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Uttarakhand Election 2022: इस बार प्रचंड रहा उत्तराखंड का 'रण', अब है फैसले की घड़ी

उत्तराखंड में 70 सीटों में सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर है. एक अनुमान के हिसाब से करीब 40 से 45 सीटों पर आमने-सामने, तो 25 से 30 सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबले के आसार हैं. कुछ एक सीटों पर बसपा, उक्रांद, आप और निर्दलीयों की मौजूदगी ने भी इस चुनावी मुकाबले को और रोचक बना दिया है.

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इस बार प्रचंड रहा उत्तराखंड का 'रण'
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Published : Mar 10, 2022, 6:04 AM IST

Updated : Mar 10, 2022, 7:49 AM IST

देहरादून: गंगा जमुना की धार, बदरी विशाल और बाबा केदार के द्वार वाले उत्तराखंड में अबकी बार बार चुनावी रण प्रचंड रहा. मुश्किल डगर और राजनीतिक अस्थिरता वाले इस राज्य में हमेशा ही राजनीति का गणित रोचक रहा. इस बार का उत्तराखंड नेताओं की अस्मिता का चुनाव बन गया. मुद्दों, बयानबाजियों, धर्म और ध्रुवीकरण से लेकर फ्री के वायदों को लेकर जमकर सियासत हुई. सियासी समर में जीत की जंप लगाने के लिए की गई सभी कसरतों का आज हासिल मिलेगी. आज विधानसभा चुनाव के नतीजों के लिए काउंटिंग हो रही है. जिसमें कई सियासी सूरमाओं की किस्मत का फैसला होगा.

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में महीने में प्रदेश में नेताओं के तूफानी दौरे हुए. जिसमें भाषणों, बयानों, मेनिफेस्टो और लोकलुभावन वादों की लंबी फेहरिस्त जनता के सामने रखी गई, जनता ने भी महीने भर चले लोकतंत्र के इस पर्व में भागेदारी करते हुए 632 प्रत्य़ाशियों के लिए 14 फरवरी को मतदान किया. इस साल प्रदेश में करीब 65.10 प्रतिशत वोटिंग हुई, जो कि साल 2017 की तुलना में एक फीसदी ही कम रहा.

इस बार प्रचंड रहा उत्तराखंड का 'रण'

बात अगर साल 2017 की करें तो, तब उत्तराखंड में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला. तब जनता ने भाजपा के खाते में 57 सीटें डाली थी, कांग्रेस ने 11 और 2 सीटों पर निर्दलीयों ने जीत दर्ज की थी. साल 2017 में उत्तराखंड में वोटिंग प्रतिशत की बात करें तो यहां 65 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ था.
पढ़ें- उत्तराखंड की राजनीति का अहम दुर्ग है कुमाऊं, जानिए वोटों का समीकरण

वहीं, इन चुनावों में बात प्रतिष्ठा की करें तो, इस बार प्रदेश के कई दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा भी दांव पर है. इनमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, बंशीधर भगत, अरविंद पांडेय, सुबोध उनियाल, यतीश्वरानंद व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, बिशन सिंह चुफाल, डॉ. धन सिंह रावत, रेखा आर्य जैसे बड़े नाम शामिल हैं. कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व मंत्री यशपाल आर्य, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल की किस्मत भी ईवीएम में कैद है, जिसका फैसला आज हो जाएगा.

बात, अगर मुख्य मुकाबले की करें तो उत्तराखंड में 70 सीटों में सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर है. एक अनुमान के हिसाब से करीब 40 से 45 सीटों पर आमने-सामने, तो 25 से 30 सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबले के आसार हैं. कुछ एक सीटों पर बसपा, उक्रांद, आप और निर्दलीयों की मौजूदगी ने भी इस चुनावी मुकाबले को और रोचक बना दिया है. धीरे धीरे बढ़ते दिन के साथ सभी सीटों पर स्थिति साफ हो जाएगी. उत्तराखंड के साथ ही अन्य राज्यों के चुनावी नतीजों पर ईटीवी भारत दिनभर नजर बनाये रखेगा. सटीक विश्लेषण और ग्राऊंड पर मौजूद रिपोर्टस के हवाले से दर्शकों तक हम ताजा अपडेट पहुंचाते रहेंगे.

देहरादून: गंगा जमुना की धार, बदरी विशाल और बाबा केदार के द्वार वाले उत्तराखंड में अबकी बार बार चुनावी रण प्रचंड रहा. मुश्किल डगर और राजनीतिक अस्थिरता वाले इस राज्य में हमेशा ही राजनीति का गणित रोचक रहा. इस बार का उत्तराखंड नेताओं की अस्मिता का चुनाव बन गया. मुद्दों, बयानबाजियों, धर्म और ध्रुवीकरण से लेकर फ्री के वायदों को लेकर जमकर सियासत हुई. सियासी समर में जीत की जंप लगाने के लिए की गई सभी कसरतों का आज हासिल मिलेगी. आज विधानसभा चुनाव के नतीजों के लिए काउंटिंग हो रही है. जिसमें कई सियासी सूरमाओं की किस्मत का फैसला होगा.

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में महीने में प्रदेश में नेताओं के तूफानी दौरे हुए. जिसमें भाषणों, बयानों, मेनिफेस्टो और लोकलुभावन वादों की लंबी फेहरिस्त जनता के सामने रखी गई, जनता ने भी महीने भर चले लोकतंत्र के इस पर्व में भागेदारी करते हुए 632 प्रत्य़ाशियों के लिए 14 फरवरी को मतदान किया. इस साल प्रदेश में करीब 65.10 प्रतिशत वोटिंग हुई, जो कि साल 2017 की तुलना में एक फीसदी ही कम रहा.

इस बार प्रचंड रहा उत्तराखंड का 'रण'

बात अगर साल 2017 की करें तो, तब उत्तराखंड में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला. तब जनता ने भाजपा के खाते में 57 सीटें डाली थी, कांग्रेस ने 11 और 2 सीटों पर निर्दलीयों ने जीत दर्ज की थी. साल 2017 में उत्तराखंड में वोटिंग प्रतिशत की बात करें तो यहां 65 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ था.
पढ़ें- उत्तराखंड की राजनीति का अहम दुर्ग है कुमाऊं, जानिए वोटों का समीकरण

वहीं, इन चुनावों में बात प्रतिष्ठा की करें तो, इस बार प्रदेश के कई दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा भी दांव पर है. इनमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, बंशीधर भगत, अरविंद पांडेय, सुबोध उनियाल, यतीश्वरानंद व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, बिशन सिंह चुफाल, डॉ. धन सिंह रावत, रेखा आर्य जैसे बड़े नाम शामिल हैं. कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व मंत्री यशपाल आर्य, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल की किस्मत भी ईवीएम में कैद है, जिसका फैसला आज हो जाएगा.

बात, अगर मुख्य मुकाबले की करें तो उत्तराखंड में 70 सीटों में सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर है. एक अनुमान के हिसाब से करीब 40 से 45 सीटों पर आमने-सामने, तो 25 से 30 सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबले के आसार हैं. कुछ एक सीटों पर बसपा, उक्रांद, आप और निर्दलीयों की मौजूदगी ने भी इस चुनावी मुकाबले को और रोचक बना दिया है. धीरे धीरे बढ़ते दिन के साथ सभी सीटों पर स्थिति साफ हो जाएगी. उत्तराखंड के साथ ही अन्य राज्यों के चुनावी नतीजों पर ईटीवी भारत दिनभर नजर बनाये रखेगा. सटीक विश्लेषण और ग्राऊंड पर मौजूद रिपोर्टस के हवाले से दर्शकों तक हम ताजा अपडेट पहुंचाते रहेंगे.

Last Updated : Mar 10, 2022, 7:49 AM IST
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