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कोरोना से 'जंग' जीतने वालों संग हो रहा भेदभाव, नहीं मिल रहा सामान, पड़ोसियों ने भी बनाई दूरी - corona recovered patients dehradun

देहरादून के शास्त्रीनगर में कोरोना से रिकवर हुए मरीज और उनके परिजनों संग भेदभाव किया जा रहा है. जिला प्रशासन मामले में शांत बैठा हुआ है.

corona patients discrimination
मरीज के परिजनों संग भेदभाव
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Published : Jun 28, 2020, 4:29 PM IST

Updated : Jun 29, 2020, 10:44 AM IST

देहरादून: अगर हमें कोरोना के साथ लड़ना है तो इसके लिये पीड़ित लोगों के साथ नफरत नहीं बल्कि इस पर जीत पाकर घर लौटने वालों लोगों के साथ खड़े होना चाहिए. उत्तराखंड सरकार भी लोगों से मरीजों के साथ भेदभाव नहीं करने की अपील कर रही है. वहीं, कोरोना से संक्रमित तमाम लोगों को महामारी से ज्यादा सामाजिक भेदभाव का डर सता रहा है.

ऐसा ही कुछ मामला देहरादून के शास्त्री नगर से आया है, जहां कोरोना वायरस से रिकवर हुए मरीज और उनके परिजनों के साथ पड़ोसी भेदभाव कर रहे हैं. इसके साथ ही नगर निगम के कर्मचारी कोरोना मरीज के घर से कूड़ा भी उठाने से कतरा रहे हैं. स्थानीय दुकानदार भी परिवार को सामान देने से बच रहे हैं, जिसकी वजह से पूरे परिवार को मानसिक तौर पर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

कोरोना से रिकवर मरीज के परिजनों संग भेदभाव

वहीं, कोरोना मरीज के परिजनों संग हो रहे भेदभाव पर देहरादून के मेयर सुनील उनियाल गामा का कहना है कि अभी तक उनके संज्ञान में मामला नहीं आया है. फिर भी कोरोना मरीज और परिवार के साथ नगर निगम कर्मचारियों द्वारा भेदभाव किया जा रहा है तो दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही देहरादून के मेयर ने लोगों से कोरोना मरीजों संग भेदभाव नहीं करने की अपील की है.

ये भी पढ़ें: 'कोरोनिल' पर पहली बार बोले बालकृष्ण, आयुष विभाग से ज्यादा पतंजलि ने किए रिसर्च

कोरोना संक्रमित मरीज और उनके परिजनों संग भेदभाव पर वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. शक्तिबाला दत्त का कहना है कि भेदभाव वाला व्यवहार भविष्य के हिसाब से काफी घातक है. जिस तरह लोग कोरोना संक्रमित मरीज और उनके परिजनों के साथ भेदभाव कर रहे हैं. ऐसे में आने वाले समय में कोरोना संक्रमण तो खत्म हो जाएगा. लेकिन लोगों को कई तरह के मानसिक रोगों से जूझना पड़ेगा क्योंकि भेदभाव की वजह से लोग तनाव का शिकार होंगे और आत्महत्या जैसा कदम उठाने को मजबूर होंगे.

देहरादून: अगर हमें कोरोना के साथ लड़ना है तो इसके लिये पीड़ित लोगों के साथ नफरत नहीं बल्कि इस पर जीत पाकर घर लौटने वालों लोगों के साथ खड़े होना चाहिए. उत्तराखंड सरकार भी लोगों से मरीजों के साथ भेदभाव नहीं करने की अपील कर रही है. वहीं, कोरोना से संक्रमित तमाम लोगों को महामारी से ज्यादा सामाजिक भेदभाव का डर सता रहा है.

ऐसा ही कुछ मामला देहरादून के शास्त्री नगर से आया है, जहां कोरोना वायरस से रिकवर हुए मरीज और उनके परिजनों के साथ पड़ोसी भेदभाव कर रहे हैं. इसके साथ ही नगर निगम के कर्मचारी कोरोना मरीज के घर से कूड़ा भी उठाने से कतरा रहे हैं. स्थानीय दुकानदार भी परिवार को सामान देने से बच रहे हैं, जिसकी वजह से पूरे परिवार को मानसिक तौर पर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

कोरोना से रिकवर मरीज के परिजनों संग भेदभाव

वहीं, कोरोना मरीज के परिजनों संग हो रहे भेदभाव पर देहरादून के मेयर सुनील उनियाल गामा का कहना है कि अभी तक उनके संज्ञान में मामला नहीं आया है. फिर भी कोरोना मरीज और परिवार के साथ नगर निगम कर्मचारियों द्वारा भेदभाव किया जा रहा है तो दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही देहरादून के मेयर ने लोगों से कोरोना मरीजों संग भेदभाव नहीं करने की अपील की है.

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कोरोना संक्रमित मरीज और उनके परिजनों संग भेदभाव पर वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. शक्तिबाला दत्त का कहना है कि भेदभाव वाला व्यवहार भविष्य के हिसाब से काफी घातक है. जिस तरह लोग कोरोना संक्रमित मरीज और उनके परिजनों के साथ भेदभाव कर रहे हैं. ऐसे में आने वाले समय में कोरोना संक्रमण तो खत्म हो जाएगा. लेकिन लोगों को कई तरह के मानसिक रोगों से जूझना पड़ेगा क्योंकि भेदभाव की वजह से लोग तनाव का शिकार होंगे और आत्महत्या जैसा कदम उठाने को मजबूर होंगे.

Last Updated : Jun 29, 2020, 10:44 AM IST
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