ETV Bharat / state

आखिर हरिद्वार डीएम क्यों नहीं मान रहे जहरीली शराब से हुईं 9 मौतें, SSP ने कही ये बात

हरिद्वार जहरीली शराब मामले में डीएम विनय शंकर और एसएसपी योगेंद्र सिंह रावत के बयानों में विरोधाभास है. घटना के बाद से ही डीएम विनय शंकर यह मानने को तैयार ही नहीं है कि पथरी थाना क्षेत्र में हुई 9 मौतें जहरीली शराब पीने से हुई हैं, जबकि एसएसपी योगेंद्र सिंह रावत बार बार यही बात कह रहे हैं कि ये सभी मौतें जहरीरी शराब पीने से हुई है. ऐसे में यह बात समझ से परे है कि आखिर जिलाधिकारी यह क्यों नहीं मान रहे हैं कि यह सभी 9 मौतें जहरीली शराब पीने से हुई हैं.

haridwar liquor case
हरिद्वार जहरीली शराब केस
author img

By

Published : Sep 13, 2022, 5:49 PM IST

देहरादून: हरिद्वार के पथरी प्रति थाना क्षेत्र में बीते दिनों हुए जहरीली शराब कांड के बाद जहां राजनेताओं का गांव में जमघट लगना शुरू हो गया है. तो वहीं, हैरानी की बात यह है कि जब पुलिस के अधिकारी और आबकारी विभाग के अधिकारी इस बात की पुष्टि कर रहे थे कि ये मौतें जहरीली शराब से हुई हैं, तब हरिद्वार के जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे यह बात मानने के लिए तैयार ही नहीं थे कि यह मौत जहरीली शराब से हुई हैं. मीडिया के पूछे जाने पर जिला अधिकारी दफ्तर कहता रहा कि कि कोई मौत आपसी झगड़े से हुई है तो कोई मौत अत्यधिक शराब पीने से.

हरिद्वार के जिलाधिकारी और एसएसपी के साथ-साथ आबकारी आयुक्त के बयान बेहद अलग हैं. शुरुआती दिनों से ही जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे प्रेस रिलीज के माध्यम से इस बात को खारिज करते आए हैं कि यह तमाम मौत जहरीली शराब से नहीं हुई हैं. जिलाधिकारी अपने बयान में कह रहे थे कि शिवगढ़ और फूलगढ़ में प्रथम दृष्टया यह प्रकरण सामने आया है कि जहरीली शराब से ये मौतें नहीं हुई है. उन्होंने अपने प्रेस रिलीज में बताया था कि अमरपाल की मौत आपसी मारपीट में हुई है. इसके साथ ही 40 वर्ष के मनोज और अरुण की मौत का कारण अत्यधिक शराब पीना बताया गया था. जिला प्रशासन यह मानने के लिए तैयार नहीं है कि ये मौत जहरीली शराब के कारण हुई हैं.

जहरीली शराब मामले पर एसएसपी योगेंद्र सिंह रावत का बयान

हरिद्वार एसएसपी योगेंद्र सिंह रावत जिलाधिकारी के उस बयान को लगातार खारिज कर रहे थे और इस बात की पुष्टि कर रहे थे कि यह तमाम मौतें जहरीली शराब के कारण ही हुई हैं. एसएसपी मौके पर पहुंचकर ना केवल लोगों से बातचीत के आधार पर यह बात कह रहे थे बल्कि अपनी कार्रवाई को अंजाम देने के बाद उन्होंने यह बात कही थी. अब सवाल यह खड़ा होता है कि इतना बड़े हादसा हो जाने के बाद आखिरकार जिला प्रशासन क्यों इस बात को स्वीकारने से बच रहा था? कहीं ना कहीं आबकारी विभाग और जिला प्रशासन की अनदेखी से यह मौतें हुई हैं? जिसका आंकड़ा आज 9 मौत पर पहुंच गया है.
पढ़ें- तीन साल में देहरादून-हरिद्वार में तीन बड़े शराब कांड, इतने लोगों की गई जान...कौन है मौत का सौदागर?

अगर, जिलाधिकारी की बात को मानें तो इस घटना के पहले दिन ही सीएम पुष्कर सिंह धामी के आदेश पर ना केवल डीजीपी अशोक कुमार ने संबंधित थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया था बल्कि आबकारी विभाग ने भी अपने साथ अधिकारियों पर गाज गिराई थी. उसके बावजूद भी जिला प्रशासन इस बात की हामी भरने के लिए क्यों तैयार नहीं हुआ? यह मौत शराब और जहरीली शराब पीने के कारण हुई है. इसके बाद हुई कार्रवाई में आबकारी विभाग और पुलिस प्रशासन ने कई शराब की भट्टियों को भी वहां पर पकड़ा. इतना ही नहीं संबंधित प्रत्याशी को गिरफ्तार करके भी यह सच सामने ला दिया कि यह मौत जहरीली शराब के कारण ही हुई हैं.
पढ़ें- हरिद्वार जहरीली शराब कांड में एक और मौत, सरकारी आंकड़ों में 9 लोगों की गई जान

हरिद्वार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव नजदीक है. ऐसे में नेताओं का भी मौके पर पहुंचने का सिलसिला जारी है, जो नेता अब तक नहीं पहुंचे थे वो घटना के दिन बाद लगातार पहुंच रहे हैं. आपको बता दें कि जिस दिन से ये घटना हुई है. उस दिन से हर रोज कोई ना कोई ग्रामीण अस्पताल में दम तोड़ रहा है और अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी हैं.

जहरीली शराब का कहर: हरिद्वार के पथरी थाना क्षेत्र के फूलगढ़ और शिवगढ़ गांव में बीती 10 सितंबर को जहरीली शराब (Haridwar poisonous liquor) पीने से चार लोगों की मौत हो गई थी. जिसके बाद मौत का सिलसिला बढ़ता गया. अबतक 9 लोगों की मौत हो चुकी है. 11 सितंबर को जहरीली शराब कांड के मुख्य आरोपी बिजेंद्र को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. आरोपी ने अपनी पत्नी को ग्राम प्रधान का चुनाव जिताने के लिए लोगों को शराब पिलाई थी.

देहरादून: हरिद्वार के पथरी प्रति थाना क्षेत्र में बीते दिनों हुए जहरीली शराब कांड के बाद जहां राजनेताओं का गांव में जमघट लगना शुरू हो गया है. तो वहीं, हैरानी की बात यह है कि जब पुलिस के अधिकारी और आबकारी विभाग के अधिकारी इस बात की पुष्टि कर रहे थे कि ये मौतें जहरीली शराब से हुई हैं, तब हरिद्वार के जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे यह बात मानने के लिए तैयार ही नहीं थे कि यह मौत जहरीली शराब से हुई हैं. मीडिया के पूछे जाने पर जिला अधिकारी दफ्तर कहता रहा कि कि कोई मौत आपसी झगड़े से हुई है तो कोई मौत अत्यधिक शराब पीने से.

हरिद्वार के जिलाधिकारी और एसएसपी के साथ-साथ आबकारी आयुक्त के बयान बेहद अलग हैं. शुरुआती दिनों से ही जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे प्रेस रिलीज के माध्यम से इस बात को खारिज करते आए हैं कि यह तमाम मौत जहरीली शराब से नहीं हुई हैं. जिलाधिकारी अपने बयान में कह रहे थे कि शिवगढ़ और फूलगढ़ में प्रथम दृष्टया यह प्रकरण सामने आया है कि जहरीली शराब से ये मौतें नहीं हुई है. उन्होंने अपने प्रेस रिलीज में बताया था कि अमरपाल की मौत आपसी मारपीट में हुई है. इसके साथ ही 40 वर्ष के मनोज और अरुण की मौत का कारण अत्यधिक शराब पीना बताया गया था. जिला प्रशासन यह मानने के लिए तैयार नहीं है कि ये मौत जहरीली शराब के कारण हुई हैं.

जहरीली शराब मामले पर एसएसपी योगेंद्र सिंह रावत का बयान

हरिद्वार एसएसपी योगेंद्र सिंह रावत जिलाधिकारी के उस बयान को लगातार खारिज कर रहे थे और इस बात की पुष्टि कर रहे थे कि यह तमाम मौतें जहरीली शराब के कारण ही हुई हैं. एसएसपी मौके पर पहुंचकर ना केवल लोगों से बातचीत के आधार पर यह बात कह रहे थे बल्कि अपनी कार्रवाई को अंजाम देने के बाद उन्होंने यह बात कही थी. अब सवाल यह खड़ा होता है कि इतना बड़े हादसा हो जाने के बाद आखिरकार जिला प्रशासन क्यों इस बात को स्वीकारने से बच रहा था? कहीं ना कहीं आबकारी विभाग और जिला प्रशासन की अनदेखी से यह मौतें हुई हैं? जिसका आंकड़ा आज 9 मौत पर पहुंच गया है.
पढ़ें- तीन साल में देहरादून-हरिद्वार में तीन बड़े शराब कांड, इतने लोगों की गई जान...कौन है मौत का सौदागर?

अगर, जिलाधिकारी की बात को मानें तो इस घटना के पहले दिन ही सीएम पुष्कर सिंह धामी के आदेश पर ना केवल डीजीपी अशोक कुमार ने संबंधित थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया था बल्कि आबकारी विभाग ने भी अपने साथ अधिकारियों पर गाज गिराई थी. उसके बावजूद भी जिला प्रशासन इस बात की हामी भरने के लिए क्यों तैयार नहीं हुआ? यह मौत शराब और जहरीली शराब पीने के कारण हुई है. इसके बाद हुई कार्रवाई में आबकारी विभाग और पुलिस प्रशासन ने कई शराब की भट्टियों को भी वहां पर पकड़ा. इतना ही नहीं संबंधित प्रत्याशी को गिरफ्तार करके भी यह सच सामने ला दिया कि यह मौत जहरीली शराब के कारण ही हुई हैं.
पढ़ें- हरिद्वार जहरीली शराब कांड में एक और मौत, सरकारी आंकड़ों में 9 लोगों की गई जान

हरिद्वार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव नजदीक है. ऐसे में नेताओं का भी मौके पर पहुंचने का सिलसिला जारी है, जो नेता अब तक नहीं पहुंचे थे वो घटना के दिन बाद लगातार पहुंच रहे हैं. आपको बता दें कि जिस दिन से ये घटना हुई है. उस दिन से हर रोज कोई ना कोई ग्रामीण अस्पताल में दम तोड़ रहा है और अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी हैं.

जहरीली शराब का कहर: हरिद्वार के पथरी थाना क्षेत्र के फूलगढ़ और शिवगढ़ गांव में बीती 10 सितंबर को जहरीली शराब (Haridwar poisonous liquor) पीने से चार लोगों की मौत हो गई थी. जिसके बाद मौत का सिलसिला बढ़ता गया. अबतक 9 लोगों की मौत हो चुकी है. 11 सितंबर को जहरीली शराब कांड के मुख्य आरोपी बिजेंद्र को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. आरोपी ने अपनी पत्नी को ग्राम प्रधान का चुनाव जिताने के लिए लोगों को शराब पिलाई थी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.