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सलाम है: महिला पुलिसकर्मी परिवार से हैं दूर फिर भी हौसला है भरपूर

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Published : Apr 14, 2020, 12:50 PM IST

कोरोना से जंग में अपनी अहम भूमिका निभा रही उत्तराखंड की महिला पुलिसकर्मी किसी कोरोना वॉरियर्स से कम नहीं. हमारी आपकी रक्षा और लॉकडाउन का पालन करवा रहीं इन महिला पुलिसकर्मियों को संकट की इस घड़ी में अपने परिवार से दूर रहना पड़ रहा है. दिन-रात सड़कों पर अपनी ड्यूटी निभाने वाली इन पुलिसकर्मियों को सड़कों पर ही खाना-पीना करना पड़ रहा है.

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कोरोना वॉरियर्स महिला पुलिसकर्मी

देहरादून: कोरोना महामारी से निपटने के लिए देशभर में डॉक्टर्स, पुलिसकर्मी, सफाईकर्मी और मीडियाकर्मी अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं. वहीं कोरोना संक्रमण के बीच अपने दायित्व का निर्वहन करने वाले इन प्रहरियों को पीएम मोदी ने कोरोना वॉरियर्स की संज्ञा दी है. ऐसे में ये कोरोना वॉरियर्स हमारी आपकी सुरक्षा में दिन रात लगे हुए हैं, लेकिन संकट की इस घड़ी में ये अपने परिवार से दूर रहने को मजबूर हैं.

महिला पुलिसकर्मियों के हौसले को सलाम.

लॉकडाउन के बीच जितनी तारीफ डॉक्टरों की हो रही है, उतनी ही तारीफों के पुल पुलिसकर्मियों के लिए भी बांधे जा रहे हैं. क्योंकि अपनी सुरक्षा की बिना परवाह किए ये पुलिसकर्मी दिन-रात सड़कों पर खड़े रहकर, लॉकडाउन को सफल बना रहे हैं. हालांकि, इन्हें कोरोना ड्यूटी निभाने का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. क्योंकि ये पुलिसकर्मी कोरोना से परिवार को बचाने के लिए उनसे दूरी बनाए हुए हैं.

वहीं उत्तराखंड में महिला पुलिसकर्मियों के सामने दोहरी चुनौती है. ईटीवी भारत ने जब महिला पुलिसकर्मियों से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि कैसे उन्हें अपने बच्चों से दूर रहना पड़ रहा है. पुलिसकर्मियों ने बताया कि वह अगर घर भी जा रही हैं तो एकांत और एक कमरे में रहकर पूरा समय बिताती हैं. फिर अगले दिन ड्यूटी पर पहुंचना पड़ता है. ना बच्चों से मुलाकात होती है और ना ही परिवार के दूसरे सदस्यों से.

ये भी पढ़े: प्रधानमंत्री मोदी का एलान- देश में तीन मई तक जारी रहेगा लॉकडाउन

वहीं कुछ महिला पुलिसकर्मियों और पुरुष पुलिसकर्मियों ने तो अपने बच्चों को दूर दराज अपने गांव में अपने परिवार के पास भेज दिया है. उन्होंने बताया कि जिस वक्त लॉकडाउन हुआ और स्थिति का पता लगा तो वैसे ही उन्होंने अपने बच्चों को अपने गांव भेज दिया. जहां पर ना तो नेटवर्क है और ना ही किसी भी तरीके से उनसे बात हो पा रही है. बेहद कठिन समय में ड्यूटी कर रही महिला पुलिसकर्मियों का कहना है कि सड़कों पर खाना-पीना हो रहा है. बच्चों से दूर रहना पड़ रहा है. लिहाजा, वह यह सब इसलिए कर रही हैं क्योंकि, इस वक्त देश के ऊपर बड़ी आपदा आई हुई है. ऐसे में सभी देशवासियों को अपने-अपने तरीके से साथ देना चाहिए.

वहीं इन महिला कांस्टेबलों ने अपील करते हुए कहा है कि अगर पुलिसकर्मी सड़कों पर हैं. डॉक्टरकर्मी अस्पतालों में है तो फिर आम जनमानस को घर में रहकर ही उनका सहयोग करना चाहिए.

देहरादून: कोरोना महामारी से निपटने के लिए देशभर में डॉक्टर्स, पुलिसकर्मी, सफाईकर्मी और मीडियाकर्मी अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं. वहीं कोरोना संक्रमण के बीच अपने दायित्व का निर्वहन करने वाले इन प्रहरियों को पीएम मोदी ने कोरोना वॉरियर्स की संज्ञा दी है. ऐसे में ये कोरोना वॉरियर्स हमारी आपकी सुरक्षा में दिन रात लगे हुए हैं, लेकिन संकट की इस घड़ी में ये अपने परिवार से दूर रहने को मजबूर हैं.

महिला पुलिसकर्मियों के हौसले को सलाम.

लॉकडाउन के बीच जितनी तारीफ डॉक्टरों की हो रही है, उतनी ही तारीफों के पुल पुलिसकर्मियों के लिए भी बांधे जा रहे हैं. क्योंकि अपनी सुरक्षा की बिना परवाह किए ये पुलिसकर्मी दिन-रात सड़कों पर खड़े रहकर, लॉकडाउन को सफल बना रहे हैं. हालांकि, इन्हें कोरोना ड्यूटी निभाने का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. क्योंकि ये पुलिसकर्मी कोरोना से परिवार को बचाने के लिए उनसे दूरी बनाए हुए हैं.

वहीं उत्तराखंड में महिला पुलिसकर्मियों के सामने दोहरी चुनौती है. ईटीवी भारत ने जब महिला पुलिसकर्मियों से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि कैसे उन्हें अपने बच्चों से दूर रहना पड़ रहा है. पुलिसकर्मियों ने बताया कि वह अगर घर भी जा रही हैं तो एकांत और एक कमरे में रहकर पूरा समय बिताती हैं. फिर अगले दिन ड्यूटी पर पहुंचना पड़ता है. ना बच्चों से मुलाकात होती है और ना ही परिवार के दूसरे सदस्यों से.

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वहीं कुछ महिला पुलिसकर्मियों और पुरुष पुलिसकर्मियों ने तो अपने बच्चों को दूर दराज अपने गांव में अपने परिवार के पास भेज दिया है. उन्होंने बताया कि जिस वक्त लॉकडाउन हुआ और स्थिति का पता लगा तो वैसे ही उन्होंने अपने बच्चों को अपने गांव भेज दिया. जहां पर ना तो नेटवर्क है और ना ही किसी भी तरीके से उनसे बात हो पा रही है. बेहद कठिन समय में ड्यूटी कर रही महिला पुलिसकर्मियों का कहना है कि सड़कों पर खाना-पीना हो रहा है. बच्चों से दूर रहना पड़ रहा है. लिहाजा, वह यह सब इसलिए कर रही हैं क्योंकि, इस वक्त देश के ऊपर बड़ी आपदा आई हुई है. ऐसे में सभी देशवासियों को अपने-अपने तरीके से साथ देना चाहिए.

वहीं इन महिला कांस्टेबलों ने अपील करते हुए कहा है कि अगर पुलिसकर्मी सड़कों पर हैं. डॉक्टरकर्मी अस्पतालों में है तो फिर आम जनमानस को घर में रहकर ही उनका सहयोग करना चाहिए.

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