देहरादून: राजधानी में कोरोना कर्फ्यू का असर अब लोगों की रोजमर्रा की जरूरतों पर भी पड़ने लगा है. सब्जी मंडियों में सब्जियां खराब हो रही हैं. रोजाना अधिकांश वक्त कर्फ्यू होने के चलते मंडियों में खरीदार नहीं है. ऐसे में फल,सब्जी जैसे रोजमर्रा के सामान मंडियों में खराब होते जा रहे हैं. इसके कारण ना सिर्फ आढ़तियों को बल्कि थोक विक्रेताओं को भी आर्थिक नुकसान हो रहा है. किसानों को खरीदार नहीं मिल रहे हैं.
क्या कहते हैं विक्रेता?
मंडी जानकारों के मुताबिक सुबह 7 बजे से 12 बजे तक कर्फ्यू में ढील तो दी गई है. लेकिन इस दौरान मंडियों से फल -सब्जी जैसे अन्य तरह के सामानों का उठान इसलिए नहीं हो पा रहा है, क्योंकि दोपहर 12 बजे बाद मेडिकल और स्वास्थ्य सेवाओं को छोड़ बाकी आवश्यक सामान की बिक्री पर रोक है. मंडियों में रिटेलर खरीदार कम संख्या में आने के कारण फल, सब्जी जैसे अन्य सामानों को भारी नुकसान हो रहा है.
कोरोना के चलते नारियल पानी की कीमत में बढ़ोत्तरी
कोरोना काल में नारियल पानी उपयुक्त माना जाता है, जिसके कारण इसकी मांग बढ़ी है. इसकी कीमत प्रतिदिन आसमान छूती जा रही हैं. आम दिनों में 50 रुपये प्रति पीस बिकने वाला नारियल पानी अब 80 से 90 रुपये प्रति पीस बिक रहा है. बेंगलूरु से दिल्ली होते हुए देहरादून निरंजनपुर सब्जी मंडी पहुंचने वाले नारियल पानी का बोरा 700 रुपये ( 10 पीस) के हिसाब से थोक में बिक रहा है. मंडी सचिव विजय थपलियाल के मुताबिक इन दिनों कोरोना मरीजों को चिकित्सकों की सलाह पर नारियल पानी इस्तेमाल की सलाह के चलते नारियल पानी की डिमांड बढ़ने से कीमत तेजी से बढ़ती जा रही है.
नारियल पानी की बढ़ती कीमत पर ग्राहक क्या कहते हैं?
ग्राहकों का कहना है कि जहां 400 से 500 रुपये में 10 पीस नारियल मंडी से पिछले दिनों मिल रहा था, अब वह बढ़कर 700 रुपये से अधिक हो गया है. इतना ही नहीं व्यापारी मनमाने तरीके से नारियल की बिक्री कर रहे हैं. व्यापारी कोरोना और कर्फ्यू की आड़ में ग्राहकों से ज्यादा कीमत वसूल रहे हैं.
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मंडी में खराब हो रहे हैं प्याज और टमाटर
देहरादून निरंजनपुर सब्जी मंडी के प्याज व्यापारी गगन अरोड़ा के मुताबिक कोरोना महामारी की दहशत से कारोबार ठप पड़ चुका है. खरीदार दूर-दूर तक नहीं हैं. मंडी में प्याज सस्ता है, लेकिन बावजूद इसके खरीदार नहीं हैं. इंदौर मध्य प्रदेश का प्याज 12 रुपये और नासिक का सबसे उच्च क्वालिटी का प्याज 16 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. इसका सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को हो रहा है.
टमाटर का भी यही हाल है, सस्ता होने के बावजूद लोग खरीद नहीं रहे हैं. निरंजनपुर मंडी में टमाटर व्यापार से जुड़े आढ़ती फरीद अहमद के अनुसार राजस्थान और हरियाणा राज्य का उम्दा किस्म का टमाटर 6 से 8 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मंडी में थोक भाव पर उपलब्ध है, लेकिन खरीदार नहीं हैं. टमाटर की खेप खराब हो रही है.