देहरादून: रजिस्ट्रार कार्यालय में पुराने रिकॉर्ड से छेड़छाड़ मामले में एसआईटी एक्शन में है. एसआईटी ने सहारनपुर जेल में बंद मुख्य आरोपी केपी (कंवर पाल) सिंह को बी-वारंट पर देहरादून लाकर सीजेएम कोर्ट में पेश किया, जिसके बाद रिकॉर्ड छेड़छाड़ के मुख्य आरोपी को सुद्धोवाला जेल भेज दिया गया है. साथ ही एसआईटी की टीम ने मुख्य आरोपी की पीसीआर (police custody remand) लेने के लिए कोर्ट में याचिका डाल दी है.
एसआईटी ने रिमांड के लिए डाली याचिका: एसआईटी ने केपी की पांच दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड ली है. अब कोर्ट फैसला करेगी कि पुलिस को केपी की पीसीआर कितने दिन की मिलती है. साथ ही केपी के पीसीआर पर लेने के बाद एसआईटी की टीम को रजिस्ट्रार कार्यालय में पुराने रिकॉर्ड से छेड़छाड़ मामले में कई अहम जानकारियां मिल सकती हैं. बता दें, एसआईटी ने इस मामले में अबतक सात मुकदमे पंजीकृत किए हैं. शहर के नामी वकील कमल विरमानी सहित 9 लोगों को इस मामले में अरेस्ट कर जेल भेजा जा चुका है.
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जिलाधिकारी ने करवाई थी जांच: 15 जुलाई को संदीप श्रीवास्तव सहायक महानिरीक्षक निबंधन ने शिकायत दर्ज कराई थी कि जिलाधिकारी द्वारा 3 गठित समिति की जांच रिपोर्ट में अज्ञात आरोपियों की मिलीभगत से धोखाधड़ी की नियत से आपराधिक षडयंत्र रचकर रजिस्ट्रार कार्यालय और उप रजिस्ट्रार कार्यालय में अलग-अलग बैनामों में छेड़छाड़ की गई. जिस संबंध में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया. टीम ने रजिस्ट्रार ऑफिस से जानकारी लेते हुए रिंग रोड से संबंधित 50 से अधिक रजिस्ट्रियों का अध्ययन किया. जिसके बाद सभी लोगों से पूछताछ की गई. पूछताछ में कुछ प्रॉपर्टी डीलर के नाम आए, जिनसे पूछताछ में कई अन्य लोगों के नाम सामने आए.
अबतक 10 लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी: गठित टीम ने कई संदिग्धों के विभिन्न बैंक अकाउंट भी चेक किए, जिसमें करोड़ों रुपयों का लेन-देन होना पाया गया. इन लोगों द्वारा बनाये गये दस्तावेजों को रजिस्ट्रार कार्यालय से प्राप्त करने पर करीब पौने दो एकड़ भूमि पर फर्जीवाड़े का होना पाया गया. एसआईटी की टीम ने पहले मक्खन सिंह, संतोष अग्रवाल, दीप चन्द अग्रवाल, रजिस्ट्रार कार्यालय में नियुक्त डालचन्द, वकील इमरान अहमद, रोहताश सिंह, राजस्व अभिलेखागार में नियुक्त विकास पाण्डे, रिकॉर्ड रूम में नियुक्त अजय सिंह क्षेत्री और कमल विरामनी को गिरफ्तार किया. ये सभी अभी जेल में हैं.
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केपी सिंह ने किया बड़ा फर्जीवाड़ा: मामले में मुख्य आरोपी सहारनपुर निवासी केपी सिंह (कंवर पाल) ने ही सभी आरोपियों को अलग-अलग जोड़कर फर्जीवाड़ा किया. केपी सहारनपुर में कुछ जमीनों के पुरानी रजिस्ट्री बनवाकर अपने और अपने जानने वालों के नाम चढ़ाकर करोड़ों रुपये का फर्जीवाड़ा करता है. केपी ने देहरादून में भी पुरानी और विवादित जमीनों पर इसी तरह काम किया. रुपयों के लालच में आकर कई लोगों ने केपी को क्लेमेंट टाउन, पटेलनगर, रायपुर, नवादा और रैनापुर से संबंधित जमीनों के बारे में बताया. उन जमीनों की रजिस्ट्री का मैटर (ड्राफ्टिंग) भी बनाकर दिया गया. अपने मुंशी रोहताश और वकील इमरान को केपी से मिलवाकर रजिस्ट्रार और तहसील में इनकी मदद करने को कहा.
इस तरह होती थी मिलीभगत: पुराने स्टाम्प पेपर और मुहरों की व्यवस्था केपी करता था. उसमें जो मैटर (ड्राफ्टिंग) लिखा जाता था वो आरोपी कमल बिरमानी बनाकर देता था. इसके बाद वकील इमरान और मुंशी रोहताश द्वारा रजिस्ट्रार और राजस्व रिकॉर्ड रूम में अजय क्षेत्री, डालचन्द, विकास पांडे की सहायता से उन कागजो को रिकॉर्ड रूम में रख दिया जाता था. इसके बाद आरोपी कमल विरमानी द्वारा उनसे संबंधित केसों की पैरवी अपने स्तर से करवाकर राजस्व रिकॉर्ड रूम में नाम दर्ज करा दिया जाता था. उसके बाद पीड़ितों को विश्वास में लेकर जमीन बिल्कुल सही दिखाई जाती थी. पीड़ित भी इस जाल में फंस जाते थे.
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एसआईटी प्रभारी सर्वेश पंवार ने बताया आरोपी केपी को सहारनपुर सीजेएम से पेश कर बी वारंट पर देहरादून सीजेएम में पेश किया गया है, जहां से उसे सुद्धोवाला जेल भेज गया है. साथ ही केपी की पांच दिन पीसीआर लेने के लिए कोर्ट में याचिका डाल दी गई है. आरोपी केपी की पीसीआर मिलने के बाद इस मामले में कई अहम जानकारियां मिल सकती हैं.