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त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव में लागू हो सकता है दो बच्चों वाला नियम, शैक्षिक योग्यता अनिवार्य करने पर भी विचार

राज्य सरकार निकाय चुनाव की तरह ही पंचायतों में भी चुनाव लड़ने के लिए दो बच्चों की शर्त को लागू करने की तैयारी की जा रही है. आगामी 29 जून को पौड़ी में होने वाली कैबिनेट बैठक में पंचायती राज एक्ट को संशोधित करने के प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है. ये नियम अगर लागू हो जाता है तो दो से अधिक बच्चे वाले प्रत्याशी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.

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Published : Jun 22, 2019, 7:40 AM IST

देहरादून: त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल जुलाई महीने में खत्म हो रहा है, जिसको देखते हुए चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं. त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव 2019 में इस बार हरिद्वार जिले को छोड़कर बाकी प्रदेश के 12 जिलों में चुनाव होंगे. बताया जा रहा है कि इस बार पंचायती चुनाव में दो से अधिक बच्चों वाले नेता चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. दरअसल, त्रिवेंद्र सरकार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2019 में नगर निकायों की तरह ही बच्चों वाला प्रावधान लागू कर सकती है.

त्रिस्तरीय पंचायत के लिए पंचायती राज एक्ट साल 2016 में बनाया था, जिसके बाद अब सरकार ने पंचायती राज एक्ट में कुछ संसोधन कर सकती है. जानकारी के मुताबिक, इस नियम को लागू करने की सहमती शासन से भी मिल चुकी है. माना जा रहा है कि पौड़ी में होने वाली कैबिनेट की बैठक में पंचायती राज एक्ट को संशोधित करने के प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है. इसके साथ ही हरियाणा की तरह ही पंचायत चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता का निर्धारण करने को लेकर भी मंथन लगभग पूरा हो गया है. इसके लिए पिछले साल ही पंचायती राज मंत्री अरविंद पांडे ने अधिकारियों को इससे जुड़े तथ्य जुटाने को कहा था.

पढ़ें- त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव को लेकर सरगर्मियां शुरू, 12 जुलाई को जारी होगी पहली वोटर लिस्ट

माना जा रहा है कि त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव सितंबर महीने में हो सकते हैं. इससे पहले पंचायती राज एक्ट में संसोधन का प्रस्ताव 29 जून को पौड़ी में होने वाले कैबिनेट में लाया जा सकता है. कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद इस एक्ट को संसोधित किया जा सकता है. सूत्रों की मानें तो राज्य सरकार ने पंचायत चुनाव में उम्मीदवार की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता को वर्गों के अनुसार रखा है. सामान्य वर्ग के लिए हाई स्कूल, एससी/एसटी वर्ग के लिए आठवीं और महिलाओं के लिए पांचवीं पास होना जरूरी होगा.

बता दें कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2019 में प्रदेश के 12 जिलों में होंगे. क्योंकि, हरिद्वार जिले के त्रिस्तरीय पंचायत का कार्यकाल साल 2021 में समाप्त हो रहा है. इसलिए, हरिद्वार जिले में पंचायत चुनाव 2021 में कराये जायेंगे. हरिद्वार जिले में कुल 306 ग्राम पंचायत, 6 क्षेत्र पंचायत और एक जिला पंचायत है. वहीं, प्रदेश के अन्य 12 जिलों में कुल 7491 ग्राम प्रधान, 55506 ग्राम पंचायत सदस्य, 2988 क्षेत्र पंचायत सदस्य और 357 जिला पंचायत सदस्य चुने जाने हैं.

देहरादून: त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल जुलाई महीने में खत्म हो रहा है, जिसको देखते हुए चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं. त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव 2019 में इस बार हरिद्वार जिले को छोड़कर बाकी प्रदेश के 12 जिलों में चुनाव होंगे. बताया जा रहा है कि इस बार पंचायती चुनाव में दो से अधिक बच्चों वाले नेता चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. दरअसल, त्रिवेंद्र सरकार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2019 में नगर निकायों की तरह ही बच्चों वाला प्रावधान लागू कर सकती है.

त्रिस्तरीय पंचायत के लिए पंचायती राज एक्ट साल 2016 में बनाया था, जिसके बाद अब सरकार ने पंचायती राज एक्ट में कुछ संसोधन कर सकती है. जानकारी के मुताबिक, इस नियम को लागू करने की सहमती शासन से भी मिल चुकी है. माना जा रहा है कि पौड़ी में होने वाली कैबिनेट की बैठक में पंचायती राज एक्ट को संशोधित करने के प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है. इसके साथ ही हरियाणा की तरह ही पंचायत चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता का निर्धारण करने को लेकर भी मंथन लगभग पूरा हो गया है. इसके लिए पिछले साल ही पंचायती राज मंत्री अरविंद पांडे ने अधिकारियों को इससे जुड़े तथ्य जुटाने को कहा था.

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माना जा रहा है कि त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव सितंबर महीने में हो सकते हैं. इससे पहले पंचायती राज एक्ट में संसोधन का प्रस्ताव 29 जून को पौड़ी में होने वाले कैबिनेट में लाया जा सकता है. कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद इस एक्ट को संसोधित किया जा सकता है. सूत्रों की मानें तो राज्य सरकार ने पंचायत चुनाव में उम्मीदवार की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता को वर्गों के अनुसार रखा है. सामान्य वर्ग के लिए हाई स्कूल, एससी/एसटी वर्ग के लिए आठवीं और महिलाओं के लिए पांचवीं पास होना जरूरी होगा.

बता दें कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2019 में प्रदेश के 12 जिलों में होंगे. क्योंकि, हरिद्वार जिले के त्रिस्तरीय पंचायत का कार्यकाल साल 2021 में समाप्त हो रहा है. इसलिए, हरिद्वार जिले में पंचायत चुनाव 2021 में कराये जायेंगे. हरिद्वार जिले में कुल 306 ग्राम पंचायत, 6 क्षेत्र पंचायत और एक जिला पंचायत है. वहीं, प्रदेश के अन्य 12 जिलों में कुल 7491 ग्राम प्रधान, 55506 ग्राम पंचायत सदस्य, 2988 क्षेत्र पंचायत सदस्य और 357 जिला पंचायत सदस्य चुने जाने हैं.

Intro:summary - राज्य सरकार निकाय चुनाव की तरह ही पंचायतों में भी चुनाव लड़ने के लिए दो बच्चों की शर्त को लागू करने की तैयारी में, आगामी 29 जून को पौड़ी में होने वाली कैबिनेट की बैठक में पंचायती राज एक्ट को संशोधित करने के प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है।

Intro - त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल जुलाई महीने में समाप्त हो रहा हैं, जिसको देखते हुए पंचायती राज महकमा तैयारियों में जुटा हुआ है। त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव 2019 में इस बार हरिद्वार जिले को छोड़कर बाकी प्रदेश के 12 जिलों में कराए जाएंगे। लेकिन इस बार पंचायती चुनाव में दो से अधिक बच्चों वाले नेता चुनाव नही लड़ पाएंगे। जी हा राज्य सरकार, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2019 में नगर निकायों की भांति प्रावधान लागू कर सकती है। सूत्रों की माने तो इस संबंध में शासन में सहमती भी बन चुकी हैं। और पौड़ी में होने वाली कैबिनेट की बैठक में पंचायती राज एक्ट को संशोधित करने के प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है।


Body:साल 2016 में त्रिस्तरीय पंचायत के लिए पंचायतीराज एक्ट बनाया था। जिसके बाद अब सरकार ने पंचायतीराज एक्ट में कुछ संसोधन कर सकती हैं। हालांकि राज्य सरकार निकाय चुनाव की तरह ही पंचायतों में भी चुनाव लड़ने के लिए दो बच्चों की शर्त का निर्धारण कर सकती है। इसके साथ ही हरियाणा राज्य की तरह ही पंचायत चुनाव में खड़े हो रहे प्रत्याशियों के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता का निर्धारण करने को लेकर मंथन लगभग पूरा हो गया हैं। और इसके लिए पिछले साल ही पंचायतीराज मंत्री ने अधिकारियों को इससे जुड़े तथ्य जुटाने को कहा था।


हालांकि त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव सितंबर महीने में होना संभावित माना जा रहा है, इससे पहले पंचायती राज एक्ट में संसोधन का प्रस्ताव 29 जून को पौड़ी में होने वाले कैबिनेट में लगाया जा सकता है। और कैबिनेट में मंजूरी मिलने के बाद इस एक्ट को संसोधित किया जा सकता है। सूत्रों की माने तो राज्य सरकार ने पंचायत चुनाव में उम्मीदवार की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता को वर्गों के अनुसार रखा है। सामान्य वर्ग के लिए हाईस्कूल, एससी/एसटी वर्ग के लिए आठवी और महिलाओ के लिए पाचवी पास होना जरूरी होगा। और इस मसले पर शासन स्तर पर गहनता से चर्चा चल रही है। 



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