देहरादून: त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल जुलाई महीने में खत्म हो रहा है, जिसको देखते हुए चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं. त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव 2019 में इस बार हरिद्वार जिले को छोड़कर बाकी प्रदेश के 12 जिलों में चुनाव होंगे. बताया जा रहा है कि इस बार पंचायती चुनाव में दो से अधिक बच्चों वाले नेता चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. दरअसल, त्रिवेंद्र सरकार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2019 में नगर निकायों की तरह ही बच्चों वाला प्रावधान लागू कर सकती है.
त्रिस्तरीय पंचायत के लिए पंचायती राज एक्ट साल 2016 में बनाया था, जिसके बाद अब सरकार ने पंचायती राज एक्ट में कुछ संसोधन कर सकती है. जानकारी के मुताबिक, इस नियम को लागू करने की सहमती शासन से भी मिल चुकी है. माना जा रहा है कि पौड़ी में होने वाली कैबिनेट की बैठक में पंचायती राज एक्ट को संशोधित करने के प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है. इसके साथ ही हरियाणा की तरह ही पंचायत चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता का निर्धारण करने को लेकर भी मंथन लगभग पूरा हो गया है. इसके लिए पिछले साल ही पंचायती राज मंत्री अरविंद पांडे ने अधिकारियों को इससे जुड़े तथ्य जुटाने को कहा था.
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माना जा रहा है कि त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव सितंबर महीने में हो सकते हैं. इससे पहले पंचायती राज एक्ट में संसोधन का प्रस्ताव 29 जून को पौड़ी में होने वाले कैबिनेट में लाया जा सकता है. कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद इस एक्ट को संसोधित किया जा सकता है. सूत्रों की मानें तो राज्य सरकार ने पंचायत चुनाव में उम्मीदवार की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता को वर्गों के अनुसार रखा है. सामान्य वर्ग के लिए हाई स्कूल, एससी/एसटी वर्ग के लिए आठवीं और महिलाओं के लिए पांचवीं पास होना जरूरी होगा.
बता दें कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2019 में प्रदेश के 12 जिलों में होंगे. क्योंकि, हरिद्वार जिले के त्रिस्तरीय पंचायत का कार्यकाल साल 2021 में समाप्त हो रहा है. इसलिए, हरिद्वार जिले में पंचायत चुनाव 2021 में कराये जायेंगे. हरिद्वार जिले में कुल 306 ग्राम पंचायत, 6 क्षेत्र पंचायत और एक जिला पंचायत है. वहीं, प्रदेश के अन्य 12 जिलों में कुल 7491 ग्राम प्रधान, 55506 ग्राम पंचायत सदस्य, 2988 क्षेत्र पंचायत सदस्य और 357 जिला पंचायत सदस्य चुने जाने हैं.