देहरादून: कोरोना महामारी के इस दौर में कोविड-19 जांच रिपोर्ट में गड़बड़झाला खूब चर्चाओं में रहा. एक बार फिर से दून मेडिकल कॉलेज से ऐसा ही एक और मामला सामने आया है, जिसने अब कोरोना जांच को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. मामला 25 मई को एक रिपोर्ट के पॉजिटिव से निगेटिव किए जाने से जुड़ा है, आइये आपको बताते हैं क्या है ये पूरा मामला...
दून मेडिकल कॉलेज में सीएमएस डॉक्टर केसी पंत की सतर्कता ने एक ऐसा मामला सामने लाया है जो प्रदेश में कोविड-19 की रिपोर्ट को लेकर स्वास्थ्य विभाग और सरकार के सामने कई सवाल खड़े करने वाला है. दरअसल, दून मेडिकल कॉलेज के एक डॉक्टर की शिकायत पर कॉलेज के सीएमएस ने जब एक कोविड-19 जांच रिपोर्ट को बारीकी से देखा तो पता चला कि उक्त रिपोर्ट को फर्जी तरह से तैयार किया गया था.
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दरअसल, दून मेडिकल कॉलेज में ही एक साल पहले तक तैनात चिकित्सक ने अस्पताल के सीएमएस डॉ. केसी पंत को शिकायत दर्ज करते हुए कहा कि उनके पास एक रिपोर्ट पहुंची है जिस पर उनके हस्ताक्षर दिखाई दे रहे हैं, जबकि वह 1 साल पहले ही यहां से त्यागपत्र दे चुके हैं.
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जब इस मामले को सीएमएस डॉ. केसी पंत ने देखा तो पता चला कि 25 मई की इस रिपोर्ट पर उक्त चिकित्सक के हस्ताक्षर हैं जो कि इस अस्पताल में काम करते ही नहीं हैं. इसके बाद इस मामले की जांच के आदेश दिए गए. खबर है कि इस रिपोर्ट को आईसीएमआर पोर्टल से लेकर मरीज का नाम बदला गया है, इसके बाद इसमें पॉजिटिव व्यक्ति को निगेटिव, निगेटिव को पॉजिटिव किया गया है.
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हालांकि, अभी इस मामले में जांच चल रही है. जांच के बाद ही स्पष्ट होगा कि आखिरकार अस्पताल के अंदर यह धांधली कौन कर रहा था. ऐसे व्यक्ति का पकड़ में आना इसलिए भी आसान है क्योंकि अस्पताल की लैब में चुनिंदा लोग ही आईसीएमआर पोर्टल को एक्सेस कर सकते हैं. ऐसे में उनकी इजाजत के बिना रिपोर्ट निकालना नामुमकिन है. लिहाजा शक की सुई सबसे पहले अस्पताल के ऐसे कर्मचारियों पर ही घूम रही है, जो कि इस पोर्टल को एक्सेस कर सकते हैं.