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ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से संविदा कर्मियों को दिखाया बाहर का रास्ता, धरने पर बैठे - रायपुर आयुध निर्माणी से कर्मचारी बाहर

देहरादून के रायपुर स्थित ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से मैनेजमेंट ने संविदा कर्मचारियों को बिना नोटिस बाहर का रास्ता दिखा दिया है. इससे आक्रोशित कर्मचारी गेट के बाहर ही धरने पर बैठ गए हैं. वहीं, उन्होंने मामले को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी को भी घेरा.

ऑर्डिनेंस फैक्ट्री संविदा कर्मचारी
ordnance factory workers
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Published : Oct 23, 2021, 4:17 PM IST

Updated : Oct 23, 2021, 4:43 PM IST

देहरादूनः आयुध निर्माणी यानी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री रायपुर से संविदा कर्मचारियों को बिना नोटिस बाहर करने का मामला सामने आया है. आक्रोशित कर्मचारी अब मैनेजमेंट के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे हैं. कर्मचारियों का आरोप है कि बिना नोटिस दिए उन्हें काम करने से मना कर दिया है. साथ ही उन्हें मेनगेट के अंदर घुसने नहीं दिया जा रहा है. जिसके बाद सभी कर्मचारी फैक्ट्री के बाहर ही धरने पर बैठ गए हैं.

आयुध निर्माणी रायपुर के मैनेजमेंट की ओर से अचानक लिए इस फैसले से संविदा कर्मचारी काफी गुस्से में हैं. कर्मचारियों को भी कुछ समझ में नहीं आ रहा कि आखिर फैक्ट्री प्रबंधन ने ऐसा कदम क्यों उठाया है? जबकि, वो लंबे समय से फैक्ट्री में अपनी सेवाएं दे रहे थे. नाराज कर्मचारियों ने ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के गेट पर प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और वहीं धरने पर बैठ गए.

ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के बाहर धरने पर बैठे संविदा कर्मी.

ये भी पढ़ेंः HP कंपनी के कर्मचारियों ने श्रम विभाग परिसर में किया प्रदर्शन, फैक्ट्री बंद करने से नाराज

वहीं, सूचना मिलने पर इंटक के अध्यक्ष हीरा सिंह बिष्ट भी मौके पर पहुंचे और मैनेजमेंट के इस कदम को तानाशाही बताया. इंटक अध्यक्ष बिष्ट ने कहा कि वो संविदा कर्मचारियों के साथ हैं. अगर फैक्ट्री प्रबंधन कर्मचारियों को वापस नहीं लेता है तो एक बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः श्रमिकों के वेतन कटौती पर HC सख्त, उप श्रम आयुक्त को प्रत्यावेदन निस्तारित करने के निर्देश

कर्मचारियों का कहना है कि उनका टेंडर 2022 तक है, लेकिन फैक्ट्री प्रबंधन ने बिना नोटिस दिए अचानक से उन्हें काम करने से मना कर दिया है. उनका आरोप है कि फैक्ट्री प्रबंधन ने सभी श्रम कानूनों का उल्लंघन करते हुए दिवाली से पहले ही उन्हें बिना जानकारी के निकाल दिया, जो न्याय संगत नहीं है.

कर्मचारियों ने मोदी सरकार को भी घेराः कर्मचारियों का कहना है कि पीएम मोदी रोजगार देने की बात करते हैं, लेकिन रोजगार देना तो दूर इस फैक्ट्री को भी बेच दिया है. ऐसे में फैक्ट्री प्रबंधन को कम से कम जिनका टेंडर हुआ है, उनको काम करने देना चाहिए. मैनेजमेंट बीते 48 घंटे से धरने पर बैठे लोगों से बात तक करने को राजी नहीं है. जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती, तब तक उनका धरना शांतिपूर्ण तरीके से जारी रहेगा.

ये भी पढ़ेंः फैक्ट्री कर्मियों ने बनाया महिला का अश्लील वीडियो, पीड़िता ने किया आत्महत्या का प्रयास

देहरादूनः आयुध निर्माणी यानी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री रायपुर से संविदा कर्मचारियों को बिना नोटिस बाहर करने का मामला सामने आया है. आक्रोशित कर्मचारी अब मैनेजमेंट के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे हैं. कर्मचारियों का आरोप है कि बिना नोटिस दिए उन्हें काम करने से मना कर दिया है. साथ ही उन्हें मेनगेट के अंदर घुसने नहीं दिया जा रहा है. जिसके बाद सभी कर्मचारी फैक्ट्री के बाहर ही धरने पर बैठ गए हैं.

आयुध निर्माणी रायपुर के मैनेजमेंट की ओर से अचानक लिए इस फैसले से संविदा कर्मचारी काफी गुस्से में हैं. कर्मचारियों को भी कुछ समझ में नहीं आ रहा कि आखिर फैक्ट्री प्रबंधन ने ऐसा कदम क्यों उठाया है? जबकि, वो लंबे समय से फैक्ट्री में अपनी सेवाएं दे रहे थे. नाराज कर्मचारियों ने ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के गेट पर प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और वहीं धरने पर बैठ गए.

ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के बाहर धरने पर बैठे संविदा कर्मी.

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वहीं, सूचना मिलने पर इंटक के अध्यक्ष हीरा सिंह बिष्ट भी मौके पर पहुंचे और मैनेजमेंट के इस कदम को तानाशाही बताया. इंटक अध्यक्ष बिष्ट ने कहा कि वो संविदा कर्मचारियों के साथ हैं. अगर फैक्ट्री प्रबंधन कर्मचारियों को वापस नहीं लेता है तो एक बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा.

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कर्मचारियों का कहना है कि उनका टेंडर 2022 तक है, लेकिन फैक्ट्री प्रबंधन ने बिना नोटिस दिए अचानक से उन्हें काम करने से मना कर दिया है. उनका आरोप है कि फैक्ट्री प्रबंधन ने सभी श्रम कानूनों का उल्लंघन करते हुए दिवाली से पहले ही उन्हें बिना जानकारी के निकाल दिया, जो न्याय संगत नहीं है.

कर्मचारियों ने मोदी सरकार को भी घेराः कर्मचारियों का कहना है कि पीएम मोदी रोजगार देने की बात करते हैं, लेकिन रोजगार देना तो दूर इस फैक्ट्री को भी बेच दिया है. ऐसे में फैक्ट्री प्रबंधन को कम से कम जिनका टेंडर हुआ है, उनको काम करने देना चाहिए. मैनेजमेंट बीते 48 घंटे से धरने पर बैठे लोगों से बात तक करने को राजी नहीं है. जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती, तब तक उनका धरना शांतिपूर्ण तरीके से जारी रहेगा.

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Last Updated : Oct 23, 2021, 4:43 PM IST
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