देहरादून: साल 2022 में एक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी के साथ फेसबुक पर दोस्ती कर उपहार, नकदी भेजने और कस्टम शुल्क के नाम पर लगभग 19 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने के मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने दो आरोपियों को 5-5 साल के कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 75000-75000 रुपये का अर्थदंड लगाया है. एसटीएफ की टीम ने दोनों आरोपियों को दिल्ली से अरेस्ट किया था.
2 मार्च 2022 को मामले में गिरफ्तार हुए थे आरोपी: एसटीएफ की टीम ने मामला दर्ज होने के बाद फेसबुक आईडी, मोबाइल नंबर और लाभार्थी के बैंक खातोंं की जांच की और फिर टेलीकॉम कंपनियों से मिली जानकारी के बाद दिल्ली एनसीआर और उत्तर प्रदेश पहुंची. इसी बीच 2 मार्च 2022 को घटना में शामिल दो आरोपी सूरज कुमार और विक्रम लिम्बू को गिरफ्तार किया. आरोपियों के कब्जे से घटना में प्रयोग मोबाइल फोन, एटीएम कार्ड और बड़ी मात्रा में बैंक पासबुक सहित चैकबुक बरामद की गई थी. आरोपियों द्वारा जिन खातों में पीड़ित से धोखाधड़ी की धनराशि जमा कराई गई थी. उन बैंक खातों और घटना में इस्तेमाल मोबाइल फोन और सिम नंबरों को न्यायालय में पेश किया गया.
ये भी पढ़ें: हरिद्वार से चुराया ट्रक, पुलिस को चकमा देने के लिए GPS tracker हटाया, कानून के लंबे हाथों ने फिर ऐसे पकड़ा
जमानत प्रार्थना पत्रों को न्यायालय ने कर दिया था खारिज: एसटीएफ एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि विवेचक द्वारा विवेचना के दौरान इकट्ठे किए गए तकनीकी साक्ष्यों, तथ्यों और गवाहों के आधार पर न्यायालय में विचारण के दौरान आरोपियों द्वारा लगाए गए जमानत प्रार्थना पत्रों को न्यायालय ने खारिज कर दिया और आरोपियों को कारावास समेत 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया. वहीं, जुर्माना अदा न करने पर आरोपियों को 1 साल का अतिरिक्त कारावास काटना होगा. धारा 66डी आईटी एक्ट में 03-03 वर्ष का कारावास और 25-25 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है. वहीं, अर्थदंड जमा न करने पर आरोपियों को 6-06 माह का अतिरिक्त कारावास काटना होगा.
ये भी पढ़ें: बंद आईडीपीएल फैक्ट्री में चोरी करने वाले 3 युवकों को वनकर्मी ने पकड़ा, पुलिस ने भेजा जेल