देहरादून: मेयर सुनील उनियाल गामा और गूंज संस्था की अध्यक्ष सोनिया आनंद (Sonia Anand Rawat) के बीच हुआ विवाद बढ़ता जा रहा है. गुरुवार को नगर निगम के कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी, सभी विभागों में ताले लगा दिए हैं. साथ ही पार्षदों ने भी नगर आयुक्त कार्यालय के बाहर धरना दिया. उसके बाद पार्षदों ने सोनिया आनंद के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर नगर आयुक्त को ज्ञापन सौंपा. पार्षद और कर्मचारियों ने सोनिया आनंद से मेयर गामा से सार्वजनिक तौर पर माफी मांगे जाने की मांग की है. ऐसा नहीं करने पर सभी 100 पार्षदों ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.
ज्ञापन सौंपने के बाद पार्षद अमृता सिंह ने कहा कि मेयर के साथ इस तरह की हरकत कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी. सभी पार्षदों ने सोनिया आनंद के खिलाफ कार्रवाई को लेकर नगर आयुक्त को ज्ञापन सौंपा है. अमृता सिंह ने कहा कि नगर निगम की जमीन पर बोर्ड लगा कर निजी संपत्ति नहीं बन सकती है. नगर निगम ने पार्क की एनओसी सभी पार्षदों की सहमति से कैंसिल की गई थी. उन्होंने सोनिया आनंद से संपत्ति की जांच कराने के लिए कहा है.
वहीं, मेयर सुनील उनियाल गामा ने बताया कि जनप्रतिनिधि पर आरोप लगाना उचित नहीं है. कोई तथ्य है या फिर साक्ष्य हो तभी आरोप लगा सकते हैं. उन्होंने कहा कि मातृशक्ति का सम्मान करते हुए हमने सोनिया आनंद के साथ किसी भी तरह का अभद्र व्यवहार नहीं किया है. लेकिन सोनिया आनंद ने जिस तरह से दुर्व्यवहार किया है, उससे वो काफी आहत हैं. मेयर ने कहा कि निगम के सभी कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी है. ऐसे में वो कर्मचारियों को समझा रहे हैं, क्योंकि उनकी हड़ताल से आम जनता को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
बता दें, 27 अप्रैल बुधवार को गूंज संस्था की अध्यक्ष सोनिया आनंद और मेयर के बीच पार्क की एनओसी निरस्त किये जाने को लेकर बवाल हुआ था. सोनिया आनंद ने मेयर सुनील उनियाल गामा (Sunil Uniyal Gama) के दफ्तर पहुंचकर राजेश्वर नगर फेज वन में पार्क निर्माण के मामले पर खूब हंगामा किया. सोनिया आनंद ने आरोप लगाया कि मेयर ने नियमों को ताक पर रखकर पार्क के सौंदर्यीकरण की एनओसी को निरस्त किया है. नगर निगम की जमीनों को खुर्द-बुर्द किया जा रहा है.
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सोनिया आनंद का आरोपः सोनिया आनंद ने कहा कि 24 अक्टूबर 2021 को राजेश्वर नगर फेज-1 में उन्होंने अपने रुपयों से पार्क का सौंदर्यीकरण किया. लेकिन देहरादून नगर निगम द्वारा इसकी एनओसी निरस्त कर दी गई. उन्होंने कहा कि जहां कूड़े का ढेर लगा हुआ था, वहां पर उन्होंने सफाई करवाकर अपने निजी धन से पार्क निर्माण करवाना चाहा तो नगर निगम और सरकारी अमला उनको सपोर्ट करने के बजाय उनका विरोध कर रहा है. इसका नतीजा यह हुआ कि दुर्भावना से ग्रसित होकर जिस पार्क का सौंदर्यीकरण उनके पैसों से किया जा रहा था, उस पार्क की एनओसी नगर निगम ने निरस्त कर दी.
खर्च किये 20 लाख रुपयेः सोनिया आनंद ने कहा कि देहरादून में बुजुर्गों और बच्चों के घूमने के लिए कोई जगह नहीं है. इसलिए वह अपने धन से पार्क निर्माण करवा रही थी. इसके लिए उन्होंने 20 लाख रुपए खर्च कर डाले. लेकिन देहरादून मेयर ने पार्क के सौंदर्यीकरण की एनओसी निरस्त कर दी. उन्होंने बताया कि पार्क में बकायदा नगर निगम का बोर्ड भी लगाया गया है. लेकिन उनको इससे कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि दो-दो लाख रुपये लेकर जमीनों पर कब्जा करवाया जा रहा है. साथ ही उन्होंने नगर निगम के तीन- चार पार्षदों पर जमीनों को खुर्द बुर्द करने का आरोप लगाया.
पीएम मोदी को लिखेंगी पत्रः देहरादून नगर निगम मेयर से नाराज सोनिया आनंद ने कहा कि वह इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखेंगी और आरटीआई लगाकर सभी जानकारियां मांगी जाएंगी. सोनिया आनंद ने कहा कि सुनील उनियाल गामा के पास इतना पैसा कहां से आया, इसका जवाब उनको देना पड़ेगा.