ETV Bharat / state

ऋषिकेश नगर निगम को जारी तिमाही बजट पर विवाद, पार्षद और महापौर ने सरकार को दी चेतावनी

author img

By

Published : May 17, 2022, 6:09 PM IST

ऋषिकेश नगर निगम को जारी तिमाही बजट पर विवाद हो गया है. मेयर और पार्षदों ने इसपर कड़ी आपत्ति जताते हुए बजट वित्त विभाग को वापस भेजने का फैसला लिया है.

ऋषिकेश नगर निगम
ऋषिकेश नगर निगम

ऋषिकेश: राज्य वित्त आयोग के तहत ऋषिकेश नगर निगम को जारी तिमाही बजट पर विवाद हो गया है. बजट में बढ़ोत्तरी नहीं होने से मेयर और पार्षद बेहद नाराज हैं. उन्होंने अब बजट को ही सरेंडर करने की चेतावनी दे दी है. साथ ही धनराशि नहीं बढ़ने पर सामूहिक इस्तीफा दिए जाने का भी ऐलान कर दिया है. मंगलवार को नगर निगम सभागार में मेयर अनीता ममगाईं की अध्यक्षता में बोर्ड की अध्याचित बैठक हुई. जिसमें राज्य वित्त मद से जारी तिमाही बजट में सात साल बाद भी धनराशि नहीं बढ़ाने की बात कही गई. मेयर और पार्षदों ने इसपर कड़ी आपत्ति जताते हुए बजट वित्त विभाग को वापस भेजने का फैसला लिया है.

मेयर ने कहा कि नगरपालिका से अपग्रेड कर ऋषिकेश को नगर निगम तो बना, लेकिन बजट आज भी नहीं बढ़ पाया है. हैरानी जताई कि राज्य की लगभग हर निकाय के बजट में इजाफा किया गया है. मगर अकेले ऋषिकेश के तिमाही बजट में एक चव्वनी भी नहीं बढ़ाई गई है. बताया कि ऋषिकेश निगम में करीब 40 हजार की आबादी नई जुड़ी है. जबकि, आसपास के इलाकों में भी निगम साफ-सफाई और पथ-प्रकाश की सुविधा उपलब्ध कर रहा है.

पढ़ें: ऋषिकेश नगर निगम की बोर्ड बैठक में हंगामा, मल्टी स्टोरी पार्किंग का प्रस्ताव पास

मेयर ने कहा कि निगम कर्मचारी की हर महीने की तनख्वाह ही लगभग डेढ़ करोड़ रुपए है. ऐसे में यह बजट, तो कर्मचारी के मासिक वेतन पर ही खर्च है. शहर के विकास के लिए इसमें एक फूटी कोड़ी भी नहीं बचेगी. लिहाजा, बोर्ड के सामने बजट को सरेंडर करने के अलावा कोई रास्ता नहीं है. उन्होंने कहा कि इस बाबत प्रतिनिधिमंडल के साथ क्षेत्रीय विधायक और शहरी एवं वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल से भी मुलाकात करेंगी.

ऋषिकेश: राज्य वित्त आयोग के तहत ऋषिकेश नगर निगम को जारी तिमाही बजट पर विवाद हो गया है. बजट में बढ़ोत्तरी नहीं होने से मेयर और पार्षद बेहद नाराज हैं. उन्होंने अब बजट को ही सरेंडर करने की चेतावनी दे दी है. साथ ही धनराशि नहीं बढ़ने पर सामूहिक इस्तीफा दिए जाने का भी ऐलान कर दिया है. मंगलवार को नगर निगम सभागार में मेयर अनीता ममगाईं की अध्यक्षता में बोर्ड की अध्याचित बैठक हुई. जिसमें राज्य वित्त मद से जारी तिमाही बजट में सात साल बाद भी धनराशि नहीं बढ़ाने की बात कही गई. मेयर और पार्षदों ने इसपर कड़ी आपत्ति जताते हुए बजट वित्त विभाग को वापस भेजने का फैसला लिया है.

मेयर ने कहा कि नगरपालिका से अपग्रेड कर ऋषिकेश को नगर निगम तो बना, लेकिन बजट आज भी नहीं बढ़ पाया है. हैरानी जताई कि राज्य की लगभग हर निकाय के बजट में इजाफा किया गया है. मगर अकेले ऋषिकेश के तिमाही बजट में एक चव्वनी भी नहीं बढ़ाई गई है. बताया कि ऋषिकेश निगम में करीब 40 हजार की आबादी नई जुड़ी है. जबकि, आसपास के इलाकों में भी निगम साफ-सफाई और पथ-प्रकाश की सुविधा उपलब्ध कर रहा है.

पढ़ें: ऋषिकेश नगर निगम की बोर्ड बैठक में हंगामा, मल्टी स्टोरी पार्किंग का प्रस्ताव पास

मेयर ने कहा कि निगम कर्मचारी की हर महीने की तनख्वाह ही लगभग डेढ़ करोड़ रुपए है. ऐसे में यह बजट, तो कर्मचारी के मासिक वेतन पर ही खर्च है. शहर के विकास के लिए इसमें एक फूटी कोड़ी भी नहीं बचेगी. लिहाजा, बोर्ड के सामने बजट को सरेंडर करने के अलावा कोई रास्ता नहीं है. उन्होंने कहा कि इस बाबत प्रतिनिधिमंडल के साथ क्षेत्रीय विधायक और शहरी एवं वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल से भी मुलाकात करेंगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.