देहरादून: आपातकालीन सेवा 108 व खुशियों की सवारी में तैनात प्रदेशभर के फील्ड कर्मचारियों के समर्थन में कांग्रेस भी सड़कों पर उतरने को तैयार है. कर्मचारी प्रदेश में आगामी एक मई से इस सेवा का जिम्मा संभालने जा रही नई कंपनी में समायोजन की मांग कर रहे हैं. अपनी मांग को लेकर बुधवार से कर्मचारी आंदोलन पर हैं.
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आंदोलनरत कर्मचारियों के सहारे कांग्रेस को भी सरकार पर हमला बोलने की मौका मिल गया है. कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि यदि सरकार ने 108 और खुशियों की सवारी सेवा में तैनात कर्मचारियों की समस्या का जल्द समाधान नहीं किया तो कांग्रेस, सरकार के खिलाफ आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेगी.
धस्माना ने त्रिवेंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सवा सौ लाख लोगों को स्वास्थ्य क्षेत्र में आपातकालीन सेवाएं देने वाली 108 और खुशियों की सवारी के कर्मचारियों की सरकार अनदेखी कर रही है. जबकि स्वास्थ्य महकमा खुद मुख्यमंत्री के पास है.
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इतना ही उन्होंने नई कंपनी के टेंडर पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार पिछले 11 सालों से 108 सेवा का काम कर रही जीवीके कंपनी से काम वापस लेकर मध्य प्रदेश की नई कंपनी को टेंडर दे दिया है, जिसे कोई अनुभव नहीं है.
धस्माना ने आरोप लगाया कि आगामी 30 अप्रैल से 108 का संचालन करने जा रही कैंप कंपनी मध्य प्रदेश के एक बड़े बीजेपी नेता के संरक्षण में चल रही है. यही कारण है कि बीजेपी शासित राज्यों में आरएसएस और उनकी विचारधाराओं को संतुष्ट करने वाली संस्थाओं के हाथों में ही जिम्मेदारियां सौंपी जा रही हैं.
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जीवीके कंपनी में 11 सालों से काम कर रहे कर्मचारियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है और सीएम कह रहे हैं कि यह सरकारी कर्मचारी नहीं है बल्कि कंपनी के कर्मी हैं. सीएम का ये बयान बेहद निंदनीय है. क्योंकि कंपनी में कार्यरत 717 कर्मचारी उत्तराखंड मूल के हैं. नई कंपनी अनुभवहीन कर्मचारियों को भर्ती कर रही है. जिन्हें उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति तक का ज्ञान नहीं है.
धस्माना ने कहा कि वे गुरुवार शाम 8 बजे मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह से मुलाकात करेंगे और इस मामले पर वार्ता करेंगे. कांग्रेस ये सुनिश्चित करेगी कि नई कंपनी में एक भी कर्मचारी की सेवा समाप्त न हो और न ही उनके वेतन भत्तों में किसी तरह की कटौती की जाए.