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राजाजी टाइगर रिजर्व बना भ्रष्टाचार का अड्डा, कागजों पर बना वॉच टावर का डोर बैंड - जीरो टॉलरेंस की सरकार में भ्रष्टाचार

इस मामले में अधिकारियों की लापरवाही भी साफ देखी जा सकती है. क्योंकि अधिकारी ने मौके का मुआयना किये बिना ही साइन कर एमबी पास कर दी. जिसके बाद तीन लाख रुपए से अधिक का भुगतान भी निर्माणदायी संस्था को कर दिया गया.

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Published : Dec 11, 2020, 5:12 PM IST

ऋषिकेश: वन्य जीवों के संरक्षण और प्राकृतिक खूबसूरती के लिए दुनियाभर में मशहूर राजाजी टाइगर रिजर्व कुछ अधिकारियों के लिए अवैध कमाई का जरिया बनता दिख रहा है. यह सब जीरो टॉलरेंस का नारे देने वाली सरकार की मौजूदगी में हो रहा है.

corruption
अधिकारियों ने पास किया बिल.

दरअसल, रिजर्व पार्क की गौहरी रेंज में जंगली जानवरों की निगरानी और उन्हें शिकारी से बचाने के लिए बीन नदी के किनारे एक वॉच टावर का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत से कार्यदायी संस्था ने निर्माण में बड़ी धांधली कर दी है. वॉच टावर के निर्माण में डोर बैंड नहीं बनाया गया है, जबकि बगैर डोर बैंड के ही पहली मंजिल पर लेंटर भी डाल दिया गया है और आगे का काम भी जारी है.

राजाजी टाइगर रिजर्व बना भ्रष्टाचार का अड्डा

पढ़ें- अब आपको आत्मनिर्भर भी बनाएगा मनरेगा, स्वरोजगार के लिए भी मिलेगी मदद

इस मामले में अधिकारियों की लापरवाही भी साफ देखी जा सकती है. क्योंकि अधिकारी ने मौके का मुआयना किये बिना ही साइन कर एमबी पास कर दी. जिसके बाद तीन लाख रुपए से अधिक का भुगतान भी निर्माणदायी संस्था को कर दिया गया.

हैरानी की बात यह है कि राजाजी पार्क के जिम्मेदार अधिकारियों ने निर्माण एजेंसी को तीन लाख रुपए से अधिक का भुगतान भी कर दिया है. जिसमें कागजों पर डोर बैंड दिखाते हुए एमबी भी की गई है. वहीं, पार्क के वार्डन ललित प्रसाद टम्टा ने बताया कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. मौके पर पहुंचकर मामले की जांच की जाएगी. अगर इन दौरान किसी अधिकारी की लापरवाही सामने आई तो संबंधित अधिकारी व निर्माण एजेंसी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

ऋषिकेश: वन्य जीवों के संरक्षण और प्राकृतिक खूबसूरती के लिए दुनियाभर में मशहूर राजाजी टाइगर रिजर्व कुछ अधिकारियों के लिए अवैध कमाई का जरिया बनता दिख रहा है. यह सब जीरो टॉलरेंस का नारे देने वाली सरकार की मौजूदगी में हो रहा है.

corruption
अधिकारियों ने पास किया बिल.

दरअसल, रिजर्व पार्क की गौहरी रेंज में जंगली जानवरों की निगरानी और उन्हें शिकारी से बचाने के लिए बीन नदी के किनारे एक वॉच टावर का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत से कार्यदायी संस्था ने निर्माण में बड़ी धांधली कर दी है. वॉच टावर के निर्माण में डोर बैंड नहीं बनाया गया है, जबकि बगैर डोर बैंड के ही पहली मंजिल पर लेंटर भी डाल दिया गया है और आगे का काम भी जारी है.

राजाजी टाइगर रिजर्व बना भ्रष्टाचार का अड्डा

पढ़ें- अब आपको आत्मनिर्भर भी बनाएगा मनरेगा, स्वरोजगार के लिए भी मिलेगी मदद

इस मामले में अधिकारियों की लापरवाही भी साफ देखी जा सकती है. क्योंकि अधिकारी ने मौके का मुआयना किये बिना ही साइन कर एमबी पास कर दी. जिसके बाद तीन लाख रुपए से अधिक का भुगतान भी निर्माणदायी संस्था को कर दिया गया.

हैरानी की बात यह है कि राजाजी पार्क के जिम्मेदार अधिकारियों ने निर्माण एजेंसी को तीन लाख रुपए से अधिक का भुगतान भी कर दिया है. जिसमें कागजों पर डोर बैंड दिखाते हुए एमबी भी की गई है. वहीं, पार्क के वार्डन ललित प्रसाद टम्टा ने बताया कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. मौके पर पहुंचकर मामले की जांच की जाएगी. अगर इन दौरान किसी अधिकारी की लापरवाही सामने आई तो संबंधित अधिकारी व निर्माण एजेंसी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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