देहरादून: पुलिस रिलायंस ज्वैलरी शोरूम में हुई डकैती मामले में आरोपियों तक पहुंचने की कोशिश में जुटी हुई है. इसी कड़ी में पुलिस के हाथ अहम सुराग लग रहे हैं. बरामद दोनों बाइक व कार से गैंग के संबंध में अहम जानकारी मिलने के बाद पुलिस आरोपियों के काफी नजदीक पहुंच चुकी है. साथ ही पुलिस को कार में गियर बॉक्स के नीचे सीक्रेट बॉक्स मिला है. जिसका प्रयोग आरोपी हथियार छिपाने के लिए करते थे. वहीं एसएसपी अजय सिंह ने कहा कि घटना का राष्ट्रपति के दौरे से कोई संबंध नहीं है, गैंग सुनियोजित तरीके से घटना को अंजाम देता है. उन्होंने कहा कि घटना में राजनीति करना ठीक नहीं है.
पुलिस के हाथ लगे अहम सुराग: गौर हो कि घटना में शामिल शातिर गैंग द्वारा अलग-अलग प्रांत पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, उड़ीसा जैसे राज्यों में बड़ी घटनाएं की गई हैं. आरोपी घटना में प्रयोग दो बाइकें व एक कार छोड़कर भागे हैं, जिससे पुलिस को गैंग के संबंध में अहम जानकारियां मिली हैं, और पुलिस अपराधियों के काफी नजदीक पहुंच चुकी है.
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वारदात की तारीख पहले से तय: ये गैंग इससे पहले अन्य राज्यों में रिलायंस ज्वैलर्स और अन्य बड़े-बड़े ज्वेलरी शॉप में घटना को अंजाम दे चुका है. आरोपियों की कार की फोरेंसिक जांच में पाया गया कि हथियारों के लिए कार में वेल्डिंग करके एक अलग स्पेस बनाया गया था, जिससे वो पुलिस चेकिंग से बच सकें. साथ ही अब तक की जांच में सामने आया है कि इस गैंग ने दीपावली से पहले धनतेरस के आसपास ही देहरादून की इस ज्वैलरी शॉप लूटने की योजना तैयार कर ली थी, इसके लिए कई महीनों पहले से तैयारी की गई थी. ये समय इसलिए चुना गया क्योंकि दीपावली के आसपास ही शोरूमों में काफी मात्रा में ज्वैलरी आती हैं.
कार में हथियारों के लिए अलग स्पेस: बता दें कि, 9 नवंबर को देहरादून राजपुर रोड स्थित रिलायंस ज्वैलरी शोरूम में लूट की घटना को अंजाम दिया गया था. आरोपियों ने घटना में प्रयोग की गई दो मोटरसाइकिल और एक कार को पुलिस द्वारा की गई चेकिंग के कारण सेलाकुई क्षेत्र में ही छोड़ दिया था. अब तक की जांच में घटना में शामिल गैंग को पुलिस ने चिन्हित कर लिया है. इस गैंग ने पहले भी कई महानगरों में इस प्रकार की घटनाओं को अंजाम दिया है.
कार में गियर बॉक्स के नीचे सीक्रेट बॉक्स: ये सामने आया है कि गैंग द्वारा कई महीनों पहले से ही घटना की प्लानिंग करते हुए घटनास्थल की रेकी करने के बाद ही घटना को अंजाम दिया जाता है. पहले हुई घटनाओं में भी गैंग द्वारा इसी मोडस ऑपरेंडी (Modus operandi) से काम करते हुए घटनाओं को अंजाम दिया गया था. आरोपियों द्वारा घटना में प्रयोग कार की फोरेंसिक जांच में पुलिस टीम को कार के गियर बॉक्स के नीचे से एक सीक्रेट बॉक्स मिला है, जो नियमित चेकिंग के दौरान पकड़ में आना लगभग असंभव है. आरोपियों ने सीक्रेट बॉक्स को हथियारों को छिपाने के लिए इस्तेमाल किया जाता था.
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जानिए क्या कह रहे पुलिस के अधिकारी: दून एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि राजपुर रोड में ज्वैलरी शोरूम में की गई घटना की प्लानिंग भी गैंग द्वारा कई महीने पहले से की गई थी. जिसके लिए घटना में प्रयोग कार को 6 माह पहले आगरा से और 2 मोटरसाइकिलों को 2 महीने पहले गुरुग्राम से चोरी किया गया था. आरोपियों को जानकारी थी कि धनतेरस के समय ज्वैलरी शोरूम में काफी ज्वैलरी की सप्लाई की जाएगी और गैंग ने धनतेरस से पहले के दिन को ही संभवतः इस कारण से घटना के लिए चुना गया था.
घटना का राष्ट्रपति के दौरे से कोई संबंध नहीं: आरोपी घटनास्थल से निकटवर्ती राज्यों में अपने छिपने का ठिकाना बनाते थे और रेकी करके फिर अन्य राज्यों में अपना ठिकाने बनाकर घटना की योजना को अंजाम देने के काम करते थे. एसएसपी ने कहा कि उत्तराखंड पुलिस किसी भी गैंग को पकड़ने में दक्ष है, इसलिए इस घटना का राजनीतिकरण न करते हुए पुलिस का हौसला बढ़ाना चाहिए. एसएसपी ने कहा कि, जब गैंग सुनियोजित तरीके से वारदात को अंजाम देता है तो आरोपियों की गिरफ्तारी में थोड़ा समय लगता ही है. उत्तराखंड पुलिस सभी चुनौती को स्वीकार कर शीघ्र पर्दाफाश करेगी. उन्होंने साफ किया कि, इस घटना का राष्ट्रपति के भ्रमण से कोई संबंध नहीं है, इसलिए घटना को राजनीतिक मुद्दा ना बनाया जाए.