिसके बाद जिलाधिकारी सोनिका ने प्रकरण पर मुकदमा दर्ज करवाया था. मामले के संज्ञान में आने के बाद खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी रजिस्ट्रार कार्यालय पहुंच थे और दस्तावेजों की छानबीन की थी. इस मामले में एसआईटी गठित की गई है और एसआईटी मामले की जांच कर रही है. जिसके बाद गिरफ्तारियों का दौर जारी है.