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कुलियों पर कोरोना कर्फ्यू की मार, सरकार से मदद की गुहार

राजधानी देहरादून रेलवे स्टेशन के फड़ व्यवसायी और कुलियों में कोरोना कर्फ्यू का असर देखा जा रहा है. कोरोना कर्फ्यू के कारण उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.

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Published : Jun 3, 2021, 7:46 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना का कहर जारी है. कोरोना के कारण लगे कर्फ्यू का सभी वर्गों के लोगों में असर देखने को मिल रहा है. राजधानी देहरादून रेलवे स्टेशन में भी कोविड कर्फ्यू का असर देखा जा रहा है. कोरोना कर्फ्यू के कारण एक बार फिर सीमित संख्या में ही ट्रेनों का संचालन हो रहा है. ऐसे में इसका सीधा असर फड़ व्यवसायी और कुलियों में देखा जा रहा हैं. जिनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

कुलियों पर कोरोना कर्फ्यू की मार.

कोविड कर्फ्यू लगने के बाद से ही देहरादून रेलवे स्टेशन में ज्यादातर समय सन्नाटा पसरा रहता है. ऐसे में यात्रियों की कमी के चलते रेलवे स्टेशन में मौजूद कुलियों और फड़ व्यवसायियों की कमाई पर भी इसका सीधा असर पड़ा हैं. जहां सामान्य समय में देहरादून रेलवे स्टेशन में 46 कुली हुआ करते थे, अब यहां गिनती के ही कुली बच गए हैं.

कुलियों का कहना हैं कि उनके कई साथी अपने गांव लौट चुके हैं. जिसमें ज्यादातर कुली उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों के हैं. वर्तमान में सिर्फ दो कुली ही देहरादून रेलवे स्टेशन में मौजूद हैं. वह भी इसलिए क्योंकि परिवार का भरण पोषण करने के लिए थोड़ी बहुत कमाई करना भी बेहद जरूरी है.

पढ़ें: पहाड़ों में कोरोना जांच भी मैदान के भरोसे, सरकार के मंत्री ने भी माना रेफरल सेंटर बने अस्पताल

कुछ ऐसा ही हाल देहरादून रेलवे स्टेशन के फड़ व्यवसायियों का है. व्यवसायियों का कहना है कि वर्तमान में कमाई घटकर महज 20 से 30 % ही रह गई है. लेकिन दूसरी तरफ खर्चे पहले के समान ही हैं. राज्य सरकार हो या रेलवे प्रशासन हो किसी की ओर से कोई राहत नहीं दी जा रही है. जिसकी वजह से हर साल लाखों का किराया स्टॉल के लिए चुकाना पड़ रहा है. जबकि देश के कई राज्यों के रेलवे स्टेशनों में किराए की धनराशि को घटा दिया गया है.

देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना का कहर जारी है. कोरोना के कारण लगे कर्फ्यू का सभी वर्गों के लोगों में असर देखने को मिल रहा है. राजधानी देहरादून रेलवे स्टेशन में भी कोविड कर्फ्यू का असर देखा जा रहा है. कोरोना कर्फ्यू के कारण एक बार फिर सीमित संख्या में ही ट्रेनों का संचालन हो रहा है. ऐसे में इसका सीधा असर फड़ व्यवसायी और कुलियों में देखा जा रहा हैं. जिनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

कुलियों पर कोरोना कर्फ्यू की मार.

कोविड कर्फ्यू लगने के बाद से ही देहरादून रेलवे स्टेशन में ज्यादातर समय सन्नाटा पसरा रहता है. ऐसे में यात्रियों की कमी के चलते रेलवे स्टेशन में मौजूद कुलियों और फड़ व्यवसायियों की कमाई पर भी इसका सीधा असर पड़ा हैं. जहां सामान्य समय में देहरादून रेलवे स्टेशन में 46 कुली हुआ करते थे, अब यहां गिनती के ही कुली बच गए हैं.

कुलियों का कहना हैं कि उनके कई साथी अपने गांव लौट चुके हैं. जिसमें ज्यादातर कुली उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों के हैं. वर्तमान में सिर्फ दो कुली ही देहरादून रेलवे स्टेशन में मौजूद हैं. वह भी इसलिए क्योंकि परिवार का भरण पोषण करने के लिए थोड़ी बहुत कमाई करना भी बेहद जरूरी है.

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कुछ ऐसा ही हाल देहरादून रेलवे स्टेशन के फड़ व्यवसायियों का है. व्यवसायियों का कहना है कि वर्तमान में कमाई घटकर महज 20 से 30 % ही रह गई है. लेकिन दूसरी तरफ खर्चे पहले के समान ही हैं. राज्य सरकार हो या रेलवे प्रशासन हो किसी की ओर से कोई राहत नहीं दी जा रही है. जिसकी वजह से हर साल लाखों का किराया स्टॉल के लिए चुकाना पड़ रहा है. जबकि देश के कई राज्यों के रेलवे स्टेशनों में किराए की धनराशि को घटा दिया गया है.

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