देहरादूनः क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन पर लगे आरोपों पर सफाई पेश की है. एसोसिएशन का कहना है कि कुछ लोगों द्वारा भ्रामक खबरें फैलाकर एसोसिएशन की गरिमा को धूमिल किया गया है. असत्य और भ्रामक जानकारी के साथ सीएयू को बदनाम किया जा रहा है और ऐसे लोगों के खिलाफ एसोसिएशन कार्रवाई कानूनी लड़ने जा रहा है.
एसोसिएशन की सचिव माहिम वर्मा का कहना है कि सत्र 2019 और 20 में खिलाड़ियों को 1250 रुपये प्रतिदिन की दर से डीए का भुगतान किया गया है, जिसका लेजर उपलब्ध है. इसके अलावा सत्र 2020 -21 में बोर्ड के सभी टूर्नामेंट बायो बबल में आयोजित किए गए, जिसमें सभी खिलाड़ियों के रहने और खाने की व्यवस्था बीसीसीआई के दिशा निर्देशों के अनुरूप उनके द्वारा चयनित होटलों में की गई थी. वहां खाने का सामान बाहर से मंगवाने और खिलाड़ियों के बायो बबल से बाहर जाने पर भी प्रतिबंध था. इसलिए सीएयू की तरफ से खिलाड़ियों और अन्य सबको तीनों टाइम का भोजन मुहैया कराया गया और नियमानुसार उनके मील पर खर्च धनराशि को उनके डीए से काट कर शेष डीए की धनराशि सभी को उनके अकाउंट में ट्रांसफर की गई.
उन्होंने आगे कहा कि एसोसिएशन पर दूसरा आरोप यह भी लगाया जा रहा है कि सीएयू द्वारा टूर्नामेंट और ट्रायल में फूड और कैटरिंग के नाम पर करीब पौने दो करोड़ रुपए खर्च किए गए. जबकि हकीकत यह है कि सत्र 2019- 20 में एसोसिएशन ने करीब 100 से अधिक बोर्ड मैचों का आयोजन किया. इसके अलावा महिला और पुरुष खिलाड़ियों के ट्रायल कैंप और प्रैक्टिस मैच भी आयोजित किए. इनमें प्लेयर्स और मैच ऑफिशियल के लिए जलपान की व्यवस्था के मद में बताई गई कुल धनराशि खर्च हुई है. लेकिन केले और पानी के मद में खर्च की गई धनराशि के संबंध में भ्रम फैलाया जा रहा है.
लगाए गए ये आरोपः क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड पर अनिमितताओं और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है. आरोप है कि 2020-21 की ऑडिट रिपोर्ट में CAU ने टूर्नामेंट के ट्रायल मैच में भोजन खानपान में 1,74,7346 दैनिक भत्तों पर खर्च किए. साथ ही पानी की बोतलों पर 35 लाख और केलों पर 22 लाख का खर्चा बताया है. जबकि खिलाड़ियों को मात्र 100 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से डीए का भुगतान किया गया.