देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा में यह अपने आप में पहला मौका होगा, जब विपक्ष के सभी विधायकों को निलंबित कर दिया गया. मामला विपक्ष के विधायक के विशेषाधिकार हनन का था. हालांकि इसमें सदन को गलत जानकारी देने की बात पर विधानसभा अध्यक्ष ने जांच के आदेश कर दिए हैं. लेकिन इस पूरे घटनाक्रम के बाद कांग्रेस ने ऐसे अधिकारियों को सबक सिखाने की चेतावनी दे दी है जो सरकार का पिट्ठू बनकर काम कर रहे हैं.
उत्तराखंड विधानसभा में कांग्रेसी विधायकों का हंगामा काफी आक्रामक दिखाई दिया, एक दिन पहले विधानसभा सदन में हुए इस पूरे घटनाक्रम को लेकर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने जांच के आदेश तो दे दिए हैं. लेकिन जिस तरह सदन में गलत जानकारी दी गई और अधिकारियों का विपक्षी विधायकों को लेकर जो रुख रहा उस पर कांग्रेस ने अफसरों को सीधी चेतावनी दे डाली है. बता दें कि मामला उधम सिंह नगर जिले से कांग्रेस विधायक आदेश चौहान से जुड़ा है. जिनके गनर वापस लेने को लेकर उन्होंने अपनी बात सदन में रखी थी और इस दौरान काफी गहमागहमी के बीच कांग्रेसी विधायकों को निलंबित भी कर दिया गया था. हालांकि इस मामले में कांग्रेसी विधायकों ने अपनी बात रखी और सदन में अधिकारियों द्वारा गलत जानकारी दिए जाने का पक्ष रखा तो विधानसभा अध्यक्ष ने मामले को गंभीर मानते हुए इसकी जांच के आदेश भी कर दिए.
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इस पूरे घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस आक्रोशित दिखाई दे रही है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने तो उधम सिंह नगर जिले के पुलिस अधिकारी को मुख्यमंत्री का बेहद करीबी बताकर उनके द्वारा गलत कार्रवाई का आरोप लगाया. साथ ही साफ कर दिया कि जब कांग्रेस की सरकार आएगी तो सरकार के इशारे पर काम करने वाले अफसरों को सबक सिखाया जाएगा. कांग्रेस का कुछ अधिकारियों को लेकर यह रुख खासा चर्चा में है. खास तौर पर उधम सिंह नगर के एसएसपी पर पार्टी नेता बेहद ज्यादा नाराज है और उनके बहाने अब ऐसे अफसरों को भी सबक सिखाने की बात करते नजर आ रहे हैं जो सरकार के इशारे पर काम कर रहे हैं. हालांकि कांग्रेस के भीतर अधिकारियों को लेकर इस तरह के आक्रोश पर भाजपा के नेता हमलावर रुख में दिखाई दे रहे हैं. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र बिष्ट कहते हैं कि कांग्रेस की तरफ से इस तरह के बयान बेहद गलत है और उनके इस बयान को परिपक्वता नहीं कहा जा सकता है. यही नहीं इस तरह का बयान अफसरों को ब्लैकमेल करने जैसा भी है.