देहरादून: हरिद्वार जनपद के कांग्रेस विधायकों ने अब प्रदेश सरकार और निर्वाचन आयोग को हरिद्वार जनपद में होने वाले त्रिस्तरीय चुनाव के लिए ग्राम पंचायत स्तर सहित क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत स्तर के लिए हुए परिसीमन को लेकर घेराबंदी शुरू कर दी है. कांग्रेस विधायकों का आरोप है कि प्रदेश सरकार हरिद्वार जनपद में त्रिस्तरीय चुनाव ही नहीं करवाना चाहती है. विधानसभा में नियम 58 के तहत इसे मुद्दे को उठाया गया था. अब जब त्रिस्तरीय चुनाव के लिए परिसीमन किया गया, तो उसमें भी धांधली कर इन चुनाव की गरिमा को प्रभावित करने की कोशिश की गई है.
बुधवार को हरिद्वार जनपद के सभी कांग्रेस विधायक सहित प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकर्ता निर्वाचन आयुक्त चंद्रशेखर भट्ट के कार्यालय में पहुंचे. जहां पर हरिद्वार जनपद की पिरान कलियर सीट से कांग्रेस विधायक फुरकान अहमद ने कहा कि हरिद्वार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण-परिसीमन के संबंध में हरिद्वार प्रशासन की ओर से राजनीतिक दबाव में आकर जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत, ग्राम पंचायत परिसीमन के नियमों को ताक पर रखकर किया गया है. आरक्षण में पंचायत राज अधिनियम में सर्वोच्च न्यायालय के अधिकतम आरक्षण सीमा 50 प्रतिशत के नियमों की भी धज्जियां उड़ाकर रख दी हैं.
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उन्होंने कहा कि आरक्षण रोटेशन में सभी नियमों को ताक पर रखकर मनमानी की गई हैं. उन्होंने कहा कि अधिकांश ऐसी ग्राम सभाएं हैं जहां पर SC, पिछड़ी और अनुसूचित जाति नहीं हैं, वहां भी आरक्षण में मनमानी की गई है. जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत के आरक्षण व परिसीमन में भाजपा नेताओं को अनैतिक लाभ पहुंचाने लिए कानून का खुला उल्लंघन किया गया है.
कांग्रेस विधायकों का कहना है कि इस संबंध में 12 जुलाई को जिला निर्वाचन अधिकारी हरिद्वार द्वारा आपत्तियों पर सुनवाई की गई. परन्तु इसमें भी कोई न्याय होता दिखाई नहीं दे रहा है, क्योंकि तर्कसंगत व न्याय संगत बिन्दुओं को सुनवाई के दौरान गंभीरता से नहीं सुना गया. यह परिसीमन व आरक्षण लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है. जिसके विरोध में कांग्रेस जनहित को देखते हुए लड़ाई लड़ेगी. उन्होंने कहा कि पहले ही पिछले एक वर्ष से हरिद्वार जनपद के गांवों को लावारिस हालत में छोड़ दिया गया, तो अब परिसीमन में धांधली कर आम व्यक्ति के हक को मारा जा रहा है.