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रजिस्ट्रार ऑफिस में बैनामों से छेड़छाड़ का मामला, मुख्य आरोपी केपी सिंह को सहारनपुर ले जाएगी SIT, खुलेंगे कई राज! - उत्तराखंड न्यूज

देहरादून रजिस्ट्रार ऑफिस में बैनामों से छेड़छाड़ कर करोड़ों रुपए का घपला करने वाले मुख्य आरोपी केपी सिंह को लेकर आज एसआईटी की टीम यूपी के सहारनपुर जा सकती है. बताया जाता है कि केपी सिंह के घपले का ये खेल सहारनपुर से ही शुरू हुआ था. वहीं देहरादून बार एसोसिएशन ने भी इस मामले में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए और केपी सिंह पर नरमी बरतने का आरोप लगाया है, जिसके बाद डीजीपी अशोक कुमार ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 13, 2023, 1:58 PM IST

देहरादून: राजधानी देहरादून के कलेक्ट्रेट और रजिस्ट्रार ऑफिस में हुए घपले की जांच कर रही एसआईटी अब आरोपियों की पुरानी फ़ाइल खोलने लगी है. मुख्य आरोपी केपी सिंह के पुराने मामले पर सवाल उठने लगे तो डीजीपी ने भी जांच बैठा दी है. वही एसआईटी ने मास्टरमाइंड केपी को रजिस्ट्री फर्जीवाड़ी मामले में चार दिन की पीसीआर लेकर पूछताछ शुरू कर दी है.

दरअसल, इन दिनों देहरादून में रजिस्ट्रार ऑफिस में हुए सरकारी जमीनों के दस्तावेजों का घपला सुर्खियों में है. सीएम पुष्कर सिंह धामी के आदेश पर मामले की जांच एसआईटी कर रही है और जांच में पूरा घपला 1000 करोड़ से अधिक का बताया जा रहा है.
पढ़ें- देहरादून रजिस्ट्रार ऑफिस में बैनामों से छेड़छाड़ का मामला गरमाया, वकीलों ने एसएसपी कार्यालय घेरा

जांच कर रही एसआईटी ने अभी तक मामले में दो वकीलों के साथ 10 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है. साथ ही पुलिस इस पूरे खेल के सरगना केपी सिंह को भी सहारनपुर से देहरादून वारंट पर लेकर आई है. केपी सिंह के खिलाफ बीते साल क्लेमेंटाउन थाने में 6 बीघा जमीन पर बनी करोड़ों की कोठी पर बुलडोजर चलाने का भी आरोप था, जिस मामले में 10 लोग जेल में हैं और केपी सिंह जो कि इस मामले में अहम कड़ी था, उसको पुलिस ने अरेस्ट नहीं किया था. इस पर देहरादून के बार एसोसिएशन ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाये थे.

बार एसोसिएशन का आरोप था कि केपी को क्यों 41 का नोटिस देकर छोड़ दिया गया था. साथ ही देहरादून बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल कुमार शर्मा ने पुलिस पर कई और गंभीर आरोप भी लगाए थे. सहारनपुर के भू माफिया केपी को एसआईटी की टीम शुक्रवार को वारंट पर देहरादून लेकर आई थी. इसके बाद न्यायालय ने उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया और पुलिस ने उसी दिन उसकी चार दिन की रिमांड मांगी थी, जिस पर सोमवार को बहस हुई थी.
पढ़ें- देहरादून रजिस्ट्रार ऑफिस में बैनामों से छेड़छाड़ का मामला, पुलिस के हत्थे चढ़े दो आरोपी

सोमवार को कोर्ट ने पुलिस को केपी सिंह की चार दिन की रिमांड मंजूर कर दी थी. एसआईटी मंगलवार सुबह केपी सिंह को सुद्दोवाला जेल से लेकर कोतवाली पहुंची थी, जहां उससे पूछताछ की गई थी.

बता दें कि आरोपी केपी ने सहारनपुर से फर्जीवाड़े की शुरुआत की थी और इसके लिए उसने बैनामों में 1970 से 1990 के बीच प्रचलन में रहे स्टांप का इस्तेमाल किया था. ज्यादातर रजिस्ट्री 2019 से 2021 के बीच तैयार की गई है. ऐसे में एसआईटी की टीम केपी से स्टांप के बारे में पूछताछ करेगी.
पढ़ें- रजिस्ट्रार ऑफिस रिकॉर्ड छेड़छाड़ मामला, दून लाया गया मुख्य आरोपी कंवर पाल, अब होंगे बड़े खुलासे

वहीं आज एसआईटी की टीम केपी को सहारनपुर लेकर जाएगी, जहां पर उम्मीद जताई जा रही है कि टीम को काफी अहम जानकारी मिल सकती हैं. वहीं, देहरादून बार एसोसिएशन के आरोपों का संज्ञान लेते हुए डीजीपी अशोक कुमार ने भी मामले की जांच के आदेश जारी किए हैं.

देहरादून: राजधानी देहरादून के कलेक्ट्रेट और रजिस्ट्रार ऑफिस में हुए घपले की जांच कर रही एसआईटी अब आरोपियों की पुरानी फ़ाइल खोलने लगी है. मुख्य आरोपी केपी सिंह के पुराने मामले पर सवाल उठने लगे तो डीजीपी ने भी जांच बैठा दी है. वही एसआईटी ने मास्टरमाइंड केपी को रजिस्ट्री फर्जीवाड़ी मामले में चार दिन की पीसीआर लेकर पूछताछ शुरू कर दी है.

दरअसल, इन दिनों देहरादून में रजिस्ट्रार ऑफिस में हुए सरकारी जमीनों के दस्तावेजों का घपला सुर्खियों में है. सीएम पुष्कर सिंह धामी के आदेश पर मामले की जांच एसआईटी कर रही है और जांच में पूरा घपला 1000 करोड़ से अधिक का बताया जा रहा है.
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जांच कर रही एसआईटी ने अभी तक मामले में दो वकीलों के साथ 10 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है. साथ ही पुलिस इस पूरे खेल के सरगना केपी सिंह को भी सहारनपुर से देहरादून वारंट पर लेकर आई है. केपी सिंह के खिलाफ बीते साल क्लेमेंटाउन थाने में 6 बीघा जमीन पर बनी करोड़ों की कोठी पर बुलडोजर चलाने का भी आरोप था, जिस मामले में 10 लोग जेल में हैं और केपी सिंह जो कि इस मामले में अहम कड़ी था, उसको पुलिस ने अरेस्ट नहीं किया था. इस पर देहरादून के बार एसोसिएशन ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाये थे.

बार एसोसिएशन का आरोप था कि केपी को क्यों 41 का नोटिस देकर छोड़ दिया गया था. साथ ही देहरादून बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल कुमार शर्मा ने पुलिस पर कई और गंभीर आरोप भी लगाए थे. सहारनपुर के भू माफिया केपी को एसआईटी की टीम शुक्रवार को वारंट पर देहरादून लेकर आई थी. इसके बाद न्यायालय ने उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया और पुलिस ने उसी दिन उसकी चार दिन की रिमांड मांगी थी, जिस पर सोमवार को बहस हुई थी.
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सोमवार को कोर्ट ने पुलिस को केपी सिंह की चार दिन की रिमांड मंजूर कर दी थी. एसआईटी मंगलवार सुबह केपी सिंह को सुद्दोवाला जेल से लेकर कोतवाली पहुंची थी, जहां उससे पूछताछ की गई थी.

बता दें कि आरोपी केपी ने सहारनपुर से फर्जीवाड़े की शुरुआत की थी और इसके लिए उसने बैनामों में 1970 से 1990 के बीच प्रचलन में रहे स्टांप का इस्तेमाल किया था. ज्यादातर रजिस्ट्री 2019 से 2021 के बीच तैयार की गई है. ऐसे में एसआईटी की टीम केपी से स्टांप के बारे में पूछताछ करेगी.
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वहीं आज एसआईटी की टीम केपी को सहारनपुर लेकर जाएगी, जहां पर उम्मीद जताई जा रही है कि टीम को काफी अहम जानकारी मिल सकती हैं. वहीं, देहरादून बार एसोसिएशन के आरोपों का संज्ञान लेते हुए डीजीपी अशोक कुमार ने भी मामले की जांच के आदेश जारी किए हैं.

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