देहरादून: ट्रेन के रूकते ही गाड़ी की ओर बढ़ते कदम आज थम से गए हैं. ट्रेन के डिब्बों में यात्रियों का सामान चढ़ाने वाले कुलियों का यही रोजगार है. जिससे उनका घर चलता है. सारी दुनिया का बोझ उठाने वाले कुली इन दिनों काफी परेशानी में हैं. लॉकडाउन ने कुलियों की जिंदगी बेपटरी कर दी है. हमेशा ट्रेन के आने की आस में टकटकी लगाए रखने वाले कुलियों के सामने भी अब दो जून की रोटी का संकट गहरा गया है. वहीं लॉकडाउन ने उनकी रोजी-रोटी पर ऐसी चोट की है कि उन्हें घर का चूल्हा जलाने की चिंता सता रही है. साथ ही कोरोना के चलते कुली घर पर बैठकर लॉकडाउन समाप्त होने का इंतजार कर रहे हैं. ऐसे में ईटीवी भारत ने इन कुलियों की स्थिति का जायजा लिया.
कुलियों की जिंदगी हुई बेपटरी
देश दुनिया में हाहाकार मचा रहे कोरोना वायरस से बचाव को लेकर देशव्यापी लॉकडाउन लागू है. लॉकडाउन के चलते न सिर्फ देश की आर्थिकी पर असर पड़ रहा है, बल्कि इससे गरीब तबके के लोगों पर भी आर्थिक संकट गहराता जा रहा है. इनमें से एक हैं रेलवे स्टेशन पर कुली का काम करने वाले लोग. जो कि लॉकडाउन के पहले दिन से ही परेशान हैं. ऐसे में लॉकडाउन ने कुलियों की जिंदगी बेपटरी कर दी है.
खाने के पड़े लाले
दरअसल, राजधानी देहरादून के रेलवे स्टेशन पर काम करने वाले कुली पिछले कई महीनों से आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. देहरादून रेलवे स्टेशन पर कुल 45 कुली काम करते हैं. इन सभी के परिवारों की रोजी रोटी इसी के जरिये चलती है, लेकिन 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के बाद से लॉकडाउन लागू है. जिसके बाद से ही कुलियों पर आर्थिक संकट गहरा गया है. आर्थिक तंगी की वजह से कुलियों के खाने के लाले पड़ रह हैं. हांलाकि रेलवे कर्मचारियों ने अपने स्तर से पैसा एकत्र कर इन लोगों को खाने का सामान मुहैया कराया है.
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लॉकडाउन समाप्त होने का इंतजार कर रहे हैं
ईटीवी भारत से बातचीत में कुलियों ने बताया कि अब उनके सामने आर्थिक संकट आ गया है. क्योंकि लॉकडाउन से पहले भी रेल ट्रैक का काम होने की वजह से इनका काम ठप पड़ गया था और अब लॉकडाउन के कारण इन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ये कुली लॉकडाउन के खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं. वहीं, स्टेशन निदेशक गणेश चंद्र ने बताया कि देहरादून रेलवे स्टेशन पर 45 कुली काम करते हैं. जिसमें से वर्तमान समय में 8 कुली अपने परिवार के साथ रहते हैं. जिनकी आर्थिक तंगी को देखते हुए रेलवे के तमाम कर्मचारियों ने पैसा एकत्र कर उन्हें राशन उपलब्ध कराया है.
संकट से जुझ रहे कुलियों के दिन कब सुधरेंगे ?
हांलाकि इन कुलियों को रेलवे विभाग की तरफ से मुफ्त में पास और मेडिकल सुविधा पहले से ही दी जाती रही है. बता दें कि पहले से ही कम पैसे में काम करने वाले कुलियों की हालत लॉकडाउन ने बदत्तर कर दी है, ऐसे में उन्हें लॉकडाउन खुलने का बेसब्री से इंतजार है. जिससे वे अपनी दो वक्त की रोटी जुटा सके. अगर 3 मई के बाद भी अगर लॉकडाउन को बढ़ाया जाता है तो, इन कुलियों के सामने भारी आर्थिक संकट गहरा जाएगा. ऐसे में इन कुलियों की जिंदगी कब तक सुधरेगी यह कहना मुश्किल होगा.