देहरादूनः देश में कोरोना वायरस को लेकर खतरा बढ़ने की संभावना को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने भी एहतियातन एडवाइजरी जारी कर दी है. इसी कड़ी में बूस्टर डोज लगाने में तेजी भी दिखाई देने लगी है. आज से देहरादून सचिवालय में भी बूस्टर डोज कैंप की शुरुआत कर दी गई. ईटीवी भारत ने मौके पर लोगों की जागरूकता और कैंप को लेकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया.
देहरादून स्थित सचिवालय में बूस्टर डोज (Booster dose in Secretariat) अब एक बार फिर लगाए जाने शुरू कर दिए गए हैं. बता दें कि देश में कोरोना के खतरे को देखते हुए सरकार ने हाल ही में एडवाइजरी जारी की है और फिर से मास्क लगाने समेत तमाम जरूरी एहतियात को लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है.
देहरादून सचिवालय में आज तमाम सचिवालय कर्मी और मीडिया कर्मियों ने बूस्टर डोज लगवाई. इस दौरान लोगों ने भी पिछले लॉकडाउन के हालातों को याद करते हुए इस बार पहले ही सतर्क रहने की बात कही. स्वास्थ्य कर्मियों ने भी लोगों से बूस्टर डोज लगवाने की अपील की.
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उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश के सभी सीएमओ और जिलाधिकारियों के लिए गाइडलाइन जारी करते हुए वैक्सीनेशन पर जोर (Vaccination in Uttarakhand) देने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार की ओर से जारी गाइडलाइन के बाद अब प्रदेश के कई जगहों पर लगाए जा रहे वैक्सीनेशन कैंपों को पूरी तरह से सक्रिय कर दिया गया है.
स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार (Uttarakhand Health Secretary R Rajesh Kumar) ने आरटी पीसीआर में कोविड पॉजिटिव (RT PCR Covid Test) आने वाले मरीजों के सैंपल का होल जीनोम सिक्वेंसिंग जांच के लिए राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल देहरादून भेजने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों के लिए जारी दिशा निर्देशों के अनुसार कोविड 19 के दृष्टिगत केंद्र सरकार की ओर से जून 2022 में जारी गाइडलाइन के पालन कराने के निर्देश दिए गए हैं.
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स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ शैलजा भट्ट ने बताया कि वैक्सीनेशन के काम को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है. राज्य में आने वाले लोगों को भी वैक्सीन दी जा रही है, इसलिए आपसे स्वास्थ्य विभाग कह सकता है कि पहली डोज टारगेट संख्या 100% से भी ज्यादा है. उधर जिस तरह कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर खतरा बढ़ा है, उसके कारण राज्य में नई एडवाइजरी भी जारी कर दी गई है, जहां तक वैक्सीन डोज का सवाल है तो यह नए वेरिएंट पर काम करेगी इसपर स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा जा सकत. लेकिन वैक्सीन को लेकर तीसरी बूस्टर डोज दी जा रही है और इसका काम शरीर में इम्यूनिटी बढ़ाना है, और इम्यूनिटी बढ़ने से कॉविड से शरीर को लड़ने में मदद मिलती है. .
हालांकि कोरोना के सामान्य होने के बाद लोग वैक्सीन को लेकर थोड़ा लापरवाह हुए और बूस्टर डोस केवल 25% लोगों को ही लगाई जा सकी है. लेकिन जिस तरह एक बार फिर कोरोना का खतरा बढ़ा है उसके बाद लोगों में जागरूकता फिर से बढ़ाई जा रही है और उम्मीद है कि इसके बाद लोग बूस्टर डोज लगवाने के लिए तमाम कैंपों में पहुंचेंगे.
बूस्टर डोज के लिहाज से देखें तो पहाड़ी जिले उत्तरकाशी में बूस्टर डोज लगाने वालों का आंकड़ा करीब 48% तक का है. इस तरह इस जिले के लोग बूस्टर लगवाने में सबसे आगे उधर मैदानी जिला उधम सिंह नगर इस लिहाज से सबसे पीछे है और यहां बूस्टर डोज लगाने में लोगों की बेहद कम दिलचस्पी दिखाई दी है. रिकॉर्ड के अनुसार यहां मात्र 18% लोगों ने ही बूस्टर डोज लगवाई है जो बेहद कम है.